'डिजिटल रुपया क्या है? ई-रूपी का इस्तेमाल आप कैसे करेंगे? इससे कितना होगा फायदा? क्या इस पर ब्याज भी मिलेगा?

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Prabhasakshi
कमलेश पांडे । Nov 3 2022 5:34PM

आरबीआई के मुताबिक, सीबीडीसी (डिजिटल रुपी/ई-रूपी) एक भुगतान का माध्यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा। इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट यानी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी।

भारत का केंद्रीय बैंक कहा जाने वाला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अपना सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) ई-रूपी मंगलवार को जारी कर चुकी है, जो  वित्तीय दुनिया के सबसे बड़े विकासों में से एक है। इसका पूरा प्रभाव निकट भविष्य में दिखाई देगा। साथ ही यह उम्मीद की जाती है कि भारत डिजिटल मुद्राओं को अपनाने की दिशा में तेजी से प्रगति करते हुए दुनिया में कोई बड़ा कदम उठाएगा। 

बता दें कि देश भर में यूपीआई और क्यूआर-आधारित भुगतानों को तेजी से अपनाने के साथ भारत के पास पहले से ही ऐसी तकनीक को अपनाने का एक शानदार रिकॉर्ड है। इसलिए यह योजना हर हाल में सफल होगी और दुनिया की भुगतान प्रणाली पर अपनी अमिट छाप छोड़ेगी। इससे आपको भुगतान का एक और विकल्प मिलने वाला है। 

तो आइए यहां जानते हैं डिजिटल रुपया यानी ई-रूपी क्या है? ये डिजिटल करेंसी कैसे काम करेगी और ग्राहकों के लिए यह किस तरह से फायदेमंद साबित होगी। यानी इससे ग्राहकों को क्या-क्या फायदा मिलेगा-

# सीबीडीसी यानी डिजिटल रुपया/ ई-रूपी का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर 2022 से हो चुका है शुरू

आरबीआई के मुताबिक, सीबीडीसी यानी डिजिटल रुपया/ ई-रूपी का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर 2022 से शुरू हो चुका है, जिसमें नौ बैंक सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करेंगे।

ये बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी है। 

केंद्रीय बैंक ने बताया कि डिजिटल रुपये (थोक खंड) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर 2022 को शुरू हुआ, जिसके तहत सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा। जानकारों के मुताबिक, ब्लॉकचेन आधारित डिजिटल रूपी को दो तरह से लॉन्च किया जाना था। पहला होलसेल ट्रांजैक्शन और दूसरा रिटेल में आम पब्लिक के लिए। 

इसलिए आरबीआई ने कहा है कि डिजिटल रुपये (खुदरा खंड) का पहला पायलट परीक्षण भी एक महीने के भीतर यानी नवम्बर में ही शुरू करने की योजना है। यह परीक्षण विशेष उपयोगकर्ता समूहों के बीच चुनिंदा स्थानों में किया जाएगा, जिसमें ग्राहक और कारोबारी शामिल होंगे।

# आरबीआई ने पिछले महीने ही की थी शुरू करने की घोषणा 

गौरतलब है कि आरबीआई ने गत अक्टूबर महीने की शुरुआत में ही एक घोषणा करते हुए कहा था कि वह जल्द ही खास इस्तेमाल के लिए डिजिटल रुपया (ई-रूपी) का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करेगा। जिसके लिए उसने 1 नवंबर 2022 की तारीख तय की थी। तय अवधि पर उसने ई-रूपी लांच कर दी। आरबीआई होलसेल ट्रांजैक्शन और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट के लिए अपने डिजिटल रूपी की शुरुआत किया है। फिलहाल यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। 

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# जानिए, ये है आरबीआई का ई-रूपी लाने का मकसद

केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है सीबीडीसी। दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल रुपया पेश करने का ऐलान किया था। जिसके दृष्टिगत ही बीते दिनों केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया था कि आरबीआई डिजिटल रुपया यानी ई-रूपी का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल करेंसी को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है।

# समझिए, आप ऐसे कर सकेंगे ई-रूपी का इस्तेमाल

आरबीआई के मुताबिक, सीबीडीसी (डिजिटल रुपी/ई-रूपी) एक भुगतान का माध्यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा। इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट यानी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी ई-रूपी आने के बाद अब आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत ही नहीं होगी या फिर कम हो जाएगी।

