म्यांमार में बस विस्फोट: सैन्य सरकार और उसके विरोधियों ने लगाए एक-दूसरे पर आरोप

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म्यांमा की सैन्य सरकार और उसके विरोधियों ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून के मध्य भाग में मंगलवार को हुए एक बम विस्फोट के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। इस विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और नौ अन्य लोग घायल हो गए।

बैंकॉक। म्यांमार की सैन्य सरकार और उसके विरोधियों ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून के मध्य भाग में मंगलवार को हुए एक बम विस्फोट के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। इस विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और नौ अन्य लोग घायल हो गए। इस विस्फोट की तस्वीरें एवं वीडियो सोशल मीडिया परव्यापक पैमाने पर साझा किए गए। सेना द्वारा पिछले साल लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ किए जाने के बाद से देश हिंसा से जूझ रहा है।

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सरकारी समाचार पत्र ‘द ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमा’ की एक खबर में इस विस्फोट के लिए विपक्ष के आंदोलन की सशस्त्र शाखा ‘पीपुल्स डिफेंस फोर्सेस’ (पीडीएफ) को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन इसका कोई सबूत पेश नहीं किया गया। सरकारी मीडिया ने कहा कि शहर के प्रमुख स्थान सुले पागोडा से कुछ ही दूरी पर ‘‘एक बस अड्डे पर पीडीएफ आतंकवादियों द्वारा लगाए गए देसी बम’’ में विस्फोट करके हमला किया गया। सरकारी मीडिया के अनुसार, मंगलवार को अपराह्न तीन बजकर 20 मिनट पर हुए विस्फोट में 30 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। पीडीएफ की कमान काफी हद तक स्वयंभू ‘नेशनल यूनिटी गवर्मेन्ट’ (एनयूजी) के हाथ में है। एनयूजी के एक प्रवक्ता ने इस विस्फोट के लिए सैन्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। एनयूजी के अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री सासा ने ऑनलाइन जारी एक बयान में कहा, ‘‘नरसंहार करने वाली क्रूर सेना म्यांमा में अपनी ही असैन्य आबादी के खिलाफ अनुचित बमबारी कर रही है और उनकी हत्या कर रही है।’’

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म्यांमा में पिछले साल सैन्य तख्तापलट के बाद हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को सेना और पुलिस ने बल प्रयोग से दबा दिया। इसके जवाब में सैन्य शासन के विरोधियों ने हथियार उठा लिए और अब वे देश के कई हिस्सों में उग्रवादी गतिविधियों को सक्रिय रूप से अंजाम दे रहे हैं। ‘असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स’ ने बताया कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 1,876 नागरिक मारे गए, जिनमें से ज्यादातर शहरों और कस्बों में रहते थे।

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने म्यांमा की सेना पर देश के पूर्वी हिस्से में व्यापक पैमाने पर अत्याचार करने का बुधवार को आरोप लगाया, जो युद्ध अपराध और संभवत: मानवता के खिलाफ अपराध हैं। इस बीच, पूर्वी म्यांमा में शान राज्य के नौंग चो में एक शिक्षा कार्यालय में मंगलवार को एक और घातक बमबारी हुई और इसके लिए भी सरकारी मीडिया ने पीडीएफ और एनयूजी को जिम्मेदार ठहराया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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