चीन के तीसरी बार फिर राष्ट्रपति बनेंगे शी चिनफिंग, सीपीसी का चार दिवसीय अधिवेशन शुरू

Chinas CPC kicks off key four-day conclave to authorise third term

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, सीपीसी केंद्रीय समिति के लगभग 400 पूर्ण और अन्य सदस्य इस अधिवेशन में हिस्सा ले रहे हैं। खबर में कहा गया है कि सीपीसी केंद्रीय समिति के महासचिव शी ने राजनीतिक ब्यूरो की ओर से एक कार्य रिपोर्ट दी।

बीजिंग। राष्ट्रपति शी चिनफिंग के अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के सैकड़ों वरिष्ठ अधिकारियों ने 100 साल पुराने सत्तारूढ़ दल के एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पर चर्चा करने और उसे पारित करने के लिए सोमवार को यहां चार दिवसीय अधिवेशन शुरू किया। सीपीसी की 19वीं केंद्रीय समिति ने अपना छठा पूर्ण सत्र शुरू किया। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, सीपीसी केंद्रीय समिति के लगभग 400 पूर्ण और अन्य सदस्य इस अधिवेशन में हिस्सा ले रहे हैं। खबर में कहा गया है कि सीपीसी केंद्रीय समिति के महासचिव शी ने राजनीतिक ब्यूरो की ओर से एक कार्य रिपोर्ट दी और सीपीसी के 100 वर्षों के प्रयासों की प्रमुख उपलब्धियों और ऐतिहासिक अनुभव पर एक मसौदा प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण दिया। शी (68) के पास चीन की सत्ता के तीनों केंद्र - सीपीसी के महासचिव का पद, शक्तिशाली केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के अध्यक्ष का पद, जो कि सेना का समग्र उच्च कमान है, और राष्ट्रपति का पद - हैं। राष्ट्रपति के तौर पर शी अगले साल अपना पांच साल का दूसरा कार्यकाल पूरा करने वाले हैं।

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राजनीतिक रूप से, यह बैठक शी के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जो सत्ता में अपने पिछले नौ वर्षों के कार्यकाल में पार्टी के संस्थापक माओ त्से तुंग के बाद सबसे शक्तिशाली नेता के तौर पर उभरे हैं। अपने पूर्ववर्ती हू जिनताओ के विपरीत चिनफिंग के तीसरे कार्यकाल के लिए पद पर बने रहने की व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही है। जिनताओ दो कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हुए थे। चिनफिंग 2018 में एक महत्वपूर्ण संविधान संशोधन के मद्देनजर संभवत: आजीवन सत्ता में बने रह सकते हैं। संविधान संशोधन ने राष्ट्रपति के लिए अधिकतम दो कार्यकाल की सीमा को हटा दिया था। उन्हें 2016 में पार्टी का “मुख्य नेता” (कोर लीडर) भी बनाया गया था। यह दर्जा माओ को ही प्राप्त था। अधिवेशन अगले साल होने वाले पार्टी के सम्मेलन से पहले आयोजित किया जा रहा है, जिसमें एक नया नेतृत्व नियुक्त किये जाने की उम्मीद है। बंद कमरे में आयोजित बैठक बीजिंग में कड़े कोविड-19 नियंत्रण उपायों के तहत हो रही है। पिछले कुछ हफ्तों में शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं, जिससे अधिकारियों को प्रवेश और निकास नियंत्रण को कड़ा करने के लिए प्रेरित किया गया है। शी को छोड़कर, प्रधानमंत्री ली क्विंग सहित अधिकतर अधिकारियों के दो कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त होने की उम्मीद है।

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पिछले तीन दशकों में, पार्टी ने आमतौर पर पिछले पूर्ण सत्र का उपयोग पार्टी मामलों का समाधान करने के लिए किया है, विशेष रूप से अहम नियुक्तियों, विचारधारा और पार्टी-निर्माण के मामलों पर। अधिवेशन में जिन प्रमुख मुद्दों पर नजर रहेगी, उनमें यह भी शामिल है कि क्या पार्टी अपने नेतृत्व परिवर्तन, विशेष रूप से 68 वर्ष की अनौपचारिक सेवानिवृत्ति की उम्र के अलावा पार्टी के संस्थापक माओ के उत्तराधिकारी देंग शियाओपिंग द्वारा निर्धारित शीर्ष नेतृत्व के लिए दो कार्यकाल की शर्तों का पालनजारी रखती है। शक्तिशाली पोलित ब्यूरो के 25 सदस्यों में से लगभग एक दर्जन अगले साल अक्टूबर में 68 वर्ष से अधिक उम्र के होंगे। अधिवेशन से पहले, शिन्हुआ ने एक लंबी टिप्पणी की, जिसमें शी की उपलब्धियों की प्रशंसा की गई। इनमें भ्रष्ट अधिकारियों पर उनकी कार्रवाई भी शामिल थी। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने पीपुल्स डेली के आलेख के हवाले से कहा है, ‘‘हर चीनी को सच्चे मन से शी का समर्थन करना चाहिए। ’’ चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अपनी टिप्प्णी में कहा है कि शी के नवंबर 2012 में सीपीसी केंद्रीय समिति का महासचिव चुने जाने के बाद से, ‘‘चीन एक शक्तिशाली देश बन रहा है और अब यह मजबूती के युग में प्रवेश कर रहा है। इस नयी यात्रा में शी नि:संदेह प्रमुख चेहरा हैं।’’

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एक अधिकारिक बयान में कहा गया है कि पॉलिटिकल ब्यूरो द्वारा बैठक को चर्चा के लिए सौंपे गये मसौदा प्रस्ताव में सीपीसी की पिछले 100 वर्षों की उल्लेखनीय उपलब्धियों को बयां किया गया है और शी के नेतृत्व में चीन की प्रगति को बताया गया है। बयान में कहा गया है, ‘‘चीन ने अपने अंतरराष्ट्रीय दर्जे को और मजबूत किया है। इन सभी कारकों ने कहीं अधिक मजबूत संस्थानों और बड़ी पहल करने की प्रेरणा के साथ राष्ट्रीय नवजीवन का मार्ग प्रशस्त किया।’’ राजनीतिक विशेषज्ञों ने बताया कि सीपीसी ने ऐतिहासिक दस्तावेज पर 100 वर्षों में अब तक सिर्फ दो बार चर्चा की है। चीनी स्तंभकार वांग शियांगवेई ने साउथ चाइना मॉनिंग पोस्ट में अपने हालिया आलेख में लिखा है, ‘‘सीसीपी एक ऐसा प्रस्ताव पारित करने वाली है जो शी की राजनीतिक स्थिति को सैद्धांतिक मजबूती देगी, जैसा कि पूर्व में माओ के मामले में किया गया था।’’ वांग ने लिखा, ‘‘लेकिन दस्तावेज से चीनी नेतृत्व की सबसे बड़ी अनिश्चितता :नेतृत्व का उत्तराधिकार, के मुद्दे का हल होने की संभावना नहीं है।

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