चीन को लेकर अमेरिका का बड़ा बयान, बताया अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा

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वो सभी नियम, मूल्य और संबंध जो दुनिया को हमारे मुताबिक चलने देते हैं, वह इसलिए है क्योंकि अंतत: वह अमेरिका के लोगों के हितों की पूर्ति करते हैं और अमेरिकियों के मूल्यों पर चलते हैं। जब जरुरत होगी चीन के साथ हमारा संबंध प्रतियोगी होगा।

वाशिंगटन। चीन के साथ अमेरिका के संबंधों को ‘‘21वीं सदी की सबसे बड़ी भू-राजनीतिक परीक्षा’’ करार देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने बुधवार को कहा कि एशियाई देश आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य और प्रौद्योगिकी क्षमता से युक्त एकमात्र ऐसा राष्ट्र है जो स्थाई और मुक्त अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को गंभीर चुनौती देने की क्षमता रखता है। जो बाइडन सरकार के विदेश नीति के आठ महत्वपूर्ण बिन्दुओं का खुलासा करते हुए ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हम 21वीं सदी की सबसे बड़ी भू-राजनीतिक परीक्षा देंगे : चीन के साथ अपने संबंधों की। रूस, ईरान और उत्तर कोरिया सहित कई देश हमारे समक्ष चुनौती पेश करते हैं और हमें यमन, इथोपिया और बर्मा में गंभीर संकट से निपटना पड़ रहा है। लेकिन चीन के कारण उत्पन्न चुनौतियां अलग हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य और प्रौद्योगिकी क्षमता से युक्त एकमात्र ऐसा राष्ट्र है जो स्थाई और मुक्त अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को गंभीर चुनौती देने की क्षमता रखता है।’’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘वो सभी नियम, मूल्य और संबंध जो दुनिया को हमारे मुताबिक चलने देते हैं, वह इसलिए है क्योंकि अंतत: वह अमेरिका के लोगों के हितों की पूर्ति करते हैं और अमेरिकियों के मूल्यों पर चलते हैं। जब जरुरत होगी चीन के साथ हमारा संबंध प्रतियोगी होगा। जब संभव होगा सहयोगात्मक होगा और जरुरत पड़ी तो विपरीत/प्रतिकूल भी होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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