Taiwan में भूकंप के बाद चीन की कमर तोड़ने का तगड़ा प्लान एक्टिव, मोदी सरकार ने कर दिया बड़ा धमाका

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अभिनय आकाश । Apr 8 2024 5:44PM

टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। वैष्णव ने यह भी बताया कि सीजी पावर - रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन, जापान और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, थाईलैंड के साथ साझेदारी में गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। साणंद इकाई में 7,600 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है।

पिछले वर्ष की दिसंबर तिमाही के दौरान भारत में स्थापित लगभग 30 प्रतिशत नए वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) सेमीकंडक्टर क्षेत्र में थे, जो फ्रंट-एंड डिज़ाइन, प्रदर्शन परीक्षण जैसे क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिभा पूल का लाभ उठाने में बढ़ती रुचि का संकेत देता है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हालिया जुड़ावों में सिग्नेचर आईपी है, जो नेटवर्क-ऑन-चिप (एनओसी) तकनीक को आगे बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ 2021 में स्थापित कंपनी है। इस विस्तार में अग्रणी सिग्नेचर आईपी, एजकोर्टिक्स और एम31 टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन जैसी नवोन्मेषी कंपनियां हैं, जिनमें से प्रत्येक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में अद्वितीय विशेषज्ञता का योगदान दे रही है। बेंगलुरु और हैदराबाद सेमीकंडक्टर जीसीसी के लिए प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे हैं, जो कुल 55 केंद्रों में से दो-तिहाई से अधिक की मेजबानी करते हैं और 50,000 के विशेष कार्यबल को रोजगार देते हैं।

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कहां बनेगी कितनी चिप 

टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। वैष्णव ने यह भी बताया कि सीजी पावर - रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन, जापान और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, थाईलैंड के साथ साझेदारी में गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। साणंद इकाई में 7,600 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। टाटा द्वारा गुजरात के धोलेरा में जो प्लांट लगाया जाएगा वहां 50 हजार वेफर हर महीने बनेंगे। एक वेफर में 5 हजार चिप होते हैं। यानी हर महीने 25 करोड़ सेमीकंडक्टर चिप बनेंगे। असम वाले प्लांट में हर दिन 4.80 करोड़ चिप बनाने की क्षमता होगी। गुजरात के साणंद में जो प्लांट बनेगा वहां हर दिन 1.5 करोड़ चिप बनाई जा सकेगी। 

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पूरी दुनिया को नचाने वाली इस चिप में क्या है?

सेमीकंडक्टर चिप को इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का दिल माना जाता है। स्मार्टफोन्स से लेकर कार, डेटा सेंटर्स, कम्प्यूटर्स, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डेवाइसेज, वीकल्स, हाउसहोल्ड अप्लायंसेज, लाइफ सेविंग फार्मास्यूटिकल डिवाइसेज, एग्रीटेक, एटीएम और कई तरह के उत्पादों में इसका व्यापक इस्तेमाल होता है। चिप आर्टिफिशल इंटेलीजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग, एडवांस्ड वायरलेस नेटवर्क्स, ब्लॉकचेन एप्लिकेशंस, 5जी, आईओटी, ड्रोन, रोबोटिक्स, गेमिंग और वियरेबल जैसी एमजिंग टेक्नोलॉजीज का अहम हिस्सा हैं। यानी सेमीकंडक्टर चिप मॉडर्न कम्प्यूटेशन के बिल्डिंग ब्लॉक्स हैं। लेकिन चिप बनाने की प्रक्रिया बहुत जटिल है और यह कारोबार कई देशों तक फैला है।  

अमेरिका-चीन में तनातनी की वजह क्या है ?

चीन अमेरिका की चिप कंपनियों के लिए बड़ा मार्केट है। वहां बड़ी संख्या में ऐसे प्रॉडक्ट्स बनाए, जाते हैं जिनमें सेमीकंडक्टर यानी चिप का व्यापक इस्तेमाल होता है। दुनिया में सेमीकंडक्टर की कुल बिक्री में चीन का एक तिहाई योगदान है। कई कंपनियां तो अमेरिका में चिप बना रही हैं। लेकिन असेंबलिंग और टेस्टिंग के लिए चीन भेजा जाता है।

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