नीरज पांडे की पिछली फिल्मों के मुकाबले कमजोर है ''अय्यारी''
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ''अय्यारी'' धीमी गति से आगे बढ़ती है। निर्देशक नीरज पांडे की पिछली फिल्मों- वेडनेस डे, बेबी, स्पेशल 26, एम एस धोनी आदि से इस फिल्म की तुलना करें तो यह बेहद कमजोर प्रतीत होती है।
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'अय्यारी' धीमी गति से आगे बढ़ती है। निर्देशक नीरज पांडे की पिछली फिल्मों- वेडनेस डे, बेबी, स्पेशल 26, एम एस धोनी आदि से इस फिल्म की तुलना करें तो यह बेहद कमजोर प्रतीत होती है। हालांकि फिल्म की कहानी अच्छी है और अंत में सभी को चौंकाने का माद्दा रखती है। लेकिन बेवजह ठूंसे गीत और विषय से हटकर चल रही प्रेम कहानी फिल्म की रफ्तार को बाधित करती है। यह फिल्म पहले 26 जनवरी पर रिलीज होने वाली थी लेकिन पहले पद्मावत और बाद में पैडमैन की रिलीज को देखते हुए इसका प्रदर्शन टाल दिया गया था।
फिल्म की कहानी कर्नल अभय सिंह (मनोज बाजपेयी) और मेजर जय बख्शी (सिद्धार्थ मल्होत्रा) के इर्दगिर्द घूमती है। दोनों सेना की स्पेशल यूनिट में साथ काम करते हैं। जय अभय को अपना गुरु मानता है लेकिन दोनों के बीच कई विषयों पर जमकर बहस भी होती है। कुछ दिनों बाद ऐसी घटनाएं होने लगती हैं कि जय का व्यवहार एकदम से बदल जाता है जिससे अभय भी चौंक जाता है कि जय आखिर यह कर क्या रहा है। जय वहां से गायब हो जाता है तो मामला और उलझ जाता है। बाद में कहानी दिल्ली और लंदन के बीच घूमती हुई दिखाती है कि सत्ता के गलियारों के बीच रक्षा सौदों को लेकर क्या होता है। रक्षा सौदों जैसे गंभीर विषय के कारण ही सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को रक्षा मंत्रालय की विशेष समिति को पहले देखने को भेजा था। जिसके बाद इसे रिलीज करने की हरी झंडी दी गयी।
अभिनय के मामले में मनोज वाजपेयी सब पर भारी रहे। उन्होंने कमाल का काम किया है। उनके चेहरे के हावभाव ही बहुत कुछ कह देते हैं। सिद्धार्थ मल्होत्रा का काम भी ठीकठाक रहा। रकुल प्रीत और पूजा चोपड़ा सामान्य रहे। फिल्म का गीत संगीत कामचलाउ है। निर्देशक नीरज पांडे की इस फिल्म की फोटोग्राफी बहुत अच्छी है। लेकिन उन्होंने कई दृश्यों को बेवजह खींचा है। फिल्म का संपादन कर इसे और छोटा किया जा सकता था। यदि चाहें तो एक बार यह फिल्म देखी जा सकती है।
कलाकार- रकुल प्रीत सिंह, सिद्धार्थ मल्होत्रा, पूजा चोपड़ा, मनोज बाजपेयी और निर्देशक नीरज पांडे।
प्रीटी
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