चीन ने हांगकांग के प्रत्यर्पण विधेयक के खिलाफ हुए प्रदर्शन को ‘दंगा’ करार दिया
इस पर पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिससे दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस ने काले कपड़े पहने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, रबर की गोलियां दागीं और लाठीचार्ज भी किया।
हांगकांग। चीन ने हांगकांग के प्रत्यर्पण विधेयक के खिलाफ हुए व्यापक प्रदर्शन को बृहस्पतिवार को ‘दंगा’ करार दिया और कहा कि वह स्थानीय सरकार की प्रतिक्रिया का समर्थन करता है। गौरतलब है कि बुधवार की हिंसा में 79 लोग घायल हो गए जिनमें से दो की हालत गंभीर है। इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बुधवार को हांगकांग की संसद में जबरन घुसने की कोशिश की थी। इस पर पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिससे दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस ने काले कपड़े पहने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, रबर की गोलियां दागीं और लाठीचार्ज भी किया।
#BREAKING Beijing blasts Hong Kong 'riots', supports govt's handling of protests pic.twitter.com/LZyXZjUUOw
— AFP news agency (@AFP) June 13, 2019
हांगकांग पुलिस द्वारा निहत्थे प्रदर्शनकारियों की पिटाई के वीडियो के चलते स्थानीय प्रशासन पर निर्ममता बरतने के आरोप लगे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि हांगकांग के मुख्य अधिकारी केरी लाम और शहर के अन्य अधिकारी ताजा घटनाक्रम पर पहले ही बोल चुके हैं। दरअसल, उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि एडमिराल्टी इलाके में जो कुछ हुआ वह शांतिपूर्ण रैली नहीं थी बल्कि एक समूह ने दंगा किया। गेंग ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि मुझे लगता है कि हांगकांग की समृद्धि और स्थिरता को कमतर करने वाली कोई भी हरकत हांगकांग मुख्यधारा के जन विचार के खिलाफ जाती है। उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक स्थिति से निपटने के हांगकांग सरकार के तरीके का हम समर्थन करते हैं।
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इस बीच, विधेयक को लेकर आलोचना करने वालों में यूरोपीय संघ भी शामिल हो गया है। उसने कहा कि हांगकांग के लोगों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। ईयू ने कहा कि प्रस्तावित कानून का हांगकांग, उसके लोगों, ईयू और विदेशी नागरिकों और हांगकांग में कारोबार को लेकर भरोसे पर संभावित दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने कहा कि यह जरूरी है कि प्रस्तावित कानून ब्रिटेन-चीन समझौते का उल्लंघन नहीं करे। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा कि वह प्रदर्शन का कारण समझ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनकारियों ने चीन में प्रत्यर्पण को अनुमति देने वाले विवादास्पद विधेयक से पीछे हटने के लिए सरकार को एक समय सीमा दी थी, जिसके समाप्त होने के कुछ समय बाद बुधवार को झड़पें शुरू हो गईं और विधेयक पर चर्चा को बाद की तारीख के लिए टालना पड़ गया।
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