# आप अपने मोबाइल वॉलेट में भी रख सकेंगे डिजिटल करेंसी ई-रूपी

डिजिटल करेंसी ई-रूपी को आप अपने मोबाइल वॉलेट में भी रख सकेंगे। इसके अतिरिक्त, यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में भी आसानी से कन्वर्ट करा सकेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि इस डिजिटल रुपया का सर्कुलेशन पूरी तरह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियंत्रण में होगा, जिससे हर प्रकार की धोखाधड़ी पर लगाम लगेगा। जानकार बताते हैं कि डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए भी लेनदेन की लागत में कमी आएगी। हालांकि, इस डिजिटल करेंसी के आने से देश की मौजूदा भुगतान प्रणालियों में कोई बदलाव नहीं होगा।

# सीबीडीसी को इस्तेमाल करना बेहद आसान

आप किसी को भी पेमेंट करने के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। सीबीडीसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखेगा और करेंसी नोट से इसे बदला भी जा सकेगा। ठीक उसी तरह जैसे हम ऑनलाइन अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करते हैं या मोबाइल वॉलेट चेक करते है, उसी तरह ई-रूपी को इस्तेमाल कर सकेंगे। डिजिटल रुपी को यूपीआई से भी जोड़े जाने की तैयारी है।

# आंकिये, सीबीडीसी से ये-ये है फायदा

सीबीडीसी, भारतीय केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा है। यानी कि देश की मुख्य मुद्रा का यह डिजिटल रूप है। इसे केंद्रीय बैंक द्वारा जारी और विनियमित किया जाता है। सीबीडीसी से वित्तीय समावेशन के साथ साथ भुगतान दक्षता बढ़ती है। यह आपराधिक गतिविधि रोकती है। यह अंतरराष्ट्रीय भुगतान विकल्पों में सुधार करती है। संभावित रूप से शुद्ध लेनदेन लागत को कम करती है।

# सीबीडीसी से घटेगा धन भेजने का खर्च 

विशेषज्ञों के मुताबिक, आरबीआई की डिजिटल मुद्रा में सौदों का निपटान करने से निपटान लागत में कमी आने की संभावना है। विश्व बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7 से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है, जबकि डिजिटल करेंसी के आने से इस मद में 2 तक की कमी आएगी।

# बिना इंटरनेट के भी लेनदेन के योग्य है सीबीडीसी

करेंसी विशेषज्ञों के मुताबिक, ई-रुपया टोकन आधारित होगा। इसका आशय यह है कि आप जिस व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं, उसकी पब्लिक 'की' के जरिये भेज सकते हैं। यह एक ईमेल आईडी जैसा हो सकता है। आपको पैसे भेजने के लिए पासवर्ड डालना होगा। ई- रुपया बिना इंटरनेट के भी काम करेगा। हालांकि, इस पर विस्तार से जानकारी आनी बाकी है।

# सीबीडीसी पर नहीं मिलेगा कोई ब्याज 

आरबीआई के मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक, ई-रुपया पर कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने इसकी वजह बताते हुए कहा है कि अगर यह कदम उठाया जाता है यानी कि इस पर ब्याज दिया जाता है तो बड़ी संख्या में लोग पैसे निकालकर बैंकों से ई-रुपया में बदलने में जुट सकते हैं। इससे मुद्रा बाजार में अस्थिरता आ सकती है।

# सोचिए, ये ये देश अपना चुके हैं क्रिप्टोकरंसी

केंद्रीय बैंक की तरफ से डिजिटल मुद्रा जारी करने वाला भारत दुनिया का पहला देश होगा। इससे पहले दुबई (यूएई), रूस, स्वीडन, जापान, एस्तोनिया और वेनेजुएला जैसे देश अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च कर चुके हैं।

# सीमा पार भुगतान पर भी दिया जाएगा ध्यान

रिजर्व बैंक के मुताबिक, भविष्य के पायलट परीक्षणों में थोक स्तर पर होने वाले अन्य सौदों एवं सीमा पार भुगतान पर भी ध्यान दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। जिससे उपयोगकर्ताओं को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान के विकल्प मिल पाएंगे। 

बता दें कि किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी होने वाले मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है सीबीडीसी। इसलिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी लाने की संभावनाओं को टटोल रहे हैं, ताकि मौद्रिक लेन-देन की प्रक्रिया को सरल, सहज व पारदर्शी बनाया जा सके। 

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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