मूड स्विंग या अचानक वजन बढ़ना ही नहीं, हार्मोनल इम्बैलेंस होने पर नजर आते हैं ये संकेत, भूल से भी ना करें नजरअंदाज

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मिताली जैन । Oct 19 2025 9:23AM

अमूमन यह माना जाता है कि हार्मोनल इम्बैलेंस होने पर मूड स्विंग्स या अचानक वजन बढ़ना शुरू हो जाता है। जबकि सिर्फ यही संकेत आपके हार्मोन की गड़बड़ी की ओर इशारा नहीं करते हैं, बल्कि इसके अलावा भी अन्य कई तरह के संकेत होते हैं।

शरीर एकदम सही तरीके से काम करे, इसके लिए जरूरी है कि हार्मोन्स बैलेंस रहें। जबकि हर बार ऐसा हो, यह जरूरी नहीं होता है। अक्सर ऐसा होता है कि हमारा शरीर अजीब तरीके से बर्ताव करता है और हमें यह समझ ही नहीं आता है कि वास्तव में ऐसा क्यों हो रहा है। दरअसल, इसके पीछे आपके हार्मोन्स जिम्मेदार हो सकते हैं। जब शरीर में हार्मोन बैलेंस बिगड़ जाता है तो ऐसे में खाने-पीने से लेकर नींद तक कई चीजों पर असर नजर दिखने लगता है।

अमूमन यह माना जाता है कि हार्मोनल इम्बैलेंस होने पर मूड स्विंग्स या अचानक वजन बढ़ना शुरू हो जाता है। जबकि सिर्फ यही संकेत आपके हार्मोन की गड़बड़ी की ओर इशारा नहीं करते हैं, बल्कि इसके अलावा भी अन्य कई तरह के संकेत होते हैं। इन संकेतों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। अमूमन हम इन संकेतों को तनाव, खाने-पीने या उम्र बढ़ने के कारण मान लेते हैं। जबकि इन्हें इतना हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जो हार्मोनल इम्बैलेंस की ओर इशारा करते हैं-

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रात में बार-बार नींद खुलना

हार्मोनल बैलेंस बिगड़ने पर आपकी नींद पर भी इसका असर नजर आता है। अगर आपकी रात में 2-3 बजे के बीच नींद टूट जाती है और दोबारा सोना मुश्किल हो जाता है, तो यह हार्मोनल इम्बैलेंस की वजह से भी हो सकता है। दरअसल, प्रोजेस्टेरोन की कमी या तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के बढ़ने पर ऐसा हो सकता है एक शोध के अनुसार महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन की कमी नींद से जुड़ी परेशानियों का एक आम कारण है।


बार-बार ध्यान भटकना या चीजें भूल जाना

अगर आपको किसी भी काम में ध्यान लगाने में मुश्किल होती है या फिर आप बातें भूलने लगी हैं तो यह एस्ट्रोजन या थायरॉइड हार्मोन की कमी की वजह से हो सकता है। दरअसल, एस्ट्रोजन दिमाग की कार्यक्षमता और याददाश्त बनाए रखने में मदद करता है। वहीं, थायराइड भी एनर्जी और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। जब ये असंतुलित होते हैं, तो मेंटल क्लीयेरिटी कम हो जाती है।

जोड़ों में दर्द या जकड़न

यूं तो बढ़ती उम्र में जोड़ों में दर्द या जकड़न की शिकायत होती है। लेकिन अगर आपको बिना किसी वजह के घुटनों, कंधों या कमर में दर्द या अकड़न होती है, तो यह शरीर में एस्ट्रोजन की कमी का संकेत हो सकता है। एस्ट्रोजन हड्डियों और जोड़ों के लचीलेपन को बनाए रखता है। इसकी कमी से दर्द और अकड़न महसूस होती है।  

बाल झड़ना या अनचाहे बाल उगना

अगर आपके चेहरे या शरीर पर ज्यादा बाल उगने लगे हैं या सिर के बाल झड़ना शुरू हो गए हैं तो यह एंड्रोजन ज्यादा होने या एस्ट्रोजन कम होने की वजह से भी हो सकता है। जब एंड्रोजन बढ़ते हैं, तो चेहरे या शरीर पर बाल उगने लगते हैं और सिर के बाल पतले होने लगते हैं।

- मिताली जैन

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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