अफगानिस्तान के 11 लाख बच्चों को गंभीर कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है

Afghanistan

संयुक्त राष्ट्र ने आशंका जतायी है कि अफगानिस्तान में पांच साल से कम उम्र के करीब 11 लाख बच्चों को गंभीर कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है। इसने कहा कि अस्पतालों में आने वाले ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ रही है, जो संपूर्ण आहार नहीं मिल पाने के कारण कुपोषण के शिकार हैं।

इस्लामाबाद। संयुक्त राष्ट्र ने आशंका जतायी है कि अफगानिस्तान में पांच साल से कम उम्र के करीब 11 लाख बच्चों को गंभीर कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है। इसने कहा कि अस्पतालों में आने वाले ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ रही है, जो संपूर्ण आहार नहीं मिल पाने के कारण कुपोषण के शिकार हैं। पिछले साल तालिबान के सत्ता में आने के बाद से संयुक्त राष्ट्र और अन्य सहायता एजेंसियों ने अकाल की स्थिति के बीच बड़े पैमाने पर आपातकालीन सहायता कार्यक्रम चलाया है, जिसके जरिये लाखों लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

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हालांकि, लगातार बिगड़ते हालात से निपटने में इन्हें खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस महीने जारी एक मूल्यांकन रिपोर्ट के मुताबिक, गरीबी बढ़ रही है, जिसके कारण और अधिक संख्या में अफगानों को मदद की जरूरत पड़ रही है। एक ओर जहां यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर खाद्य पदार्थों के दाम में इजाफा हो रहा है, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता उस स्तर पर मिलने में कठिनाई आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके परिणामस्वरूप बच्चों सहित कमजोर तबके के लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। इतना ही नहीं, महिलाओं को भी अपने परिवार के साथ-साथ बच्चों का पेट भरने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

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उत्तरी प्रांत परवान के एक अस्पताल में नाजिया ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि कुपोषण के कारण उसके चार बच्चों -दो लड़कियां और दो लड़के- की दो साल से कम उम्र में ही मौत हो गई। उन्होंने कहा, चारों बच्चों की मौत का कारण गरीबी और वित्तीय समस्याएं रहीं। जब मेरे बच्चे बीमार पड़े तो मेरे पास उनका इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। नाजिया और उनकी सात महीने की बेटी का अस्पताल में कुपोषण का उपचार जारी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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