प्रदूषण फैलाने वाली 71 फीसदी कंपनियां हरित लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रति आश्वस्त: सर्वे

Pollution
Google Creative Commons.

सर्वेक्षण के अनुसार, 71 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कम कार्बन आधारित प्रौद्योगिकियों के लिए प्रोत्साहन और कार्बन-मूल्य निर्धारण तंत्र जैसे पहलुओं के साथ एक उत्साहजनक नियामक ढांचे के साथ सीओपी26 के लक्ष्यों को प्राप्त करने का विश्वास जताया है।

मुंबई|  संयुक्त राष्ट्र के पिछले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में सरकार द्वारा कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की प्रतिबद्धता जाहिर करने और इसे लेकर निवेशकों के जोर देने के बीच दस घरेलू कंपनियों में से लगभग सात कंपनियां जिनमें से ज्यादातर प्रदूषण फैलाने वाली हैं, उत्सर्जन में कमी लाने के अपने लक्ष्यों को पूरा करने के प्रति आश्वस्त हैं। एक सर्वे में यह कहा गया।

पिछले साल नवंबर में स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगो में आयोजित 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) में सरकार ने संगठनों को उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रेरित करने और हरित लक्ष्यों को प्राप्त करने का संकल्प लिया था।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) पर जारी एक रिपोर्ट में कहा कि उसके सर्वेक्षण में 143 सीएक्सओ से फीडबैक सहित दस क्षेत्रों -- ऑटो, सीमेंट, उपभोक्ता वस्तुओं, वित्तीय सेवाएं, तेल और गैस, विनिर्माण, धातु, बिजली और उपयोगिताओं, पेशेवर सेवाओं और प्रौद्योगिकी को शामिल किया गया है। सर्वेक्षण से पता चला कि उनमें से 71 प्रतिशत अपने हरित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आश्वस्त हैं। बीसीजी इंडिया के प्रबंध निदेशक और साझेदार अनिर्बान मुखर्जी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘जब स्थिरता लक्ष्यों को लागू करने और प्राप्त करने की बात आती है, तो बड़ी संख्या में कंपनियों ने कहा वे ईएसजी डेटा से संबंधित मुद्दों जैसे रीयल-टाइम डेटा एकीकरण, मानक नियमों की कमी जैसी नियामक चुनौतियों और प्रौद्योगिकियों की उच्च लागत तथा प्रतिस्पर्धी लागत के निर्माण जैसी वित्तीय चुनौतियों को पूरा करने में प्रौद्योगिकी के रूप में कठिन चुनौतियों का सामना करती हैं।’’

सर्वेक्षण के अनुसार, 71 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कम कार्बन आधारित प्रौद्योगिकियों के लिए प्रोत्साहन और कार्बन-मूल्य निर्धारण तंत्र जैसे पहलुओं के साथ एक उत्साहजनक नियामक ढांचे के साथ सीओपी26 के लक्ष्यों को प्राप्त करने का विश्वास जताया है। सीमेंट, धातु, और बिजली तथा उपयोगिता उद्योगों के अधिकांश उत्तरदाता स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक आश्वस्त हैं। मुखर्जी ने सर्वेक्षण के निष्कर्षों का हवाला देते हुए कहा कि लगभग 51 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्थिरता पहलों में निवेश करने के लिए अपने शीर्ष कारणों में हितधारकों के दबाव को स्थान दिया है।

एक स्थायी जीवन शैली की ओर अग्रसर होने की बढ़ती प्रवृत्ति भी सभी व्यवसायों के लिए अवसरों का विस्तार कर रही है और 55 प्रतिशत प्रतिभागियों ने सुझाव दिया है कि उनके ग्राहक स्थायी विकल्पों के लिए प्रीमियम का भुगतान करने को तैयार हैं।

मुखर्जी के अनुसार, व्यवसायों को अपने संचालन और उत्पादन प्रक्रियाओं को मानक स्थिरता मानदंडों और तौर-तरीकों के साथ संरेखित करने की आवश्यकता है और वे प्राथमिकता के आधार पर अपने स्थिरता लक्ष्यों को निर्धारित करके इस प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़