Agni-5 की रेंज में आया बीजिंग तो China भी मानने लगा भारत को BOSS, कर दी ये बड़ी अपील

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Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Mar 13 2024 1:23PM

चीन के सरकारी भोंपू यानी की ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पश्चिमी देश एशिया की दो शक्तियों के बीच दुश्मनी बढ़ाना चाहते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने भारत से एमआरआईवी तकनीक की सफलता के साथ रणनीतिक संयम बनाए रखने की अपील की है। बीजिंग से लेकर शंघाई तक भारत के दिव्यास्त्र की चर्चा हो रही है। जिस अग्नि-5 की रेंज में पूरा चीन आ चुका है। चीन के मुखपत्र में उसके परीक्षण और उसकी ताकत का बखान किया जा रहा है।

श्री रामचरित मानस में तुलसी दास की कही गई पंत्तियां भय बिनु होइ न प्रीति भारत के पड़ोसी देश के ऊपर एकदम सटीक बैठती है। चीन जो अपनी सेना को लेकर  बड़ी-बड़ी डींगे हाका करता था। अग्नि-5 की ताकत ने उसकी चिंता को कई गुणा बढ़ा दिया है। भारत के अग्नि-5 के परीक्षण के बाद चीन में हड़कंप मचा हुआ है। इस परीक्षण के बाद चीन ने माना है कि भारत मिसाइल तकनीक का बड़ा खिलाड़ी बन चुका है। इस सफल परीक्षण के बाद चीन के सुर भी अब बदले-बदले नजर आ रहे हैं। चीन के सरकारी भोंपू यानी की ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पश्चिमी देश एशिया की दो शक्तियों के बीच दुश्मनी बढ़ाना चाहते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने भारत से एमआरआईवी तकनीक की सफलता के साथ रणनीतिक संयम बनाए रखने की अपील की है। बीजिंग से लेकर शंघाई तक भारत के दिव्यास्त्र की चर्चा हो रही है। जिस अग्नि-5 की रेंज में पूरा चीन आ चुका है। चीन के मुखपत्र में उसके परीक्षण और उसकी ताकत का बखान किया जा रहा है। 

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ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में लिखा कि भारत एक दशक से अधिक समय से अपनी अग्नि श्रृंखला की मिसाइलों का विकास और परीक्षण कर रहा है। भारत न केवल अपने बैलिस्टिक मिसाइल हथियारों में बल्कि एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों में अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। बैलिस्टिक मिसाइलों और अंतरिक्ष उड़ानों दोनों के लिए आधुनिक एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि हाल के वर्षों में भारत एयरोस्पेस में प्रगति कर रहा है और इस वर्ष पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने की योजना भी बना रहा है। अग्नि-5 मिसाइल के सफल पहले उड़ान परीक्षण का जिक्र करते हुए ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारतीय समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में वायु सेना के पूर्व उप प्रमुख एयर मार्शल शिरीष बबन देव (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह एक स्पष्ट संदेश देता है कि देश अब हर चीज के लिए तैयार है। हमें अकेला छोड़ दो, हमें परेशान मत करो और अगर तुम हमें परेशान करोगे, तो मुसीबत तुम्हारे पास आएगी जिसे तुम संभाल नहीं सकते। 

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भारत ने अपने मिशन दिव्यास्त्र के तहत ‘मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल’ (एमआईआरवी) प्रौद्योगिकी के साथ स्वदेश विकसित अग्नि-5 मिसाइल का सोमवार को पहला सफल उड़ान परीक्षण किया और वह ऐसी क्षमता रखने वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से परीक्षण की गई मिसाइल निर्धारित मापदंडों पर खरी उतरी है। ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है। यह सुनिश्चित करेगा कि एक ही मिसाइल विभिन्न स्थानों पर कई आयुध तैनात कर सके।

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