प्रधानमंत्री कुसुम योजना क्या है? इससे किसान कैसे लाभान्वित होंगे? इसके लिए आवेदन कैसे करें?

PM Kusum Yojna
कमलेश पांडेय । Oct 23 2021 12:24PM

पीएम कुसुम योजना केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत किसानों को सौर पंप लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी सहायता मिलती है। इसके तहत किसानों के लिए सौर पंप और ग्रिड से जुड़े अन्य सौर बिजली संयंत्र लगाये जाने का प्रावधान है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को जितना लाभ पहुंचाया, उससे मिली आर्थिक सुरक्षा का दुरुपयोग वो उनके ही खिलाफ करने लगे हैं। पिछले लगभग 1 वर्ष से जारी किसान आंदोलन इसका गवाह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने और उन्हें निर्बाध बिजली आपूर्ति की गरज से ही प्रधानमंत्री कुसुम योजना की शुरुआत की, जिससे किसान लाभान्वित हुए हैं।

इसे भी पढ़ें: पीएम गति शक्ति योजना क्या है? इसका उद्देश्य क्या है? इससे किसको फायदा होगा?

पीएम कुसुम योजना केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत किसानों को सौर पंप लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी सहायता मिलती है। इसके तहत किसानों के लिए सौर पंप और ग्रिड से जुड़े अन्य सौर बिजली संयंत्र लगाये जाने का प्रावधान है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान, जिसे प्रधानमंत्री कुसुम योजना की संज्ञा दी गई, की शुरुआत की थी। जिसके तहत किसानों को सौर पंप लगाने के लिए छूट मिलती है। 

कंपनी के मुताबिक, अनुमन्य अनुदान (सब्सिडी) के बाद किसान को सौर पंप के लिए करीब एक चौथाई भुगतान ही करना पड़ता है। इस योजना के तहत हरियाणा ने वर्ष 2020-21 के लिए स्वीकृत 15,000 पंपों के मुकाबले 14,418 पंपों की स्थापना करके प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएमकेयूएसयूएम) के तहत ऑफ-ग्रिड सोलर पंपों की स्थापना में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।   

# पीएम कुसुम योजना के लिए रजिस्ट्रेशन

पीएम कुसुम योजना के तहत अगर आप रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना हेतु और भूमि लीज पर देने हेतु आवेदन किया जा सकता है। सर्वप्रथम आवेदक को योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा। ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुल जायेगा। इस होम पेज पर आपको  पंजीकरण “ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन" का विकल्प दिखाई देगा। इस विकल्प पर क्लिक करें। 

इसके बाद आवेदन फॉर्म में पूछी गयी सभी जानकारी, जैसे- नाम, पता, आधार नंबर, मोबाइल नम्बर आदि भरनी होगी। सभी जानकारी भरने के बाद आखिर में सब्मिट के बटन पर क्लिक करें। सफल पंजीकरण के बाद आपको चयनित लाभार्थियों को सौर पंप सेट की 10 प्रतिशत कीमत आपूर्तिकर्ताओं को जमा करने के लिए निर्देशित किया जाता है। इसके बाद कुछ ही दिनों में आपके खेतों में सोलर पम्प लगा दिए जाएंगे।

# पंजीकरण के बाद आवेदक को प्राप्त होगी एप्लीकेशन आईडी 

यदि आवेदक द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण किया गया है तो आवेदक को एप्लीकेशन आईडी प्राप्त होगी। आवेदक को ऑनलाइन आवेदन की स्थिति में आवेदन पत्र के प्रिंट आउट को अपने पास सुरक्षित रखना होगा। यदि आवेदक द्वारा ऑफलाइन आवेदन किया गया है तो आवेदक को एक रसीद दी जाएगी जो कि आवेदक को संभाल कर रखनी होगी। आवेदन करने के लिए आवेदक द्वारा सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करने होंगे।

इस योजना का लाभ उन्हें ही मिल सकता है जिन्होंने अपनी भूमि लीज पर देने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। आवेदकों का नाम आरआरईसी द्वारा आधिकारिक वेबसाइट दी जाएगी। यदि आवेदकों का नाम आरआरईसी की वेबसाइट पर दी जाती है तो आप कुसुम योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत आवेदक को सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदन करने के लिए ₹5000 प्रति मेगावाट तथा जीएसटी की दर से आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। जो कि डिमांड ड्राफ्ट के रूप में किया जाएगा।  

