अरब देशों को नहीं भाया कतर-अमेरिका के बीच हुआ समझौता

Arab states says United States Qatar statement is not enough
[email protected] । Jul 12 2017 11:08AM

चार अरब देशों ने संयुक्त वक्तव्य में यह कहा कि कतर और अमेरिका के बीच आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने के लिए हुआ समझौता ‘पर्याप्त नहीं’ है।

रियाद। चार अरब देशों ने संयुक्त वक्तव्य में यह कहा कि कतर और अमेरिका के बीच आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने के लिए हुआ समझौता ‘पर्याप्त नहीं’ है। सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन के दौरे के दौरान दोहा में घोषित समझौता पत्र ‘‘चार देशों और उनके साझेदारों द्वारा कतर पर आतंक का समर्थन बंद करने के लिए बीते कई वर्षों से बनाए जा रहे दबाव और लगातार उठाई जा रही मांग का परिणाम है।’’

सऊदी की सरकारी समाचार एजेंसी एसपीए के मुताबिक वक्तव्य में कहा गया कि ‘‘यह कदम नाकाफी है।’’ इसमें कहा गया कि चारों देश ‘‘कड़ी नजर रखेंगे और देखेंगे कि सभी रूपों में आतंक के वित्त पोषण, समर्थन और आतंक को बढ़ावा देने से निबटने में कतर के अधिकारी कितने गंभीर हैं।’’ वक्तव्य में कहा गया कि कतर के अधिकारियों ने जो संकल्प दिखाया है वह विश्वास योग्य नहीं है। इसमें कहा गया कि पहले के समझौतों का भी कथित रूप से सम्मान नहीं किया गया। टिलरसन और कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने दोहा में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इस बाबत घोषणा की थी। टिलरसन ने कहा कि यह समझौता मई में हुए रियाद सम्मेलन में ‘‘धरती से आतंक के खात्मे की खातिर’’ लिए गए फैसलों के आधार पर किया गया है।

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