बांग्लादेश: सात जनवरी के चुनाव के खिलाफ बीएनपी ने 48 घंटे की आम हड़ताल का आह्वान किया

Bangladesh Nationalist Party
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बीएनपी हड़ताल के जरिये पार्टी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और स्थायी समिति के सदस्य अमीर खसरू महमूद चौधरी सहित अपने अन्य नेताओं की रिहाई की भी मांग कर रही है, जिन्हें हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मानवाधिकारों की निगरानी करने वाली एक संस्था के अनुसार, पुलिस ने हजारों विपक्षी कार्यकर्ताओं और हस्तियों को गिरफ्तार किया है और पिछले तीन महीनों में कम से कम 16 लोग मारे गए तथा हजारों व्यक्ति घायल हो गए, राजनीतिक हिंसा में बसों और ट्रकों सहित दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई।

बांग्लादेश के मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव के विरोध में शनिवार से 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का बृहस्पतिवार को आह्वान किया। बीएनपी इस चुनाव का बहिष्कार कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) रविवार को होने वाले आम चुनाव का बहिष्कार कर रही है। यह चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम गैर-दलीय तटस्थ सरकार की मांग कर रही है। सत्तारूढ़ अवामी लीग का नेतृत्व कर रही प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है। ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, बीएनपी के संयुक्त वरिष्ठ महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में आम हड़ताल की घोषणा की।

हड़ताल के जरिये बीएनपी का लक्ष्य अवामी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अपने असहयोग आंदोलन के लिए समर्थन जुटाना है। इसने देश के संविधान में संशोधन करके चुनावों की निगरानी के लिए एक गैर-दलीय अंतरिम सरकार की अपनी मांग पर जोर देने के लिए लोगों से करों और अन्य बिलों का भुगतान नहीं करने का आग्रह किया है। यह हड़ताल सोमवार सुबह छह बजे समाप्त होगी।

बीएनपी हड़ताल के जरिये पार्टी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और स्थायी समिति के सदस्य अमीर खसरू महमूद चौधरी सहित अपने अन्य नेताओं की रिहाई की भी मांग कर रही है, जिन्हें हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मानवाधिकारों की निगरानी करने वाली एक संस्था के अनुसार, पुलिस ने हजारों विपक्षी कार्यकर्ताओं और हस्तियों को गिरफ्तार किया है और पिछले तीन महीनों में कम से कम 16 लोग मारे गए तथा हजारों व्यक्ति घायल हो गए, राजनीतिक हिंसा में बसों और ट्रकों सहित दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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