शनि जंयती पर करें शनि देव को प्रसन्न, मिलेगी सफलता

Shani Dev
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भारतीय मान्यता के अनुसार शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। शनि देव को भगवान सूर्य तथा उनकी पत्‍नी छाया की संतान माना जाता है। नव ग्रहों में से शनि देव को सबसे क्रूर माना जाता है। लेकिन शनि देवता क्रूर होने के साथ ही न्‍याय और कर्मों के देवता माने जाते हैं।

आज है शनि जयंती, शनि देवता की उपासना न केवल मुश्किलें आसान करती है बल्कि सफलता की राह भी दिखाती है तो आइए आपको शनि जयंती के अवसर पर शनि देव की उपासना तथा पूजा के महत्व के बारे में बताते हैं। 

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शनि देव हैं न्याय के देवता 

भारतीय मान्यता के अनुसार शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। शनि देव को भगवान सूर्य तथा उनकी पत्‍नी छाया की संतान माना जाता है। नव ग्रहों में से शनि देव को सबसे क्रूर माना जाता है। लेकिन शनि देवता क्रूर होने के साथ ही न्‍याय और कर्मों के देवता माने जाते हैं। अगर आप किसी का बुरा नहीं सोचते और किसी पर भी अत्याचार नहीं करते तो शनि देव आपका कभी बुरा नहीं करेंगे। ऐसे में आप शनि भगवान से बिल्कुल नहीं घबराएं। शनि देवता अच्छे लोगों के साथ कभी बुरा नहीं करते हैं।

शनि जयंती के दिन घर में ऐसे करें पूजा 

शनि जयंती के दिन देश भर के विभिन्न शनि मंदिरों में भव्य पूजा-अर्चना की जाती है इस हालत में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन घर में ही विशेष प्रकार की अर्चना करें। शनि जयंती के दिन प्रातः काल जल्दी उठें और इस पर्व पर पुण्य कमाने के लिए सबसे पहले स्नान करके एक लकड़ी के पाट पर काला कपड़ा बिछाकर उस पर शनिजी की प्रतिमा या फोटो या एक सुपारी रखें। उसके बाद प्रतिमा के दोनों ओर शुद्ध घी व तेल का दीपक जलाकर धूप जलाएं। उसके बाद शनि देवता को दुग्ध, जल, पंचामृत, घी, इत्र से स्नान कराकर उनको इमरती, तेल में तली वस्तुओं का भोग लगाएं। भोग लगाने से उन पर अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम और काजल लगाकर नीले या काले फूल चढाएं। साथ ही कोई भी मौसमी फल अर्पित कर सकते हैं।

इसके अलावा भक्त शनि जयंती के दिन उपवास भी रखते हैं।  इस दिन दान-पुण्य का खास महत्व होता है। शनि जयंती के दिन यंत्र की स्थापना करें। अगर घर में कोई बीमार हो तो शनि देवता की पूजा कराएं और ओम शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें।

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शनि पूजा से मिलते हैं ये लाभ 

- शनि देव की उपासना से कामों में आ रही रूकावट दूर हो जाती है तथा प्रमोशन के अवसर भी मिलते हैं। 

- अगर कुंडली में शनि ग्रह अनुकूल हों तो व्यक्ति पर साढ़ेसाती, ढैया और कुंडली में मौजूद कमजोर शनि का असर खत्म हो सकता है।

- शनि देवता की उपासना से दांपत्य सम्बन्धों में आने वाली मुश्किलें कम होने लगती है।

- एक्सीडेंट तथा बीमारियों से ग्रस्त लोगों को शनि देवता की उपासना से राहत मिलती है। 

- शनि देव की पूजा से कोर्ट-कचहरी तथा पुलिस से सम्बन्धित मामलों से छुटकारा मिलता है।

शनि जयंती का महत्व 

हिन्दू धर्म में मौजूद नव ग्रह में से शनि देवता का खास महत्व है। शनि देव की पूजा करने से भक्त के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शनि देवता को कर्मफल दाता माना जाता है। शनि देव न्यायप्रिय हैं तथा वह अपनी न्यायप्रियता के कारण भी भक्तों के बीच जाने जाते हैं। शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करने से भक्त सभी प्रकार के अशुभ प्रभाव से दूर रहते हैं। 

शनि जयंती पर इन कामों से बचें

- शनि जयंती के दिन तांबे के बर्तन का दान करने से बचें, इससे बिजनेस में घाटा होता है। 

- चांदी के आभूषण खरीद कर किसी को उपहार न दें इससे कर्ज बढ़ता है। 

- सफेद मोती खरीद कर उपहार न दें, दुर्घटना की होती है सम्भावना। 

- शनि जंयती के दिन सफेद कपड़े खरीद को किसी को गिफ्ट न दें इससे परिवार में कलह बढ़ता है। 

- साथ ही ध्यान रखें कि किसी को परफ्यूम गिफ्ट न दें इससे रोग ग्रसित होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

- इसके अलावा शनि जयंती के दिन किसी दूसरे के जूते-चप्पल इस्तेमाल न करें।

- शनि जयंती का दिन बहुत खास होता है इसलिए इस दिन किसी को भी झूठ बोलकर परेशान न करें।

इस बार की शनि जयंती है खास 

सोमवार को अमावस्या, शनि जयंती और वट सावित्री व्रत तीन पर्व एक साथ है। इस दिन जहां महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखेंगी, वहीं शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए लोग शनि के लिए व्रत रखेंगे और पूजा के साथ उपाय करेंगे। दरअसल ज्येष्ठ शुक्ल अमावस्या तिथि पर शनिदेव का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। भगवान सूर्यदेव और छाया शनिदेव के माता पिता है। शनि न्यायप्रिय ग्रह हैं। ये कर्म के अनुसार फल देते हैं। इसलिए अगर सही में शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो कुछ बातों को हमेशा के लिए गांठ बांध लें।

इन चीजों का दान होता है लाभदायी

शनि जयंती के दिन दान का विशेष महत्व है। शनि जयंती के दिन काले तिल, काले वस्त्र, काले उड़द और भोजन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। पंडितों की मान्यता है कि इस दिन किए दान से शनि की महादशा का प्रभाव कम हो जाता है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप गरीबों को अपने सामर्थ्य अनुसार दान कर सकता है।

- प्रज्ञा पाण्डेय

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