विक्की कौशल की 'सरदार उधम' रोंगटे खड़े कर देगी, एक भी कमी नहीं, ऑस्कर के लिए जानी चाहिए फिल्म

Sardar Udham Review hindi
रेनू तिवारी । Oct 18 2021 11:56AM

विक्की कौशल की फिल्म 'सरदार उधम' स्वतंत्रता सेनानी सरदार उधम सिंह की जिंदगी पर बनीं है। सरदार उधम सिंह वो व्यक्ति थे जिसने लंदन की राजनीति को हिलाकर रख दिया था। उधम सिंह (26 दिसम्बर 1899 – 31 जुलाई 1940) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे।

विक्की कौशल की फिल्म 'सरदार उधम' का इंतजार सिनेमाई प्रेमी काफी लंबे समय से कर रहे थे। शूजीत सरकार  के निर्देशन में बनीं 'सरदार उधम' हर तरह के दर्शकों के लिए नहीं है। यह फिल्म उन्हीं को पसंद आएगी जो सिनेमा को पसंद करते हैं, न कि उन्हें जिसे पर्दे पर बॉलीवुड का तड़का, प्यार -मोहब्बत-आशिकीं, आइटम सॉन्ग और बेमतलब के एक्शन देखने की आदत है। 'सरदार उधम' आपको 1919 के सफर पर  ले जाएगी जब भारत अंग्रेजो का गुलाब था और आजादी की मांग करने वालों के साथ अंग्रेजो ने जलियावाला बाग हत्याकांड किया था। दो घंटे 42 मिनट की फिल्म देखने के दौरान आप आजादी से पहले की जिंगदी और लोगों के दर्द को मेहसूस कर सकेंगे, अंग्रेजी हत्याचार पर आपका खून खौलेगा, सरदार उधम सिंह, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव जैसे स्वतंत्रता सेनानियों पर आपको गर्व होगा और फिल्म के आखिरी 40 मिनट आपकी रूह कंपा देंगे। 

सरदार उधम सिंह कौन थे?

विक्की कौशल की फिल्म 'सरदार उधम' स्वतंत्रता सेनानी सरदार उधम सिंह की जिंदगी पर बनीं है। सरदार उधम सिंह वो व्यक्ति थे जिसने लंदन की राजनीति को हिलाकर रख दिया था। उधम सिंह  (26 दिसम्बर 1899 – 31 जुलाई 1940) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे। शहीद सरदार उधम सिंह वह व्यक्ति थे जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार को अपने आंखों से देखा था और घायलों की मदद की थी।  उन्होंने जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ' ड्वायर को लंदन में जाकर गोली मारी थी। कई इतिहासकारों का मानना है कि यह जलियांवाला बाग कांड , ओ' ड्वायर व अन्य ब्रिटिश अधिकारियों का एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जो पंजाब प्रांत पर नियंत्रण बनाने के लिये किया गया था।  उत्तर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के एक जनपद का नाम भी इनके नाम पर उधम सिंह नगर रखा गया है।

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फिल्म सरदार उधम की कहानी

13 अप्रैल 1919 में जब सरदार उधम सिंह ने अपनी आंखों से यह नरसंहार देखा जब उनकी उम्र 19 साल थी। जलियांवाला बाग का असर उनपर ऐसा हुआ जिसके बदले के लिए उन्होंने  22 साल तक इंतहार किया और जब पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ' ड्वायर जब लंदन में अपना संबोधन दे रहे थे तो सबसे सामने सरदार उधम सिंह ने उसे 6 गोलियां मारी और वहां से भागे नहीं खुद पुलिस हिरासत में चले गये। 10 अप्रैल 1919 को, सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू सहित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े कई स्थानीय नेताओं को रॉलेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर ब्रिटिश सैनिकों द्वारा गोलीबारी की गई, जिससे हिंसा भड़क उठी थी। 13 1919 अप्रैल को, बीस हजार से अधिक निहत्थे लोग बैसाखी के महत्वपूर्ण हिंदू और सिख त्योहार को मनाने और गिरफ्तारी का शांतिपूर्ण विरोध करने के लिए अमृतसर के जलियांवाला बाग में इकट्ठे हुए थे। अनाथालय के उधम सिंह और उनके दोस्त भीड़ को पानी परोस रहे थे। कर्नल रेजिनाल्ड डायर की कमान के तहत सैनिकों ने भीड़ पर गोलियां चलाईं, जिसमें कई सौ लोग मारे गए। इस आदेश को पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ' ड्वायर ने किया था।माइकल ओ' ड्वायर को इस आदेश को देने का जरा भी अफसोस नहीं थे ये आदेश उसने अपने शौख को पूरा करने के लिए दिया था ताकि वह अंग्रेजों की ताकत से भारतीय लोगों को डरा सकें। 

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सरदार उधम सिंह  क्रांतिकारी राजनीति में शामिल हो गए और भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी समूह से बहुत प्रभावित थे। क्रांतिकारी गतिविधियों को करने के कारण वह जेल चले गये।  1931 में जेल से रिहा होने के बाद, सिंह की गतिविधियों पर पंजाब पुलिस की लगातार निगरानी थी। उसने कश्मीर के लिए अपना रास्ता बना लिया, जहां वह पुलिस से बचने और जर्मनी भाग जाने में सक्षम था। 1934 में वे लंदन पहुंचे, जहां उन्हें एक इंजीनियर के रूप में रोजगार मिला। निजी तौर पर, उन्होंने माइकल ओ'डायर की हत्या की योजना बनाई।

विक्की कौशल ने पर्दे पर सरदार उधम के किरदार को जिया

फिल्म में सुजीत सरकार ने सबसे पहले इरफान खान को सरदार उधम सिंह  के किरदार के लिए फाइनल किया था लकिन इरफान खान के निधन के बाद इस महत्वपूर्ण रोल के लिए विक्की कौशल को फाइनल किया गया। इरफान खान जहां भी होंगे वह विक्की कौशल से काफी खुश होंगे। हमने सरदार उधम सिंह को कभी नहीं देखा लेकिन जब भी अब कभी उनकी बात होगी तो विक्की कौशल का ही चेहरा सामने आयेगा। विक्की कौशल ने शूटिंग के दौरान इस रोल को प्ले नहीं किया बल्कि इस किरदार को जिया है। विक्की कौशल ने अपने आपको उधम सिंह  की तरह दिखाने में मेहनत नहीं कि बल्कि उनको समझने और उनके किरदार में खुद को ढालने में मेहनत की। 

शूजीत सरकार ने अपने शानदार डायरेक्शन से फिल्म को अलग लेवल पर पहुंचाया

फिल्म के निर्देशक शूजीत सरकार ने सालों पहले सपना देखा था कि वह सरदार उधम सिंह पर फिल्म बनाएंगे लेकिन इस मुद्दे पर फिल्म बनने की इजाजत नहीं मिली। लंबे संघर्ष के बाद फिल्म के लिए परमिशन मिली तो सरदार उधम सिंह से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं थे एक गहन रिसर्च के बाद फिल्म पर काम किया गया। फिल्म में 1919 को दशक  को बखूबी दिखाया है।

 

फिल्म की रेटिंग : 5/5 *****

प्रारंभिक रिलीज़: 16 अक्टूबर 2021

निर्देशक: शूजीत सरकार

प्रोडक्शन कंपनी: शूजीत सरकार

छायांकन: अविक मुखोपाध्याय

निर्माता: रोनी लाहिड़ी, शील कुमार

संगीत निर्देशक: शांतनु मोइत्रा, जॉर्ज जोसेफ 

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