चीन ने अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन के बयान की निंदा की

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ब्लिंकन ने अपने भाषण में अमेरिकी प्रशासन की चीन नीति को रेखांकित करते हुए 21वीं सदी में बीजिंग के साथ आर्थिक व सैन्य प्रतिस्पर्धा को लेकर तीन सूत्रीय दृष्टिकोण रखा था।

बीजिंग|  चीन ने अमेरिकी विदेश एंटनी ब्लिंकन के उस बयान पर नाराजगी जतायी है जिसमें उन्होंने कहा था कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की व्यवस्था में चीन ने एक बड़ा खतरा पैदा किया है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि अमेरिका जानबूझकर गलत जानकारी फैला रहा है और चीन की घरेलू व विदेश नीति को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा, ब्लिंकन के बयान का मकसद चीन के विकास को रोकना और अमेरिका का वर्चस्व कायम करना है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और इसे खारिज करते हैं। वांग ने कहा, अमेरिका जिस नियम आधारित व्यवस्था की वकालत करता है, उसे समझने वाले लोग जानते हैं कि ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है बल्कि अमेरिका और कुछ अन्य देशों के बनाए हुए नियम हैं, जिनका मकसद अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अमेरिका का प्रभुत्व कायम रखना है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने घरेलू कानून को अंतरराष्ट्रीय कानून से ऊपर रखता है और अपनी मर्जी के हिसाब से अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करता है। ब्लिंकन ने अपने भाषण में अमेरिकी प्रशासन की चीन नीति को रेखांकित करते हुए 21वीं सदी में बीजिंग के साथ आर्थिक व सैन्य प्रतिस्पर्धा को लेकर तीन सूत्रीय दृष्टिकोण रखा था।

उन्होंने कहा था, बीजिंग के दृष्टिकोण के चलते हम उन सार्वजनिक मूल्यों से दूर होते चले जाएंगे, जिन्होंने पिछले 75 वर्षों में दुनिया की प्रगति को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा था कि अमेरिकी प्रशासन को लगता है कि चीन ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद एक बड़ा खतरा पैदा किया है। ब्लिंकन ने कहा था, चीन एकमात्र ऐसा देश है, जो अंतरराष्ट्रीय और आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य व प्रौद्योगिकीय व्यवस्था को बदलने की मंशा रखता है।

बीजिंग के दृष्टिकोण के चलते हम उन सार्वजनिक मूल्यों से दूर होते चले जाएंगे, जिन्होंने पिछले 75 वर्षों में दुनिया की प्रगति को बरकरार रखा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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