Mahalakshmi Vrat 2025: 31 अगस्त से शुरू हो रहा महालक्ष्मी व्रत, जानिए महत्व और व्रत नियम

इस बार 31 अगस्त 2025 से महालक्ष्मी व्रत की शुरूआत हो रही है। इसकी समाप्ति 14 सितंबर 2025 को होगी। यह व्रत पूरे 16 दिनों तक चलता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा व नियमपूर्वक करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में महालक्ष्मी का स्वरूप सबसे ज्यादा प्रभावशाली और धन-समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है। वहीं हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है। ऐसे में इस बार 31 अगस्त 2025 से महालक्ष्मी व्रत की शुरूआत हो रही है। इसकी समाप्ति 14 सितंबर 2025 को होगी। यह व्रत पूरे 16 दिनों तक चलता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा व नियमपूर्वक करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। तो आइए जानते हैं महालक्ष्मी व्रत की तिथि, मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में...
जानिए कब से शुरू हो रहे हैं महालक्ष्मी के व्रत
इस बार महालक्ष्मी के व्रत की तिथि को लेकर लोगों में मन में थोड़ी उलझन है। बता दें कि 30 अगस्त की रात 10:47 मिनट से अष्टमी तिथि की शुरूआत हो रही है। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 31 अगस्त 2025 से महालक्ष्मी व्रत की शुरूआत हो रही है। यह व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर अश्विन माह की कष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक चलता है। इस व्रत की समाप्ति 14 सितंबर 2025 को होगी। महालक्ष्मी व्रत पूरे 15 दिनों तक चलता है।
महालक्ष्मी व्रत का महत्व
यह व्रत महिला और पुरुष दोनों कर सकते हैं। इस व्रत को करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। धार्मिक मान्यता है कि यदि घर की आर्थिक स्थिति खराब चल रही है, तो इस व्रत को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ रखने के महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। वहीं कोई जातक यदि पूरी श्रद्धा से 16 दिन तक रखता है और विधि-विधान से उद्यापन करता है, तो उसके जीवन से दुख और दरिद्रता दोनों दूर हो जाते हैं।
ऐसे करें महालक्ष्मी व्रत
वैसे तो लोग 16 दिनों तक व्रत रखने के बाद 17वें दिन उद्यापन कर दिया जाता है। लेकिन जो लोग 16 दिनों तक यह व्रत नहीं कर पाते हैं। वह लोग 1 दिन, 4 दिन या फिर शुक्रवार को व्रत करते हैं। इसके अलावा पहला और आखिरी व्रत भी किया जा सकता है। लेकिन अगर आप इन दिनों महालक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करना चाहती हैं, तो पहले दिन से एक दिन छोड़कर दूसरे दिन महालक्ष्मी की पूजा कर सकती हैं।
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