Singh Sankranti 2025: सिंह संक्रांति पर सूर्य देव की इस विधि से करें पूजा, जानिए मुहूर्त और महत्व

Singh Sankranti 2025
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हिंदू धर्म में भाद्रपद महीने का खास महत्व होता है। क्योंकि इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। भाद्रपद माह में कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी और राधा अष्टमी जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाते हैं। इसके अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण पर्व भी धूमधाम से मनाए जाते हैं।

हिंदू धर्म में भाद्रपद महीने का खास महत्व होता है। क्योंकि इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। भाद्रपद माह में कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी और राधा अष्टमी जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाते हैं। इसके अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण पर्व भी धूमधाम से मनाए जाते हैं। वहीं भाद्रपद महीने में आत्मा कारक सूर्य देव भी राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि को संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। इस मौके पर दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। तो आइए जानते हैं सिंह संक्रांति की तिथि और मुहूर्त के बारे में...

सूर्य राशि परिवर्तन

वर्तमान समय में सूर्य देव कर्क राशि में गोचर रहे थे। लेकिन आज यानी की 17 अगस्त को सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे। 17 अगस्त 2025 की रात 02:00 सूर्य देव सिंह राशि में गोचर करेंगे। सिंह राशि में सूर्य देव एक महीने तक विराजमान रहेंगे। 

सिंह संक्रांति शुभ मुहूर्त

सिंह राशि में सूर्य देव के गोचर करने की तिथि पर सिंह संक्रांति मनाई जाती है। इस तरह से आज यानी की 17 अगस्त 2025 को सिंह संक्रांति मनाई जा रही है। 17 अगस्त की सुबह 05:24 मिनट से लेकर दोपहर 11:53 मिनट तक पुण्यकाल है। वहीं महापुण्य काल का समय सुबह 05:24 मिनट से लेकर सुबह 07:33 मिनट तक है। इस समय जातक स्नान-ध्यान कर सूर्य देव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

सिंह संक्रांति के मौके पर कई शुभ और मंगलकारी योग बन रहे हैं। इस दिन सुबह 11:27 मिनट से लेकर दोपहर 12:19 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। वहीं साथ ही पूर्व रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग है। इन शुभ योग में सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने से जातक को आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है।

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