आ गया भारत का अपना डिजिटल रुपया: क्या है Digital करेंसी, इससे राशन भी खरीदा जा सकता है? आप पर इसका क्या असर पड़ेगा, पूरी जानकारी

digital currency
creative common
अभिनय आकाश । Nov 2 2022 4:45PM

पायलट प्रोजेक्ट में देश के 9 बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेन देन के लिए इस डिजिटल करेंसी का उपयोग करेंगे। पैसा अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही वर्चुअल रूप में होगा लेकिन डिजिटल रुपया विकेंद्रीकृत नहीं होगा।

भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने 1 नवंबर को डिजिटल रुपया लॉन्च कर दिया। देश के केंद्रीय बैंक की तरफ से इस पायलट प्रोजेक्ट को पहले पहल होल सेल मार्केट के लिए लॉन्च किया गया। आरबीआई के इस डिजिटल रुपया को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी का नाम दिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट में देश के 9 बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेन देन के लिए इस डिजिटल करेंसी का उपयोग करेंगे। पैसा अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही वर्चुअल रूप में होगा लेकिन डिजिटल रुपया विकेंद्रीकृत नहीं होगा, इसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। डिजिटल रुपया पूरी तरह से कानूनी होगा और भारत सरकार को स्वीकार्य होगा। ऐसे में आज आपको इस विश्लेषण में बताते हैं कि क्या है भारत की पहली डिजिटल करेंसी, आप पर इसका क्या असर पड़ेगा। 

इसे भी पढ़ें: प्रतिबंधित रूसी बिजनेसमैन की यॉट की पार्किंग पर विवाद गहराया, अमेरिका ने दी धमकी, हांगकांग बोला- हम केवल UN के प्रतिबंधों को मानते हैं

क्या है डिजिटल रुपया?

डिजिटल रुपया, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप में भी जाना जाता है। ये एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है। यह बैंक नोटों से काफी अलग नहीं है, लेकिन डिजिटल होने की वजह से इसके आसान, तेज और सस्ता होने की संभावना है। इसमें डिजिटल मनी के अन्य रूपों के सभी लेन-देन संबंधी लाभ भी हैं। ये करेंसी नोटों की तरह ही पूरी तरह से वैध और मान्य है। जिसका इस्तेमाल सभी तरह के लेन-देन के लिए किया जा सकेगा। आरबीआई ने करेंसी को दो भागों में सीबीडीसी डब्लयू और सीबीडीसी आर में बांटा है। सीबीडीसी डब्ल्यू मतलब होलसेल करेंसी और सीबीडीसी आर मतलब रिटेल करेंसी। डिजिटल इकोनॉमी विकसित करने की दिशा में इसको एक बड़ा कदम माना जा रहा है। 

कहां लागू होगा?

डिजिटल रुपये की खासियत यही है कि ये नोट या सिक्के की तरह आपको दिखाई नहीं देगा। ये आपके मोबाइल फोन, बैंक अकाउंट, डिजिटल वॉलेट में नगदी की तरह रहेगा और आप जब चाहे इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। डिजिटल रुपये का इस्तेमाल बड़े भुगतान और निपटान के लिए किया जाएगा। आरबीआई के मुताबिक इसका इस्तेमाल सरकारी प्रतिभूतियों यानी सरकारी बॉन्ड की खरीद-बिक्री पर सेटलमेंट राशि के तौर पर किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि इसका इस्तेमाल जल्द ही खुदरा लेनदेन के लिए भी किया जाएगा। डिजिटल करेंसी को भविष्य में विदेशों में भी लेन देन के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसकी वैल्यू कागजी नोटों के  बराबर ही होगी। ग्राहक इसको लेकर करेंसी नोट भी हासिल कर सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें: Festive Season में Vistara Airlines का बंपर ऑफर! सिर्फ 1499 रुपये में इन सभी शहरों के लिए बुक करें फ्लाइट टिकट

डिजिटल रुपया कैसे काम करता है?

बैंक बैलेंस चेक करने की तरह ही वॉलेट में बैलेंस चेक किया जा सकता है। सीबीडीसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा। व्यक्ति इसे भुगतान करने में सक्षम होंगे जिसे वे भुगतान करना चाहते हैं और यह उनके खाते में पहुंच जाएगा। सीबीडीसी दो प्रकार के होते हैं- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होलसेल, जिसका उपयोग बड़ी मात्रा में लेनदेन के लिए किया जाता है और दूसरे चरण में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल का उपयोग रिटेल के लिए किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होलसेल का इस्तेमाल बैंकों, बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और अन्य बड़े लेनदेन संस्थानों सहित बड़े वित्तीय संस्थानों द्वारा किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल का इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकते हैं। यह पहले चुनिंदा स्थानों और बैंकों में शुरू होगा। रिटेल प्रोजेक्ट में सभी आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा। फिर उनके अनुभवों के आधार पर जरूरत पड़ने पर सुविधाओं में बदलाव किया जाएगा।

क्या इससे राशन भी खरीदा जा सकता है?

फिलहाल तो ऐसा संभव नहीं है। अभी केवल बड़े संस्थान इसका इस्तेमाल करेंगे। होलसेल मार्केट के लिए शुरू किए गए इस पायलट प्रोजेक्ट में फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आइडीएफसी फर्स्ट बैंक, एचएसबीसी बैंक शामिल हैं। 

इसे भी पढ़ें: रिलायंस कैपिटल के बोलीकर्ता निविदा में नया प्रावधान लाए जाने से चिंतित

डिजिटल रुपया की विशेषताएं

-सीबीडीसी देश का डिजिटल टोकन होगा।

- इससे कारोबारी लेन-देन आसान होगा।

- स्मार्टफोन से मनी ट्रांसफर जल्दी और परेशानी मुक्त होगा।

- नकली करेंसी की समस्या से निजात दिलाने में डिजिटल रुपया मदद करेगा।

- कागज के नोट छापने का खर्च बचेगा।

- डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा रहेगी।

- सीबीडीसी क्षतिग्रस्त नहीं हो सकता।

आम लोगों के लिए कब इसे लाया जाएगा?

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आम ग्राहकों के लिए ई-रुपये में लेनदेन की सुविधा इसी महीने शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल रुपये को लॉन्च करने को लेकर हम कोई जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं। इसे आम ग्राहकों को उपलब्ध कराने से पहले सभी पहलुओं की जांच कर लेना चाहते हैं। इस करेंसी के आने के बाद बिजनेस सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यही वजह है कि फिलहाल डिजिटल रुपये को लॉन्च करने को लेकर कोई डेडलाइन नहीं बनाया गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमारी कोशिश है कि नवंबर यानी इस महीने में ही इसे आम ग्राहकों को इस्तेमाल के लिए उपलब्धा कराया जाए। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़