# पीएम कुसुम योजना का उद्देश्य

भारत में कई सारे राज्य सूखा प्रभवित हैं, जिससे वहां खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए किसानों की मुश्किलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना को शुरू किया है। जिसका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को मुफ्त में बिजली उपलब्ध करवाना है। इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पैनल की सुविधा दी जाती है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के जरिये किसान को दोहरा फायदा होगा और उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। यदि किसान अधिक बिजली बनाकर ग्रिड को भेजते हैं, तो उन्हें उसका भी लाभ मिल सकेगा। केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए https://mnre.gov.in/ वेबसाइट पर विजिट किया जा सकता है। कुसुम योजना के तहत अगर आप रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना क्या है? इससे किस स्तर के छात्रों को लाभ मिलेगा

# किसानों को और अधिक लाभ पहुंचाने के लिए बढ़ाया दायरा

देश के लाखों-किसानों को और अधिक लाभ पहुंचाने के लिए 13 नवम्बर 2020 को ऊर्जा मंत्रालय तथा केंद्र सरकार के द्वारा इस योजना के दायरे को बढ़ा दिया गया है। इस दायरे के अंतर्गत देश के किसानों को नया अलॉटमेंट जारी किया जायेगा। जिसके बाद किसान अपना बिजली संयंत्र शुरू कर सकेंगे। ऊर्जा मंत्रालय की इस घोषणा के अंतर्गत अब बंजर, परती, कृषि भूमि, चारागाह और दलदली भूमि पर भी सौर बिजली संयंत्र लगाए जा सकते हैं। मंत्रालय के  अनुसार इस योजना का लाभ छोटे किसान भी उठा सकते हैं। छोटे किसानों की सहायता के लिए 500 किलोवाट की कम क्षमता वाली परियोजनाओं को राज्य सरकार द्वारा मंजूरी दी जा सकती है।

# पीएम कुसुम योजना की ये हैं पात्रताएं

आवेदक भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए। कुसुम योजना के अंतर्गत 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदक द्वारा आवेदन किया जा सकता है। आवेदक द्वारा अपनी भूमि के अनुपात में 2 मेगावाट क्षमता या फिर वितरण निगम द्वारा अधिसूचित क्षमता (दोनों में से जो भी कम हो) के लिए आवेदन कर सकता है। प्रति मेगावाट के लिए लगभग 2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। इस योजना के अंतर्गत स्वयं के निवेश से प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रकार की वित्तीय योग्यता की आवश्यकता नहीं है। यदि आवेदक द्वारा किसी विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है तो विकासकर्ता की नेटवर्थ 1 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट होनी अनिवार्य है।

# पीएम कुसुम योजना के लिए जरूरी महत्वपूर्ण दस्तावेज

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, रजिस्ट्रेशन की कॉपी, ऑथराइजेशन लेटर, जमीन की जमाबंदी की कॉपी, चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट (विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित करने की स्थिति में), मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण और पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ की जरूरत पड़ती है। इसलिए इन सभी दस्तावेज को समेट  कर रख लें और अपडेट नहीं हैं तो उन्हें उपयोग से पहले अपडेट करवा लें।

# पीएम कुसुम योजना ने अन्नदाता को बदल दिया है पावर दाता में 

इसी वर्ष यानी 18 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन पर एक वेबीनार आयोजित गया, जिसमें उन्होंने यह बात बताई कि पीएम कुसुम योजना ने अन्नदाता को पावर दाता में बदल दिया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार का लक्ष्य कृषि क्षेत्रों में छोटे बिजली संयंत्र स्थापित करके 30 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। 

अब तक कुसुम योजना के माध्यम से 4 गीगावॉट ऊर्जा की क्षमता हासिल की गई है और जल्द ही 2.5 गीगावॉट की क्षमता को और जोड़ा जाएगा। अगले 1 से 1.5 साल में सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से 40 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन किया जाएगा। यह सौर ऊर्जा उत्पादन रूफटॉप्स सौर परियोजनाओं के माध्यम से हासिल किया जाएगा। आने वाले समय में बिजली क्षेत्र को मजबूत करने का प्रयास सरकार द्वारा किया जाएगा।

# प्रधानमंत्री कुसुम योजना से बीमा का मिलेगा लाभ 

इन पंपों को किसान पर बिना किसी अतिरिक्त लागत के 5 वर्षीय वार्षिक रख-रखाव अनुबंध (एएमसी) और प्राकृतिक आपदाओं, चोरी आदि के लिए बीमा कवर के साथ स्थापित किया जा रहा है। ये सोलर पंप न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि खेती की लागत को भी कम करेंगे, क्योंकि बिजली और डीजल पर कोई खर्च नहीं होगा।

# सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना की अवधि है अधिकतम 9 महीने

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत आवेदन करने के बाद संबंधित विभाग द्वारा एसपीजी को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना करने के लिए लेटर ऑफ ऑथराइजेशन जारी किया जाएगा। यह लेटर ऑफ ऑथराइजेशन जारी करने की तिथि से 9 महीने की अवधि में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना अनिवार्य है। यदि इस अवधि में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित नहीं किया गया तो पेनल्टी का भुगतान करना पड़ेगा। यह पेनल्टी पीपीए की शर्तों के अनुसार वसूल की जाएगी। पीपीए अवधि के दौरान सौर ऊर्जा संयंत्र द्वारा कम से कम 15 प्रतिशत वार्षिक कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर बनाए रखना अनिवार्य है। यदि कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर 15 प्रतिशत से कम होता है तो इस स्थिति में क्षतिपूर्ति देनी होगी। यदि एसपीजी द्वारा जमा किए गए दस्तावेज गलत पाए जाते हैं तो आवेदन किसी भी स्तर पर अमान्य किया जा सकता है।

# पीएम कुसुम योजना के चार महत्वपूर्ण कॉम्पोनेंट्स

कुसुम योजना के चार कॉम्पोनेंट हैं जो कि कुछ इस प्रकार हैं। पहला, सौर पंप वितरण: कुसुम योजना के प्रथम चरण के दौरान केंद्र सरकार के विभागों के साथ मिलकर बिजली विभाग, सौर ऊर्जा संचालित पंप के सफल वितरण करेगी। दूसरा, सौर ऊर्जा कारखाने का निर्माण: सौर ऊर्जा कारखानों का निर्माण किया जाएगा, जो कि पर्याप्त मात्रा में बिजली का उत्पादन करने की क्षमता रखते हैं। तीसरा, ट्यूबवेल की स्थापना: सरकार द्वारा ट्यूबवेल की स्थापना की जाएगी जो कि कुछ निश्चित मात्रा में बिजली उत्पादन करेंगे। चतुर्थ, वर्तमान पंपों का आधुनिकीकरण: वर्तमान पंपों का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा तथा पुराने पंपों को नए सौर पंपों से बदला जाएगा।

इसे भी पढ़ें: हॉलमार्किंग योजना क्या है? अबतक कितनी रही सफल? जानिए इसके बारे में

# पीएम कुसुम योजना 2021 का ये है उद्देश्य

हम जानते हैं कि भारत में कई ऐसे राज्य हैं, जहां सूखा पड़ता है तथा वहां खेती करने वाले किसानों की खेती को सूखे से नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिये केंद्र सरकार ने पीएम कुसुम योजना 2021 को शुरू किया है। जिसका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को मुफ्त में बिजली उपलब्ध करवाना है। इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पैनल की सुविधा प्रदान करना है ताकि वह अपने खेतों की अच्छे से सिंचाई कर सके। इसके ज़रिये किसान को दोहरा फायदा होगा और उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। दूसरा, यदि किसान अधिक बिजली बनाकर ग्रिड को भेजते हैं तो उन्हें उसकी कीमत भी मिलेगी।

# पीएम कुसुम योजना की धरोहर राशि एवं प्रोजेक्ट निष्पादन सुरक्षा राशि

यदि पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत आवेदक द्वारा स्वयं की पूंजी से सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाता है तो इस स्थिति में आवेदक द्वारा धरोहर राशि ₹1,00,000 प्रति मेगावाट की दर से जमा की जाएगी। यह राशि प्रबंध निदेशक, अध्यक्ष ऊर्जा निगम के पक्ष में एक डिमांड ड्राफ्ट एवं बैंक गारंटी के रूप में देनी होगी। इस बैंक गारंटी की वैधता कम से कम 6 महीने होगी। सफल आवेदकों के पीपीए साइन करने के 15 दिन बाद इस राशि को लौटा दिया जाएगा। 

इसके अलावा, सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए एसपीजी को ₹5,00,000 प्रति मेगावाट की दर से प्रोजेक्ट निष्पादन सुरक्षा राशि जमा करनी होगी। यह राशि प्रबंध निदेशक, अध्यक्ष निगम के पक्ष में बैंक गारंटी के रूप में जमा की जाएगी। इस राशि की वैधता 15 महीने की होगी। इस राशि को प्रोजेक्ट चालू होने के 30 दिन बाद लौटा दिया जाएगा।

# पीएम कुसुम योजना की लागत, बिक्री और हिस्सेदारी 

पीएम कुसुम योजना की एक खास बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत प्लांट की कुल लागत का 30 प्रतिशत  राशि केंद्र सरकार देगी, 30 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी, इसके अलावा 30 प्रतिशत राशि कृषि उपभोक्ताओं को लोन के रूप में नाबार्ड या अन्य बैटिंग संस्थान द्वारा फाइनेंस करवाए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि किसानों को मात्र 10 प्रतिशत  राशि ही देनी होगी। 

