अमेरिकी की चीन को कड़ी चेतावनी, रूस की मदद करने पर भुगतने होंगे गंभीर नतीजे

America China
अभिनय आकाश । Mar 15 2022 1:22PM

चीन अमेरिका और पश्चिमी सहयोगियों द्वारा रूस पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों को टालने में मदद करने में जुटा है। इसके साथ ही यूक्रेन से युद्ध में चीन उपकरणों के जरिये मदद की भी आशंका जताई गई है। जिसको लेकर अमेरिका ने चीन को सख्त चेतावनी दी है।

यूक्रेन पर हमला बोलकर रूस दो तरफ से घिर चुका है। एक तरफ उसे अबतक की जंग के उम्मीद के मुताबिक कामयाबी नहीं मिली। रूस को उम्मीद थी कि जल्द ही वो यूक्रेन पर कब्जा कर लेगा, लेकिन उसकी जल्द वाली उम्मीद पूरी हुई नहीं। दूसरी तरफ पश्चिम देशों की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से वो आर्थिक संकट में फंस गया है। अब तक रूस का आधा सोना और विदेशी मुद्रा भंडार जब्त हो चुका है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खराब होते हालात से उबरने के लिए रूस अब चीन से मदद की गुहार लगा रहा है। चीन अमेरिका और पश्चिमी सहयोगियों द्वारा रूस पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों को टालने में मदद करने में जुटा है। इसके साथ ही यूक्रेन से युद्ध में चीन उपकरणों के जरिये मदद की भी आशंका जताई गई है। जिसको लेकर अमेरिका ने चीन को सख्त चेतावनी दी है। 

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अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने चीनी अफसर को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मदद करने को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमले के बाद से चीन से सैन्य उपकरण मांगे हैं। जिससे व्हाइट हाउस में चिंता बढ़ गई है कि बीजिंग यूक्रेन को अपने देश की रक्षा करने में मदद करने के दूसरे प्रयासों को कमजोर कर सकता है। अमेरिका के एनएसए जैक सुलिवन ने चीन को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने प्रतिबंधों का असर खत्म करने में रूस की किसी भी तरह से मदद की तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

रोम में मिले अमेरिका-चीनी अधिकारी

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रोम में चीन के अपने समकक्ष यांग जिएची के साथ मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंध तथा यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। व्हाइट हाउस ने बताया कि क्वाड शिखर सम्मेलन के दो हफ्ते बाद और मौजूदा यूक्रेनी संकट के बीच दोनों अधिकारियों के बीच यह मुलाकात हुई है।  राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने उन चिंताओं तथा कुछ कदमों के संभावित प्रभावों एवं परिणामों के बारे में प्रत्यक्ष रूप से बातचीत की। यह पूर्व निर्धारित बैठक रोम में सात घंटे तक चली।  

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