कुपोषण का कारण बन सकती हैं आपकी यह गलतियां

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मिताली जैन । Apr 3 2019 7:31PM

यह समस्या अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलती है। अगर गर्भवती स्त्री अपनी आहार संबंधी आवश्यकताओं का सही तरह से ख्याल नहीं रखती, तो वह अपने साथ−साथ अपने गर्भस्थ शिशु के लिए भी कुपोषण का कारण बनती हैं।

कुपोषण शब्द का नाम सुनते ही आंखों के सामने एक बेहद कमजोर बच्चे की तस्वीर उभर आती है। यकीनन ऐसे बच्चे कुपोषित होती है। लेकिन कुपोषण के मायने इससे कहीं अधिक है। दरअसल, कुपोषण एक स्वास्थ्य स्थिति है, जहां पर व्यक्ति अत्यधिक, अपर्याप्त या असंतुलित तरीके से पोषक तत्वों का सेवन करता है। इसके कारण शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों व उसकी कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचता है। जहां एक ओर पोषक तत्वों की कमी कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे रिकेट्स या अंग विफलता का कारण बनती है, वहीं अधिक पोषण के कारण मोटापे, उच्च रक्तचाप, मधुमेह व दिल के दौरे की संभावना बढ़ जाती है। वैसे इस स्थित किे लिए आपकी कुछ गलतियां भी जिम्मेदार होती हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−

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भोजन में अनियमितता

आज के समय में लोग काम की व्यस्तता के चलते ठीक से काम नहीं करते। भोजन का अनियमित सेवन अपच व कुपोषण का कारण बन सकता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर टाइम पर ही करें।

खाने का ख्याल

कुछ लोग भोजन को मात्र पेट भरने का ही साधन मानते हैं, जबकि उसमें मौजूद पोषक तत्व बेहद अहम होते हैं। अक्सर बाहर खाना या फिर जंक फूड आदि का नियमित रूप से सेवन करने पर व्यक्ति के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और व्यक्ति कुपोषण का शिकार हो जाता है। 

व्यायाम का अभाव

आपको शायद जानकर हैरानी हो लेकिन व्यायाम की कमी भी कुपोषण का कारण बन सकता है। व्यायाम के अभाव में व्यक्ति की पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और जिससे व्यक्ति कुपोषण का शिकार बन जाता है। 

अकेले रहना

जो लोग अकेले रहते हैं या फिर शारीरिक रूप से अक्षम होते हैं, उन्हें स्वयं के लिए स्वस्थ और संतुलित भोजन पकाने में परेशानी होती है, जिससे वह कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। इतना ही नहीं, जो लोग लंबे समय तक बीमार रहते हैं, उनकी भी भूख काफी कम हो जाती है, जिसके कारण उनमें पोषक तत्वों की कमी आ जाती है।

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अज्ञानता

कई बार व्यक्ति की अज्ञानता व अशिक्षा भी कुपोषण का कारण बन जाती है। दरअसल, ऐसे लोग खुद के साथ−साथ अपने बच्चों की भी आहार संबंधी आवश्यकताओं से अनजान होते हैं। जिसके कारण उनके बच्चे कुपोषित हो जाते हैं।

लापरवाही

यह समस्या अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलती है। अगर गर्भवती स्त्री अपनी आहार संबंधी आवश्यकताओं का सही तरह से ख्याल नहीं रखती, तो वह अपने साथ−साथ अपने गर्भस्थ शिशु के लिए भी कुपोषण का कारण बनती हैं। वैसे भारत में लैंगिक असमानता भी महिलाओं में कुपोषण का एक मुख्य कारण है। 

मिताली जैन

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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