क्या है 'ई-संजीवनी' टेलीमेडिसिन सेवा और क्या है इसकी उपयोगिता?

eSanjeevani एक सरकारी योजना है जो नागरिकों को ऑनलाइन ओपीडी डॉक्टर परामर्श प्रदान करती है। ई-संजीवनी एक टेलीमेडिसिन सेवा है जिसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य पहल के तहत डॉक्टर से डॉक्टर के बीच बातचीत के लिए लागू किया गया है। इसका उद्देश्य आयुष्मान भारत के तहत स्थापित सभी 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र को जोड़ना है। यह सेवा अभी तक Android उपयोगकर्ताओं के लिए प्रतिबंधित है। अब तक ई-संजीवनी 23 राज्यों में लागू की गई है।
हाल ही में 'ई-संजीवनी' टेलीमेडिसिन सेवा ने लगभग 3 लाख टेली-परामर्श (ऑनलाइन परामर्श) को पूरा किया है। ई-संजीवनी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का मंच है जो टेली-परामर्श प्रदान करता है।
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यह एक प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) आधारित एप्लिकेशन है, जिसे उपयोगकर्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुसार चुनने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह टेली-कार्डियोलॉजी और टेली-नेत्र विज्ञान सहित विशेषता प्रदान करता है। ऐप की खास विशेषताओं में व्यापक इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेली-परामर्श शामिल हैं।
टेलीकंसल्टेशन सेवाओं के दो घटक हैं- ई-संजीवनी और ई-संजीवनी ओपीडी।
ई-संजीवनी क्या है?
eSanjeevani भारत सरकार द्वारा नागरिकों को दी जाने वाली पहली ऑनलाइन ओपीडी (आउट पेशेंट) परामर्श सेवा है। सरकार के अनुसार यह पहली बार है जब किसी देश की सरकार अपने नागरिकों को इस तरह की सेवा दे रही है। इसके मुख्य फीचर्स इस प्रकार हैं:
- यह योजना नवंबर 2019 में शुरू की गई थी।
- यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाया जाता है।
- इसे राष्ट्रीय दूरसंचार सेवा भी कहा जाता है, इसका उद्देश्य रोगियों को उनके घरों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
- इसमें ऑनलाइन मोड (ई-संजीवनी ओपीडी) के माध्यम से एक डॉक्टर और एक मरीज के बीच एक संरचित और सुरक्षित टेलीकंसल्टेशन शामिल है।
- ई-संजीवनी ओपीडी पोर्टल और सिस्टम को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा मोहाली में विकसित किया गया है।
- सेवा पर डॉक्टरों का पैनल राज्य सरकारों द्वारा तैयार किया जाता है।
- झारखंड, केरल, पंजाब और तमिलनाडु आदि जैसे कुछ राज्यों ने विशेषज्ञ चिकित्सक परामर्श सेवाएं भी प्रदान करना शुरू कर दिया है।
- यह सेवा मोबाइल एप्लिकेशन पर भी उपलब्ध है।
ई-संजीवनी ओपीडी क्या है?
यह दूसरी टेली-परामर्श सेवा है जो COVID-19 के बीच शारीरिक दूरी को सुनिश्चित करते हुए रोगी-से-डॉक्टर की बातचीत को सक्षम बनाती है। ओपीडी ने एक महत्वपूर्ण समय में आवश्यक स्वास्थ्य सेवा प्रदान की है जब पारंपरिक चिकित्सा को संक्रामक रोग की प्रकृति के कारण जोखिम भरा माना जाता है। ऐप को इस साल 13 अप्रैल को COVID-19 महामारी के बाद लॉन्च किया गया था। यह गैर-कोविड रोगियों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के अलावा COVID के प्रसार को रोककर एक वरदान बन गया है। तमिलनाडु ने अब तक eSanjeevani OPD पर 97,204 परामर्शों में योगदान दिया है। 65,173 कुल परामर्श के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है।
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ई-संजीवनी जैसी टेलीमेडिसिन सेवाओं का महत्व
हमारे जैसे देश में टेलीमेडिसिन सेवाएं आवश्यक हैं जहां डॉक्टर से रोगी अनुपात डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित संख्या से काफी कम है। भारत में प्रत्येक 1445 भारतीयों के लिए एक डॉक्टर है (डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित अनुपात 1:1000 है।
डॉक्टरों सहित चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता देश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में अत्यधिक दुर्लभ है। ऐसी स्थितियों में एक ऐसी प्रणाली का होना जरूरी है जो ग्रामीण और पिछड़े और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परामर्श सेवाएं प्रदान करे। यहीं पर ई-संजीवनी ओपीडी मददगार हो सकती है।
साथ ही वर्तमान महामारी के समय में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि रोगी बीमारियों के लिए डॉक्टरों से परामर्श करने का एक तरीका खोजें। यह उन्हें अस्पतालों/पीएचसी की यात्रा करने से रोक सकता है और विशेष रूप से कोविड -19 के संक्रमण को पकड़ने के जोखिम को भी कम कर सकता है। यह गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल के प्रावधानों को सक्षम करने के साथ-साथ कोविद के प्रसार को रोकने में भी फायदेमंद साबित हुआ है।
- जे. पी. शुक्ला
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