इसके अलावा, अतिरिक्त बिजली उत्पादन होने पर बची हुई बिजली को किसान द्वारा बेचा भी जा सकता है। आवेदक के पास आवेदन के समय आधार कार्ड एवं बैंक खाता होना अनिवार्य है। सरकार द्वारा आवेदक के खाते में सब्सिडी की राशि भेजी जाएगी। इसके अलावा किसान, डिस्कॉम एवं बैंक के साथ थर्ड पार्टी एग्रीमेंट साइन किया जाएगा। 

किसान द्वारा बेची गई बिजली की कमाई को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। पहला हिस्सा उपभोक्ता का एवं दूसरा हिस्सा लोन की किस्त का होगा। इस योजना के माध्यम से किसानों तक बिजली पहुंचेगी तथा बंजर जमीन से पैसे कमाए जा सकेंगे।

# ये लोग हो सकते हैं कुसुम योजना के लाभार्थी

किसान, किसानों का समूह, सहकारी समितियां, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन, जल उपभोक्ता एसोसिएशन कुसुम सोलर पम्प स्कीम 2021 के लाभार्थियों के रूप में शामिल किए जा सकते हैं। वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा गया है कि 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा। इसके तहत किसानों को अपनी बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना लगाने के उपरान्त उन्हें अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचने का विकल्प दिया जाएगा।

# पीएम कुसुम योजना का आवेदन शुल्क

इस योजना के अंतर्गत आवेदक को सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदन करने के लिए ₹5000 प्रति मेगावाट तथा जीएसटी की दर से आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। यह भुगतान प्रबंध निदेेशक, राज्य अक्षय ऊर्जा निगम के नाम से डिमांड ड्राफ्ट के रूप में किया जाएगा। आवेदन करने के लिए 0.5 मेगावाट से लेकर 2 मेगावाट तक के लिए क्रमशः मेगावाट व आवेदन शुल्क कुछ इस प्रकार है- 0.5 मेगावाट के लिए ₹ 2500 + जीएसटी,1 मेगावाट के लिए ₹5000 + जीएसटी, 1.5 मेगावाट के लिए ₹7500+ जीएसटी और 2 मेगावाट के लिए ₹10000+ जीएसटी।

# पीएम कुसुम योजना के लिए वित्तीय संसाधनों का अनुमान

किसान द्वारा प्रोजेक्ट लगाने पर सौर ऊर्जा संयंत्र की क्षमता यदि 1 मेगावाट होगी तो अनुमानित निवेश 3.5 से 4.00 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट होगा। अनुमानित वार्षिक विद्युत उत्पादन 17 लाख यूनिट होगी। अनुमानित टैरिफ ₹3.14 प्रति यूनिट होगी। वहीं, 25 वर्ष की अवधि में कुल अनुमानित आय12 करोड़ रुपया होगी। किसान द्वारा भूमि लीज पर देने पर 1 मेगावाट हेतु भूमि की आवश्यकता 2 हेक्टेयर, प्रति मेगावाट विद्युत उत्पादन 17 लाख यूनिट, अनुमानित लीज रेंट 1.70 लाख से 3.40 लाख होगी।

इसे भी पढ़ें: पीएम किसान सम्मान निधि के लिए ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन, प्रत्येक वर्ष मिलेंगे 6000 रुपये

# योजना के आवेदन व आवेदक की सूची ऐसे देखें

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने हेतु चयनित आवेदकों के नाम देखने के लिए सर्वप्रथम आपको सोलर योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। इसके बाद “कुसुम के लिए पंजीकृत आवेदनों की सूची” वाले विकल्प पर क्लिक करना होगा। वह सभी आवेदनकर्ता जिन्होंने अपनी भूमि लीज पर देने के लिए पंजीकरण करवाया है, उनकी सूची आरआरईसी द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी। वे सभी नागरिक जो सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए भूमि लीज पर लेना चाहते हैं, वह आवेदकों की सूची आरआरईसी की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं, जिसके पश्चात वह पंजीकृत आवेदकों से संपर्क करके संयंत्र लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

# हेल्पलाइन नम्बर

यदि आप पीएम कुसुम योजना को लेकर अभी भी किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो इस योजना की हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं जो कि कुछ इस प्रकार है- संपर्क नम्बर- 011-243600707, 011-24360404. टोल-फ्री नम्बर- 18001803333. ऑफिसियल वेबसाइट http://rreclmis.energy.rajasthan.gov.in/kusum.aspx

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़