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अमेरिका में हो सकता है सशस्त्र विरोध प्रदर्शन, 50 राज्यों को FBI ने भेजा अलर्ट
- निधि अविनाश
- जनवरी 13, 2021 17:15
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इससे पहले, कई रिपोर्टों में दावा किया गया था कि डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता के शांतिपूर्ण परिवर्तन के लिए तैयार नहीं होंगे। कैपिटल में हुए हालिया दंगा और बाद में एफबीआई की ओर से चेतावनी यह संकेत देती है कि देश स्पष्ट रूप से सिविल वॉर की ओर बढ़ रहा है।
कैपिटल हिंसा के बाद एफबीआई ने सभी सशस्त्र विरोध प्रदर्शनों की तैयारी के लिए देश भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को एक मेमो भेजा है, जो 16 जनवरी से शुरू हो सकता है और जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के दिन 20 जनवरी तक जारी रह सकता है। बता दें कि एफबीआई द्वारा जारी मेमो में कहा गया है कि एक सशस्त्र समूह ने वाशिंगटन, डी.सी. की यात्रा करने की धमकी दी है और यदि कांग्रेस ने डोनाल्ड ट्रम्प को पद से हटा दिया है, तो विद्रोह होगा। एक खबर के अनुसार, यह मेमो देश में कई कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा प्रदान की गई खुफिया जानकारी के अलावा सोशल मीडिया और सूत्रों से एकत्र की गई जानकारी पर आधारित है।
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सिविल वॉर की संभावना?
इससे पहले, कई रिपोर्टों में दावा किया गया था कि डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता के शांतिपूर्ण परिवर्तन के लिए तैयार नहीं होंगे। कैपिटल में हुए हालिया दंगा और बाद में एफबीआई की ओर से चेतावनी यह संकेत देती है कि देश स्पष्ट रूप से सिविल वॉर की ओर बढ़ रहा है। मेमो के अनुसार, एक सशस्त्र समूह वाशिंगटन डीसी की यात्रा करने की योजना बना रहा है यदि कांग्रेस ने डोनाल्ड ट्रम्प को कार्यालय से हटा दिया। भले ही एफबीआई ने सभी 50 राज्यों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मेमो भेजा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हिंसा राष्ट्र के सभी जगह तक पहुंच सकती है। एफबीआई बोस्टन डिवीजन के एक प्रवक्ता ने कहा कि 17 जनवरी से राज्य में सशस्त्र विरोध के कोई संकेत नहीं हैं। जानकारों के मुताबिक, बूगालू आंदोलन के सदस्य 17 जनवरी की रैलियों के दौरान सशस्त्र विद्रोह की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा मिशिगन और मिनेसोटा दो राज्य हैं जहां सशस्त्र विरोध प्रदर्शन होने की अधिक संभावना है, क्योंकि बूगालू आंदोलन के सदस्यों की इन राज्यों में मजबूत पकड़ हैं।
22 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान को 5 करोड़ ही टीके देगा चीन, अपना विमान लाकर खुद ही ले जाना होगा वैक्सीन
- अभिनय आकाश
- जनवरी 21, 2021 19:23
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पाकिस्तान ने टीके के लिए अपने दोस्त चीन की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया। लेकिन चीन ने भी पाकिस्तान के साथ बड़ा खेल कर दिया। चीन ने 22 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान को 5 करोड़ टीके ही दिए।
भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू हो गया। पिछले चार दिनों में 6 लाख से ज्यादा स्वाथ्यकर्मियों को टीका लगाता गया है। सरकार की पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने की योजना है। दुनिया के कई देश भारत की तरफ टीके के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं। दर्जन भर देशों ने भारत सरकार से कोरोना के टीके के लिए अनुरोध किया है। अपनी घरेलु जरूरतों को पूरा करने के बाद भारत पाकिस्तान को छोड़कर आने वाले दिनोों में अपने पड़ोसी देशों को टीके निर्यात करेगा।
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पाकिस्तान ने टीके के लिए अपने दोस्त चीन की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया। लेकिन चीन ने भी पाकिस्तान के साथ बड़ा खेल कर दिया। चीन ने 22 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान को 5 करोड़ टीके ही दिए। इसके साथ ही चीन ने पाकिस्तान को अपना विमान लाकर खुद ही टीके ले जाने को कहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान को 31 जनवरी तक कोरोना वैक्सीन की 5 लीख डोज उपलब्ध कराने का वादा किया है।
Always great to speak to my friend, His Excellency FM Wang Yi. With encouraging results of Chinese vaccine and our historic relationship, Pakistan has approved emergency use authorisation of SinoPharm. Indeed 🇵🇰 greatly appreciates the 500,000 doses of the vaccine gifted by 🇨🇳.
