थायराइड में पपीता खाने को लेकर भ्रम? हेल्थ एक्सपर्ट ने बताई पूरी सच्चाई और जानिए फायदे-नुकसान

विशेषज्ञों के अनुसार, थायराइड में पपीता सुबह खाली पेट सीमित मात्रा में खाने से लाभ हो सकता है, क्योंकि यह पाचन और हार्मोन संतुलन में सहायक है, पर अत्यधिक सेवन से गोइट्रोजन थायराइड हार्मोन उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं।
थायराइड एक ग्रंथि है जो गर्दन के निचले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में मदद करता है। थायराइड हार्मोन की अधिक बढ़ना या कमी से थायराइड की बीमारी उत्पन्न हो जाती है, जैसे कि हाइपरथायराइडिज्म या हाइपोथायराइडिज्म। थायराइड के लक्षणों की बात करें तो इसमें वजन में बदलाव, थकान, और मूड में बदलाव आदि शामिल होते हैं। थायराइड में पपीता का सेवन करना कितना फायदेमंद होता है और इसे खाना सही तरीका क्या है, इस लेख में हम आपको बताएंगे।
थायराइड में पपीता खाएं या नहीं
थायराइड में पपीता खाना अच्छा हो सकता हैं क्योंकि यह कई समस्याओं से बचा सकता है। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और पाचन क्रिया भी सही रहती है। थायराइड के दौरान पपीता खाने से इसका असर शरीर पर काफी पड़चा है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, थायराइड में पपीता का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म दर को कंट्रोल करता है और शरीर को ठीक करने में मदद करता है। इसके साथ ही थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायोनिन (T3) जैसे हार्मोन का प्रोडक्शन संतुलित रखने में मदद मिलती है। थायराइड में पपीता खाना शरीर के विकास, हृदय गति, ऊर्जा उत्पादन और शरीर के तापमान को कंट्रोल करता है।
कब और कितना पपीता थायराइड में खाना सहीं होता है
जिन लोगों को थायराइड की समस्या हैं वो लोग सुबह नाश्ते में खाली पेट पपीता खा सकते हैं। आप 1 कटोरी पपीता खा सकते हैं, इससे अधिक नहीं खाना चाहिए।
अधिक मात्रा में पपीता खाने से बचना चाहिए
रिसर्च के मुताबिक, पपीते में गोइट्रोजन होते हैं, जो एक ऐसा पदार्थ है, जो थायराइड ग्रंथि की आयोडीन को अवशोषित करने की क्षमता में हस्तक्षेप करता है, इससे थायराइड हार्मोन का प्रोडक्शन बिगड़ सकता है।
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