Health Tips: मेनोपॉज सिर्फ हार्मोनल नहीं, दिमाग और न्यूरोलॉजी पर डालता है गहरा असर

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पीरियड्स खत्म होने के बाद दिमाग के कई हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। साथ ही ब्रेन वॉल्यूम में संकुचन देखा गया है। यही वजह है कि मेनोपॉज में प्रवेश करने वाली कई महिलाएं ब्रेन फॉग, एकाग्रता में कमी और भूलने की आदत जैसे लक्षणों को महसूस करती हैं।

अब तक दुनियाभर में मेनोपॉज को सिर्फ प्रजनन क्षमता से जुड़े स्वाभाविक जैविक चरण के रूप में देखा जाता है। लेकिन हाल ही में हुए वैज्ञानिक शोध इस ओर संकेत देता है कि यह बदलाव सिर्फ हार्मोनल इतार-चढ़ाव तक ही सीमित नहीं है। बल्कि यह बदलाव न्यूरोलॉजी, दिमाग की संरचना और संज्ञानात्मक क्षमता पर भी गहरा असर डालता है। बता दें कि मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के दिमाग में होने वाले बदलाव निर्णय क्षमता, स्मरणशक्ति, भावनात्मक संतुलन और मानसिक स्पष्टता को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं।

हालांकि दुनियाभर की करोड़ों महिलाएं इस समस्या का सामना कर रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक हेल्थ और तंत्रिका विज्ञान के एक्सपर्ट के बीच इस विषय पर बढ़ते इंट्रेस्ट को देखते हुए मेनोपॉज के दौरान दिमाग की कार्यप्रणाली और ढांचे में आने वाले बदलावों का गहन अध्ययन किया गया है।

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कई निष्कर्षों से यह पता चलता है कि पीरियड्स खत्म होने के बाद दिमाग के कई हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। साथ ही ब्रेन वॉल्यूम में संकुचन देखा गया है। यही वजह है कि मेनोपॉज में प्रवेश करने वाली कई महिलाएं ब्रेन फॉग, एकाग्रता में कमी और भूलने की आदत जैसे लक्षणों को महसूस करती हैं। यहां तक कि महिलाओं का सेल्फ कॉन्फिडेंस भी पूरी तरह से डोल जाता है और वह खुद को कमजोर समझने लगती हैं।

जागरूक महिलाएं कर लेती हैं परिवर्तन

यह शोध इस ओर भी संकेत देता है कि दिमाग धीरे-धीरे इस बदलाव को अपनाने की क्षमता को विकसित कर लेता है। वहीं जागरुक महिलाएं कुछ सालों में संज्ञानात्मक स्थिरता फिर से पा लेती है। 54 फीसदी महिलाओं में यह पाया गया है कि मेनोपॉज की शुरूआत के साथ ही दिमाग पर कई अहम प्रभाव सामने आए हैं। जैसे- स्मृति और तर्क क्षमता संभालने वाले हिस्सों में 1-2% संकुचन, मस्तिष्क में ऊर्जा उत्पादन 10-15% तक कम होना, दिमाग में ब्लड प्रवाह 12-14% तक घटा, 54% महिलाओं में मूड स्विंग और भावनात्मक अस्थिरता और 62% महिलाओं ने ब्रेन फाग और भूलने की समस्या की शिकायत की।

दिमागी सेहत के लिए अहम मोड़

एक रिपोर्ट के मुताबिक मेनोपॉज सिर्फ महिला जीवन के लिए एक जैविक अध्याय नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ के लिए भी निर्णायक मोड़ है। आने वाले सालों में यह शोध न सिर्फ ट्रीटमेंट सिस्टम और मेंटल हेल्थ पॉलिसी को दिशा देगा। बल्कि समाज में महिलाओं की हेल्थ को लेकर दृष्टिकोण बदलने में भी मददगार होगा। वैज्ञानिक समझ, जागरुकता और समय पर मेडिकल देखभाल के साथ मेनोपॉज जीवन की एक स्थिर और स्वस्थ अवस्था की ओर मार्ग प्रशस्त कर सकता है। इस दौरान महिलाओं को मानसिक रूप से होने वाली बहुत सारी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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