मालदीव की संप्रभुता का सम्मान करता है चीन, मुइज्जू बोले- नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे संबंध
चीन की हाई-प्रोफाइल राजकीय यात्रा के बाद शनिवार को मालदीव लौटे मुइज्जू ने कहा कि चीन ने 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद से मालदीव के विकास में सहायता प्रदान की है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन के साथ अपने देश के रणनीतिक संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और बीजिंग हिंद महासागर द्वीप की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है। पिछले साल नवंबर में पदभार संभालने के बाद मालदीव के भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में असहजता के बीच मुइज्जू की टिप्पणी आई है। चीन की हाई-प्रोफाइल राजकीय यात्रा के बाद शनिवार को मालदीव लौटे मुइज्जू ने कहा कि चीन ने 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद से मालदीव के विकास में सहायता प्रदान की है।
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चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू ने अपनी हाल ही में संपन्न चीन यात्रा के दौरान मालदीव को बीजिंग के करीब लाने की कोशिश की और दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की बेल्ट एंड रोड पहल द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर ले गई है। चीन ऐसा देश नहीं है जो मालदीव के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करेगा, यही कारण है कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं, चीन के सरकारी सीजीटीएन चैनल के साथ एक साक्षात्कार में मुइज्जू के हवाले से कहा गया था।
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उन्होंने कहा कि मालदीव और चीन एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और चीन मालदीव की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है। आधिकारिक पीएसएम न्यूज ने साक्षात्कार में उनके हवाले से कहा कि राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि चीन-मालदीव संबंध भविष्य में भी मजबूत होते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके चीनी समकक्ष राष्ट्रपति शी जिनपिंग नागरिकों के हित को पहले रखते हैं और उनके नेतृत्व में चीन की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों पर पहुंची है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि चीनी सरकार मालदीव को उसके लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी।
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