Women Health: सेक्शुअल रिलेशन के दौरान नहीं करनी चाहिए ये गलतियां, वरना बढ़ सकता है यूटीआई का खतरा

Women Health
Creative Commons licenses

आमतौर पर इंटिमेसी के बाद महिलाएं यूटीआई और वजाइनल इंफेक्शन की चपेट में आ जाती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी होता है कि फिजिकल इंटिमेसी के दौरान किन गलतियों को करने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

सेक्शुअल रिलेशन बनाने से पहले और बाद में कुछ खास चीजों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इस दौरान की गईं कुछ गलतियां या लापरवाहियां सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज और यूटीआई की वजह बन सकती है। आमतौर पर इंटिमेसी के बाद महिलाएं यूटीआई और वजाइनल इंफेक्शन की चपेट में आ जाती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी होता है कि फिजिकल इंटिमेसी के दौरान किन गलतियों को करने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन टिप्स की मदद से आप इससे बच सकती हैं।

इन गलतियों से बढ़ता है यूटीआई का खतरा

बता दें कि सेक्शुअल रिलेशन के दौरान यूटीआई का खतरा अधिक बढ़ जाता है। हालांकि अधिकतर महिलाओं को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। वहीं रिलेशन बनाने से पहले और बाद में यूरिन पास न करने के कारण भी यूटीआई हो सकती है।

इसे भी पढ़ें: Facial Yoga: 45+ की उम्र में भी दिखेंगी जवां और खूबसूरत, रोजाना करें ये 4 फेशियल योगा

यूरिन पास करने से सेक्शुअल एक्टिविटी के दौरान यूरेथ्रा में बैक्टीरिया जाने का खतरा काफी कम हो जाता है। वहीं इंटिमेट ऑर्गन्स सही तरह से साफ न करना भी ऐसी गलती है, जोकि इंफेक्शन का कारण बन सकती है।साथ ही इंटिमेट आर्गन और हाथों को फिजिकल एक्टिविटी से पहले या बाद में न धोने के कारण भी स्किन या वजाइना से यूरेथ्रा में जा सकते हैं।

शुक्राणुनाशकों या डायाफ्राम का कॉन्ट्रासेप्टिव के रूप में उपयोग करने से वजाइनल बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ सकता है। इससे खतरनाक कीटाणु बढ़ सकते हैं।

फॉलो करें ये टिप्स

एक्सपर्ट की मानें, तो सेक्सुअल एक्टिविटी से पहले और बाद में यूरिन जरूर पास करना चाहिए। वहीं इंफेक्शन से बचने के लिए हल्के साबुन और पानी से प्राइवेट ऑर्गन्स को धोना चाहिए।

वहीं इंफेक्शन से बचने के लिए हाइड्रेशन भी जरूरी होता है। इसके कारण यूरिन डाइल्यूट हो जाता है और बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं।

कई महिलाओं को बार-बार यूटीआई हो जाता है। इससे बचने के लिए कॉन्ट्रासेप्टिव के तौर पर शुक्राणुनाशकों या डायाफ्राम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

जिन महिलाओं को बार-बार यूटीआई हो जाता है, उनको हाइजीन का खास ख्याल रखना चाहिए। खासकर महिलाओं को मेनोपॉज के समय इसका ध्यान जरूर रखना चाहिए।

वहीं सेक्शुअल एक्टिविटी के समय कम खुराक वाली एंटी बायोटिक्स लेना चाहिए। या फिर वजाइनल फ्लोरा को फिर से बैलेंस करने के लिए एस्ट्रोजन ट्रीटमेंट सही ऑप्शन साबित हो सकता है।

डेली रूटीन में कुछ बदलाव करने और प्रजनन अंगो की खास देखभाल करके भी यूटीआई के खतरे को कम किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
All the updates here:

अन्य न्यूज़