दर्द और सूजन में गर्म सिंकाई ज़्यादा फायदेमंद या ठंडी? जानें एक्सपर्ट्स की राय

अक्सर दर्द या चोट लगने पर डॉक्टर्स हमें गर्म पानी या बर्फ की सिंकाई करने की सलाह देते हैं। यह तरीका कई सालों से इस्तेमाल होता चला आ रहा है। लेकिन अक्सर लोग इस बात को लेकर दुविधा में रहते हैं कि किस स्थिति में गर्म पानी की सिंकाई करें और किस में ठंडी सिंकाई। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक दोनों तरह की सिंकाई का काम अलग अलग होता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएं कि किस तरह की चोट और दर्द में कौन सी सिंकाई करनी चाहिए -
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गर्म पानी की सिंकाई
गर्म पानी की सिंकाई करने से रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और मांसपेशियों के दर्द और खिंचाव से आराम मिलता है।
गर्म पानी की सिंकाई कब करें
गर्म पानी की सिंकाई आमतौर पर दर्द और जकड़न की समस्या में की जाती है। मोच, अर्थराइटिस, मांसपेशियों में खिंचाव, पीरियड्स के दर्द, कमर दर्द, बवासीर के दर्द और जोड़ों के दर्द में गर्म पानी के सिंकाई करने से जल्द राहत मिलती है।
गर्म पानी की सिंकाई से पहले इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर्स के मुताबिक, एक बार में 20 मिनट से ज्यादा सिंकाई नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, सिंकाई में लिए ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
बर्फ की सिंकाई
बर्फ की सिंकाई करने से रक्त संचार धीमा हो जाता है। इससे शरीर में सूजन और जलन से राहत मिलती है। बर्फ की सिंकाई करने से शरीर के क्षतिग्रस्त टिश्यू को आराम पहुंचता है।
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बर्फ की सिंकाई कब करें
बर्फ की सिंकाई से चोट लगने पर क्षतिग्रस्त टिश्यू को आराम मिलता है। इसके अलावा, इससे खून बहने से रोकने में भी मदद मिलती है। माइग्रेन या स्ट्रेन होने पर भी बर्फ की सिंकाई से आराम मिलता है।
बर्फ की सिंकाई से पहले इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर्स के अनुसार चोट लगने के 48 घंटे के अंदर बर्फ की सिंकाई इस्तेमाल करना चाहिए। कभी भी घाव या कटी हुई जगह पर सीधे पर नहीं लगानी चाहिए।
- प्रिया मिश्रा
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