ओवरथिंकिंग से पेट खराब! दिमाग-आंत कनेक्शन समझे, जाने क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

overthinking causing your stomach problem
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भागदौड़ भरी जिंदगी में ओवरथिंकिंग का बढ़ना पेट खराब होने का प्रमुख कारण बन रहा है, जो गट-ब्रेन एक्सिस के बिगड़ने का संकेत है। तनाव हार्मोन पेट की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं, जिससे पेट दर्द, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

आजकल की भागदौड़ भारी जिंदगी में लोग ओवरथिंकिंग में ज्यादा समय बिता रहे हैं। हर बार जरुरत ज्यादा सोचना हर व्यक्ति जीवन का एक हिस्सा बन चुका है। छोटी-सी बात हो या बड़ा फैसला, दिमाग बार-बार उसी पर अटक जाता है। दिलचस्प बात तो यह है कि जब आपका दिमाग लगातार चलता रहता है , तो सबसे पहले असर हमारे पेट पर नजर आता है। कभी अचानक से पेट दर्द शुरु होने लगता है, तो कभी गैस, एसिडिटी, पेट खराब या मतली महसूस होने लगती है। ऐसे में कुछ लोगों को लगता हैं कि मैंने कुछ गलत खा लिया है, जबकि असल वजह खाना नहीं, बल्कि मन में चल रहा तनाव होता है। कई बार आपने देखा होगा कि परीक्षा, इंटरव्यू, ऑफिस प्रेजेंटेशन या किसी इमोशनल टेंशन के दौरान पेट में गड़बड़ी होने लगती हैं। कई लोग तो बार-बार टॉयलेट जाना पड़ता है, तो कुछ का पेट जकड़ जाता है। आइए आपको बताते हैं क्यों ज्यादा सोचने से पेट खराब हो जाता है?

ज्यादा सोचने से पेट खराब क्यों हो जाता है?

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, दिमाग और पेच के बीच एक मजबूत रिश्ता होता है, जिसे गट-ब्रेन एक्सिस कहा जाता है। इसका मतलब है कि हमारा दिमाग और पाचन तंत्र लगातार एक-दूसरे से संवाद करते रहते हैं। गौरतलब है कि हम शांत रहते हैं, तो पाचन प्रक्रिया सामान्य रहती है, लेकिन जैसे ही हम जरुरत से ज्यादा सोचने लगते हैं, जिसके बाद से संतुलन बिगड़ने लगता है। कहते हैं ओवरथिंकिंग के दौरान दिमाग लगातार तनाव की स्थिति में रहता है, जिसका सीधा असर पेट की कार्यप्रणाली पर पड़ता है। इसी दौरान शरीर में कॉर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं। ये हार्मोन शरीर को खतरे से निपटने के लिए तैयार करते हैं, हालांकि पाचन को प्राथमिकता नहीं देते हैं।

डॉक्टर के मुताबिक, तनाव और बार-बार ओवरथिंकिंग के कारण शरीर खून की सप्लाई को पेट और आंतों से हटाकर मांसपेशियों की तरफ भेजता है। जिससे पेट और आंतों का काम प्रभावित होता है। ये होते हैं कारण

- पेट दर्द और ऐंठन

- गैस और पेट फूलना

- मतली और उल्टी जैसा महसूस होना

- एसिडिटी और सीने में जलन

पाचन पर ओवरथिंकिंग का असर

ओवरथिंकिंग और मानसिक तनाव का असर के कारण केवल पेट के मूवमेंट तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह गट बैक्टीरिया को भी प्रभावित करता है। आंतों में स्थित अच्छे बैक्टीरिया पाचन और इम्यूनिटी के लिए बेहद जरुरी होते हैं। वहीं, लंबे समय तक स्ट्रेस लेने से तनाव रहने से इन बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे पाचन कमजोर हो जाता है, इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है। इसके साथ ही पेट से संबंधित समस्याएं बार-बार होने लगती हैं।

कब डॉक्टर को दिखाएं?

यदि ओवरथिंकिंग के साथ पेट की समस्या लंबे समय तक चल रही है, वजन तेजी से घट रहा है, चो लगातार उल्टी, खून आना या तेज दर्द हो, तुरंत ही डॉक्टर को जरुर दिखाएं। 

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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