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) January 21, 2021
भारतीय-अमेरिकी विनय रेड्डी ने लिखा था जो बाइडेन का भाषण, मजबूत संदेश देने के लिए हो रही तारीफ
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 21, 2021 18:13
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बाइडेन का भाषण तेलंगाना से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति ने लिखा था। भारतीय-अमेरिकी विनय रेड्डी ने लिखा था, जिसकी काफी सराहना हो रही है। रेड्डी ने बाइडन के प्रथम भाषण में उनके (बाइडन) प्रशासन के लक्ष्यों को रेखांकित किया और राष्ट्रीय राजनीति में मौजूदा संकट को दूर करने पर जोर दिया।
वाशिंगटन।अमेरिका के नये राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण करने के बाद जो बाइडेन ने अपने दमदार भाषण में इस चुनौतीपूर्ण समय में लोकतंत्र, एकता और उम्मीद के महत्व पर जोर दिया। उनका यह भाषण तेलंगाना से ताल्लुक रखने वाले भारतीय-अमेरिकी विनय रेड्डी ने लिखा था, जिसकी काफी सराहना हो रही है। रेड्डी ने बाइडन के प्रथम भाषण में उनके (बाइडन) प्रशासन के लक्ष्यों को रेखांकित किया और राष्ट्रीय राजनीति में मौजूदा संकट को दूर करने पर जोर दिया। भाषण में रेड्डी के ‘प्रेरक’ शब्दों को लेकर उनकी सराहना की जा रही है। बाइडन के भाषण की कुछ यादगार पंक्तियां इस प्रकार हैं: बाइडन ने कहा, ‘‘यह अमेरिका का दिन है, यह लोकतंत्र का दिन है, इतिहास का और उम्मीद का दिन है। आज हम जीत का जश्न मना रहे हैं, किसी एक उम्मीदवार का नहीं, बल्कि एक उद्देश्य का। हमने एक बार फिर से सीखा है कि लोकतंत्र बहुमूल्य है, लोकतंत्र नाजुक है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘एकता के बगैर, शांति नहीं हो सकती, सिर्फ कड़वाहट और क्रोध होगा। प्रगति नहीं होगी, सिर्फ अप्रिय घटनाएं होंगी। कोई भी राष्ट्र नहीं रहेगा, सिर्फ अव्यवस्था की स्थिति होगी...संकट और चुनौतीपूर्ण समय में यह हमारा ऐतिहासिक क्षण है...एकता आगे बढ़ने का रास्ता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां हम एक दंगाई भीड़ की हिंसा के कुछ ही दिनों बाद खड़े हैं, जिन्होंने (भीड़ ने) यह सोचा था कि वे लोगों को खामोश कर देंगे, हमारे लोकतंत्र का पहिया चलना रोक देंगे, हमें इस पवित्र स्थान से निकाल बाहर कर देंगे। ऐसा नहीं हुआ। यह कभी नहीं होगा। न तो आज, न ही कल और कभी भी नहीं।’’
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बाइडन ने कहा, ‘‘जीवन के बारे में यहां कुछ चीजें हैं।कभी आपको किसी के सहारे की जरूरत होगी। किसी दिन हम आपसे सहयोग का हाथ बढ़ाने की अपील करेंगे। कुछ ऐसा ही होता है। यह चीज हम एक-दूसरे के लिए करते हैं। ’’ अपने 21 मिनट के भाषण को आधा पूरा करने के बाद बाइडन ने कहा, ‘‘वाशिंगटन के कामकाज के बारे में और किस तरह वह राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरानकाम करने की कल्पना करते हैं, उस बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ राजनीति यह नहीं है कि आग लगा कर अपने रास्ते में आने वाली हर चीज नष्ट कर दी जाए। हर असहमति एक पूर्ण युद्ध का कारण नहीं बने।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सभी अमेरिका वासियों का राष्ट्रपति हूं। हमें इस असभ्य युद्ध को अवश्य खत्म करना होगा, जिसने एक पार्टी के समर्थक को दूसरी पार्टी के समर्थक के खिलाफ खड़ा कर दिया है। ’’ राष्ट्रपति के कार्यकाल के बारे में इतिहास लिखने वाले माइकल बेशलोस ने एक ट्वीट में बाइडन के भाषण को विनम्र और प्रेरक बताया।
