उत्तर कोरिया पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका, दक्षिण कोरिया विस्तारित सैन्य अभ्यास को तैयार

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ये घोषणा दोनों नेताओं द्वारा अपने पूर्ववर्तियों की नीति में बदलाव को दर्शाती है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अभ्यास को खत्म करने का विचार किया था और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के प्रति झुकाव दिखाया था।

सियोल|  अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने शनिवार को मुलाकात के बाद कहा कि उत्तर कोरिया के साथ वास्तविक कूटनीति की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है, ऐसे में वे उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे को रोकने के लिए विस्तारित सैन्य अभ्यास पर विचार करेंगे।

ये घोषणा दोनों नेताओं द्वारा अपने पूर्ववर्तियों की नीति में बदलाव को दर्शाती है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अभ्यास को खत्म करने का विचार किया था और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के प्रति झुकाव दिखाया था।

वहीं, दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति मून जेई इन उत्तर कोरिया द्वारा बार-बार पीछे हटने के बावजूद अपने कार्यकाल के खत्म होने तक किम के साथ वार्ता के लिए प्रतिबद्ध थे। बाइडन ने कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच सहयोग ‘‘सभी खतरों का एक साथ मुकाबला करने की हमारी तत्परता’’ को दर्शाता है। बाइडन और यून ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस बात को दोहराया कि उनका साझा लक्ष्य उत्तर कोरिया का पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने एक संयुक्त बयान जारी करके कहा कि वे यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद ‘‘नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था’’ के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह बयान उत्तर कोरिया का आक्रोश और बढ़ा सकता है, जिसने अपने परमाणु हथियारों और मिसाइल विकास कार्यक्रमों का बचाव किया है, जिसे वह अमेरिकी खतरों के रूप में मानता है और लंबे समय से अमेरिका-दक्षिण कोरिया सैन्य अभ्यास को आक्रमण पूर्वाभ्यास के रूप में बताता है।

हालांकि, सहयोगियों ने अभ्यास को रक्षात्मक बताया है। बाइडन ने एक बैठक में अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष से कहा कि दोनों देशों के बीच 70 साल का गठबंधन ‘‘साझे बलिदान’’ पर आधारित है और इसे नए स्तरों पर ले जाया जाएगा क्योंकि व्यापार और प्रौद्योगिकी पर अतिरिक्त ध्यान देकर राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर दिया जा रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘दोनों देश इस समय अवसरों और चुनौतियों दोनों का सामना करने के लिए काम कर रहे हैं।’’ द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के विभाजन से दो देशों का जन्म हुआ। बाइडन ने उत्तर कोरिया को टीकों की अपनी पेशकश को दोहराया क्योंकि कोरोनो वायरस देश में खतरनाक रूप से तेजी से फैल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वह किम जोंग उन से मिलने के लिए तैयार हैं, बशर्ते उत्तर कोरिया के नेता ‘‘ईमानदारी बरतें’’ और ‘‘गंभीर’’ हों। बाइडन ने कहा, ‘‘हां, हमने न केवल उत्तर कोरिया को बल्कि चीन को भी टीके की पेशकश की है। हम तुरंत ऐसा करने के लिए तैयार हैं। हमें कोई जवाब नहीं मिला है।’’

दक्षिण कोरिया की यात्रा पर गए बाइडन देश में कंप्यूटर चिप्स और अगली पीढ़ी के ऑटो के लिए कारखानों का दौरा कर रहे हैं और अधिक सहयोग के लिए बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, उत्तर कोरिया में इस वक्त बड़े पैमाने पर घातक कोरोना वायरस का प्रकोप है।

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने एयर फोर्स वन में सवार पत्रकारों से कहा कि अमेरिका ने दक्षिण कोरिया और जापान के साथ इस बात पर चर्चा की कि आखिर उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण या मिसाइल प्रक्षेपण का कैसे जवाब देंगे।

सुलिवन ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने चीनी समकक्ष यांग जिएची के साथ भी बात की और बीजिंग से अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उत्तर कोरिया को परीक्षण रोकने के लिए मनाने का आग्रह किया। एशिया की पांच दिवसीय यात्रा के तहत बाइडन ने शनिवार को यून के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाया जिन्होंने एक सप्ताह से थोड़ा अधिक समय पहले पदभार ग्रहण किया था।

बाइडन के कार्यों में उत्तर कोरिया के किम जोंग उन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को लेकर दक्षिण कोरिया को आश्वस्त करना भी शामिल है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार को सियोल नेशनल सीमेट्री मेंपुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अतिथि पुस्तक पर हस्ताक्षर भी किए।

उत्तर कोरिया पर चर्चा करने के अलावा, दोनों नेताओं ने आर्थिक सुरक्षा और बढ़ते व्यापार संबंधों पर जोर दिया। वहीं, दो कोरियाई औद्योगिक दिग्गज कंपनियां - सैमसंग और हुंडई अमेरिका में बड़े संयंत्र खोल रहे हैं।

अमेरिका ने चीन की बढ़ती ताकत को संतुलित करने के लिए एशिया में देशों के गठबंधन को एक साथ जोड़ने के लिए संघर्ष किया है और देश में राजनीतिक प्रतिक्रिया के बाद उसने ‘ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप’ नामक व्यापार समझौते को छोड़ दिया।

बाइडन ने समझौते को फिर से शुरू करने के बारे में पूछे गए एक सवाल को टाल दिया, हालांकि उन्होंने दक्षिण कोरिया और जापान जैसे पारंपरिक सहयोगियों से परे क्षेत्र में अन्य देशों के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करने की संभावना पर बात की। उन्होंने कहा, ‘‘चीजें बदल गई हैं।

प्रशांत क्षेत्र में लोकतंत्रिक देशों के बीच यह भावना है कि अधिक निकटता से सहयोग करने की आवश्यकता है। न केवल सैन्य रूप से, बल्कि आर्थिक और राजनीतिक रूप से भी सहयोग की आवश्यकता है।’’

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि बाइडन अपनी इस यात्रा के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप को विभाजित करने वाले विसैन्यीकृत क्षेत्र (डीएमजेड) का दौरा नहीं करेंगे।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन से लेकर कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों के लिए सियोल यात्राओं के दौरान यह एक मानक पड़ाव होता था। बाइडन ने 2013 में उप राष्ट्रपति के रूप में डीएमजेड का दौरा किया था।

सुलिवन ने कहा कि इस बार यात्रा नहीं करने का राष्ट्रपति का निर्णय सुरक्षा चिंताओं से प्रेरित नहीं था। इसके बजाय, रविवार को बाइडन सियोल के दक्षिण में ओसान एयर बेस पर एयर ऑपरेशंस सेंटर के कॉम्बैट ऑपरेशंस फ्लोर का दौरा करेंगे।

अमेरिका इसे पूर्वोत्तर एशिया में सबसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में से एक के तौर पर देखता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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