नवजात शिशु के नाक-कान में सरसों का तेल? डॉक्टर बोले-'भूलकर भी ना करें ये गलती, हो सकता है जानलेवा!'

बाल रोग विशेषज्ञों ने नवजात शिशु के नाक-कान में सरसों का तेल डालने की प्रथा को गलत बताया है। यह तेल फेफड़ों में जाकर निमोनिया और कान में बैक्टीरियल या फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकता है, जिससे कान का पर्दा भी क्षतिग्रस्त हो सकता है।
शिशु की परवरिश के लिए मदर्स कई बार दादी-नानी के नुस्खे अजमां लेती हैं। कई बार ये नुस्खें नुकसान पहुंचा देते हैं। वहीं, इन नुस्खों के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार भी नहीं है। छोटे बच्चे काफी नाजुक होते हैं जिनकी देखभाल करते-करते कई बार गलतियां भी हो जाती है। आमतौर पर महिलाएं अपने छोटे शिशु की नाक और कान में सरसों का तेल डालती है। माना जाता है कि ऐसा करने से नाक बंद नहीं होता है और कान में मैल भी जमा नहीं होता है। अब इस बात पर कितनी सच्चाई है, यह तो डॉक्टर ही बता सकते हैं। आइए आपको बताते हैं बच्चों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर क्या कहते हैं।
छोटे बच्चों के नाक-कान में तेल डालें या नहीं
बच्चों के डॉक्टर ने बताया है कि आपको भूलकर भी बच्चे के नाक या कान में तेल नहीं डालना चाहिए। ज्यादातर महिलाएं अपने बच्चों के नाक-कान में सरसों का तेल डालती है, जो परेशानियों का वजह बन सकता है। क्योंकि सरसों का तेल काफी गाढ़ा और इरीटेशन वाला होता है। जो कई परेशानियों जन्म देता है। इससे इंफेक्शन भी बढ़ जाएगा। इसलिए शिशु के नाक-कान में सरसों तेल ना डालें।
जानें नुकसान
डॉक्टर ने बताया है कि अगर आप बच्चे की नाक में सरसों का तेल डालते हैं, तो ये ब्लॉकेज कर देता है। यह फेफड़ों में जा कर निमोनिया तक का कारण बन सकता है। इसलिए कभी भी भूलकर भी नाक में सरसों का तेल नहीं डालें। इतना ही नहीं, कान में तेल डालने से फंगल और बैक्टिरियल इंफेक्शन हो सकता है। इसके साथ ही ये इयर ड्रम को भी डैमेज कर सकता है और वहां जम भी सकता है।
तेल की जगह क्या यूज करें
डॉक्टर ने बताया है कि अगर बच्चे के कान में ज्यादा मैल इक्ट्ठा हो रहा है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही कोई ड्रॉप डालें। खुद कुछ भी कान में डालें या साफ करने से बचें। जब बच्चे की नाक बंद हैं, तो आप नॉर्मल सलाइन ड्रॉप डाल सकते हैं। बिना डॉक्टर के सलाह से कुछ भी ना डालें।