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वहीं, अन्य विशेषज्ञों और मीडिया स्तंभकारों ने कहा कि राष्ट्रपति ने ‘भाषण में वही कुछ कहा, जिसकी इस वक्त दरकार थी। ’ पत्रकार मैट फुलर ने कहा कि बाइडन का भाषण इतिहास, आस्था, गरिमा, सम्मान, एकता की अपील करता है। यह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रथम भाषण के ठीक उलट है। टाइम पत्रिका के स्तंभकार डेविड फ्रेंच ने ट्वीट किया, ‘‘जो बाइडन ने वह भाषण दिया, जिसकी इस वक्त दरकार थी। बहुत बढ़िया।’’ उल्लेखनीय है कि रेड्डी ने बाइडन-(कमला)हैरिस को सत्ता हस्तांतरण के दौरान भाषण लेखक के रूप में सेवा दी है और वह बाइडन-हैरिस के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान वरिष्ठ सलाहकार एवं भाषण लेखक रह चुके हैं। इससे पहले वह ओबामा-बाइडन (बाइडन के उपराष्ट्रपति रहने) प्रशासन के दौरान अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के लिए भी भाषण लिख चुके हैं। रेड्डी ओहायो के डेयटन में पले-बढ़े हैं। वह अभी न्यूयार्क में अपनीपत्नी और दो बेटियों के साथ रहते हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को दलाई लामा ने दी बधाई, लिखा पत्र
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 21, 2021 15:05
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दलाई लामा ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को बधाई दी है।अमेरिका के राष्ट्रपति को लिखे पत्र में दलाई लामा ने कहा,‘‘ऐसे समय में जब हमारी धरती का पारिस्थितिक तंत्र संकट से जूझ रहा है,मुझे खुशी है कि आपने जलवायु परिवर्तन को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया और पेरिस जलवायु समझौते में देश को फिर से जोड़ने का फैसला किया।
धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश)। तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने जो बाइडेन को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी और तिब्बत के लोगों का लंबे समय से समर्थन करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। दलाई लामा ने भरोसा जताया कि बाइडेन एक शांतिपूर्ण दुनिया को आकार देने में योगदान देंगे, जिससे ‘‘भुखमरी, बीमारी और हिंसा’’ का सामना कर रहे लोगों को राहत मिलेगी। बाइडेन ने बुधवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह में अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उन्होंने देश को एकजुट करने का आह्वान किया। कमला देवी हैरिस ने देश की पहली महिला उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली।
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वाशिंगटन डीसी में कैपिटल बिल्डिंग (संसद भवन) में छह जनवरी को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के हिंसक उत्पात के बाद भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। अमेरिका के राष्ट्रपति को लिखे पत्र में दलाई लामा ने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब हमारी धरती का पारिस्थितिक तंत्र संकट से जूझ रहा है, मुझे खुशी है कि आपने जलवायु परिवर्तन को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया और पेरिस जलवायु समझौते में देश को फिर से जोड़ने का फैसला किया। जलवायु परिवर्तन समूची दुनिया और समस्त प्रजाति के लिए एक गंभीर खतरा है जिस पर तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका की बेहतरी की दिशा में आपके द्वारा उठाए गए कदम की सराहना करता हूं। मैं आपके देश, वहां लोगों को मिली आजादी, लोकतंत्र, धार्मिक स्वतंत्रता और वहां कायम कानून के राज का प्रशंसक रहा हूं। पूरे विश्व को अमेरिका के लोकतांत्रिक दृष्टकोण और नेतृत्व से उम्मीदे हैं।’’
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पत्र में उन्होंने लिखा, ‘‘ऐसे चुनौतिपूर्ण वक्त में मुझे भरोसा है कि आप एक शांतिपूर्ण दुनिया को आकार देने में योगदान देंगे जिसमें ‘‘भुखमरी, बीमारी और हिंसा’’ का सामना कर रहे लोगों को राहत मिलेगी। इन मुद्दों का समाधान किए जाने की जरूरत है।’’ दलाई लामा ने कहा, ‘‘लंबे समय से तिब्बत के लोगों का समर्थन करने के लिए मैं आपका आभार प्रकट करता हूं। यह हमारा सौभाग्य है कि हमारी बौद्ध संस्कृति, शांति, अहिंसा और करुणा की हमारी संस्कृति की रक्षा के प्रयास में अमेरिका, अमेरिकी लोगों तथा वहां के नेताओं का भरपूर सहयोग मिला।

