Pradosh Vrat 2023: पांच शुभ योग में रखा जायेगा सावन का अंतिम प्रदोष व्रत

Pradosh Vrat 2023
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ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सोम प्रदोष के द‍िन भोलेनाथ के अभिषेक रुद्राभिषेक और श्रृंगार का महत्व माना जाता है। इस द‍िन सच्‍चे मन से भोलेनाथ की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

जल्द ही सावन का पवित्र महीना समाप्त होने वाला है। इस साल सावन में अधिक मास पड़ने से यह महीना और भी खास हो गया है। 28 अगस्त 2023 को सावन का आखिरी प्रदोष व्रत पड़ रहा है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सावन का अंतिम प्रदोष व्रत सोमवार 28 अगस्त को है। उस दिन प्रदोष व्रत पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। प्रदोष के दिन अंतिम सावन सोमवार, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का शुभ संयोग है। प्रदोष शिव पूजा सौभाग्य योग में होगी। प्रदोष व्रत सभी प्रकार के दोषों को दूर करता है और मनोकामनाओं की पूर्ति करता है।त्रयोदशी तिथि में देवों के देव महादेव की पूजा सूर्यास्त के बाद करने का विधान है। इस दिन सावन सोमवार और प्रदोष व्रत का संयोग है इसलिए रुद्राभिषेक के लिए यह दिन बहुत ही उत्तम है। सावन के सभी प्रदोष व्रत काफी खास होते हैं। सावन का अंतिम प्रदोष व्रत विशेष होने वाला है। इस प्रदोष व्रत के दिन 5 शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे इस प्रदोष व्रत पर विधि-विधान से पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होगा। सोमवार के दिन प्रदोष व्रत होने से इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। इस तरह सोमवार 28 अगस्त को व्रत करने से प्रदोष व्रत और सावन सोमवार व्रत दोनों का फल मिलेगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सोम प्रदोष के द‍िन भोलेनाथ के अभिषेक रुद्राभिषेक और श्रृंगार का महत्व माना जाता है। इस द‍िन सच्‍चे मन से भोलेनाथ की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना करने से विवाह में आ रही सारी रुकावटें दूर होती हैं। इस दिन पंचगव्य से महादेव का अभिषेक करने से संतान की इच्छा पूरी होती है। इस दिन दूध से अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर फूलों की माला अर्पित करनी चाहिए। इससे भोलेनाथ अत्‍यंत प्रसन्‍न होते हैं।

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शुभ संयोग

भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सावन महीने के अंतिम प्रदोष के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। सावन प्रदोष के दिन अंतिम सावन सोमवार, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का शुभ संयोग बना है। प्रदोष के दिन शिव पूजा सौभाग्य योग जैसे शुभ योग में करना काफी लाभकारी होगा। साथ ही सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी। सावन के आखिरी प्रदोष और सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करना फलदायी होगा।

आयुष्मान योग: प्रात:काल से लेकर सुबह 09:56 तक

सौभाग्य योग: सुबह 09:56 से पूरी रात तक

सर्वार्थ सिद्धि योग: मध्यरात्रि 02:43 से 29 अगस्त को सुबह 05:57 तक

रवि योग: मध्यरात्रि 02:43 बजे से 29 अगस्त को सुबह 05:57 बजे तक

सावन प्रदोष के दिन सावन सोमवार व्रत

सावन प्रदोष शुभ मुहूर्त

कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि प्रदोष व्रत हर महीने की दोनों त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार सावन का आखिरी प्रदोष व्रत सोमवार 28 अगस्त 2023 को रखा जाएगा। सावन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 अगस्त, सोमवार की शाम 06.48 बजे से प्रारंभ होकर मंगलवार 29 अगस्त को दोपहर 02.47 बजे तक रहेगी। प्रदोष पूजा के लिए सूर्यास्त के बाद का समय महत्वपूर्ण रहेगा। प्रदोष व्रत पूजा प्रदोष काल में करना श्रेष्ठ माना गया है। इस बार पूजा प्रदोष काल में करना श्रेष्ठ माना गया है। प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 28 अगस्त की शाम 06.48 बजे से रात 09.02 बजे तक रहेगा। इस समय पूजा करने से व्रत का पूरा फल मिलता है।

पूजाविधि

भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि प्रदोष के दिन सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान कर लें और फिर शिवलिंग पर जलाभिषेक करके व्रत करने का संकल्‍प लें। शाम को सूर्यास्‍त के बाद प्रदोष काल में विधि विधान से शिव परिवार की पूजा करें। दूध, दही, गंगाजल, शहद और घर से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत और आंकड़े का फूल अर्पित करें। इसके बाद मन ही मन अपनी मनोकामना दोहराएं और भगवान शिव से प्रार्थना करें। इस दिन आप अपनी श्रद्धा के अनुसार शिव तांडव स्‍त्रोत या फिर शिव अष्‍ट स्‍त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं। अगर आप प्रदोष का व्रत करते हैं तो अगले दिन व्रत का पारण करने के बाद जरूरतमंदों को दान जरूर करें और उसके बाद ही अन्‍न ग्रहण करें

- डॉ अनीष व्यास

भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक

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