Vishwakarma Jayanti 2024: विश्वकर्मा जयंती पर रहेगा भद्रा का साया, जानिए पूजन विधि और मुहूर्त
इस बार 16 सितंबर की शाम को कन्या संक्रांति है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि विश्वकर्मा जयंती 16 सितंबर को मनाई जाएगी या 16 सितंबर को। उदयातिथि के हिसाब से इस बार 17 सितंबर 2024 को विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है।
हर साल कन्या संक्रांति पर विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है। इस बार कन्या संक्रांति के कारण विश्वकर्मा पूजा की तारीख को लेकर लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है। दरअसल, कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा की जाती है। वहीं इस बार 16 सितंबर की शाम को कन्या संक्रांति है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि विश्वकर्मा जयंती 16 सितंबर को मनाई जाएगी या 16 सितंबर को।
अगर आप इस विश्वकर्मा पूजा को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि विश्वकर्मा जयंती कब मनाई जा रही है। साथ ही पूजा तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में भी जानेंगे।
विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा के लिए 16 सितंबर की शाम से कन्या संक्रांति की शुरूआत हुई है। 16 सितंबर की शाम 07:53 मिनट पर सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। बता दें कि इसी समय को कन्या संक्रांति कहा जाता है। लेकिन उदयातिथि के हिसाब से आज यानी की 17 सितंबर 2024 को विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है।
भद्रा का साया
आज विश्वकर्मा पूजा पर भद्रा का साया रहने वाला है। आज 11:44 मिनट से भद्रा लग रही है, जोकि रात 09:55 मिनट तक रहने वाली है। भद्रा अशुभ माना जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य भी नहीं किया जाता है। ऐसे में अगर आप विश्वकर्मा पूजा कर रहे हैं, तो भद्रा काल लगने से पहले पूजा संपन्न कर लें।
पूजा मुहूर्त
इस बार विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह है। क्योंकि दोपहर के समय भद्रा काल शुरू हो जाएगा। ऐसे में आप सुबह 06:07 मिनट से लेकर 11:44 मिनट तक विश्वकर्मा पूजा कर सकते हैं।
महत्व
इस दिन लोग अपने मशीन, औजार, वाहन, कलपुर्जे और दुकान आदि की पूजा करते हैं। साथ ही शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करते हैं। दरअसल, विश्वकर्मा देव की पूजा से बिजनेस में उन्नति होती है और पूरे साल काम अच्छा चलता है। विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से सभी विघ्न और बाधा दूर होते हैं।
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