चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स के विस्तार में तेजी लाने का आह्वान किया; राजनीतिक, सुरक्षा सहयोग की वकालत की

Chinese President Xi Jinping
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चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चिनफिंग के हवाले से कहा, ‘‘हमें अहम मुद्दों पर अच्छा माहौल बनाने, राजनीतिक समाधान पर जोर देने और तनातनी को कम करने की जरूरत है।’’ चीन के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ब्रिक्स देशों को व्यावहारिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, विशेष रूप से डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित विकास और आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में, और आर्थिक, व्यापार और वित्तीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देना चाहिए।’’ ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देश इसमें शामिल हैं जिनका दुनिया में आबादी के लिहाज से 41 प्रतिशत, सकल घरेलू उत्पाद में 24 प्रतिशत और व्यापार में 16 प्रतिशत योगदान है।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बुधवार को ब्रिक्स समूह के विस्तार में तेजी लाने के अलावा पांच सदस्य देशों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग बढ़ाकर जोखिमों से संयुक्त रूप से निपटने के प्रयासों का आह्वान किया। चिनफिंग मंगलवार को ब्रिक्स व्यापार मंच में शामिल नहीं हुए थे, जिससे उनकी अनुपस्थिति को लेकर अटकलें लगने लगी थीं। हालांकि,बुधवार को उन्होंने यहां शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और सदस्य देशों के बीच अधिक राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग की वकालत की। वह मंगलवार को ब्रिक्स व्यापार मंच से अनुपस्थित एकमात्र नेता थे। उनके स्थान पर चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेन्ताओ ने उनका भाषण पढ़ा, जिसमें स्पष्ट रूप से अमेरिका के लिए एक सख्त संदेश था। यह पूछे जाने पर कि चिनफिंग ने मंच में भाग क्यों नहीं लिया? चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सवाल को टाल दिया और बुधवार को बीजिंग में संवाददाताओं से कहा कि चिनफिंग का भाषण दिया जा चुका है।

व्यापार मंच में अपने भाषण में उन्होंने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘कुछ देश, अपने आधिपत्य को बनाए रखने, उभरते और विकासशील देशों को पंगु बनाने के लिए हद से पार चले गए हैं।’’ चिनफिंग ने शिखर सम्मेलन में अपने भाषण में कहा,‘‘शीत युद्ध की मानसिकता अभी भी हमारी दुनिया को परेशान कर रही है, और भूराजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि विकास कुछ लोगों का विशेषाधिकार नहीं बल्कि सभी देशों का अधिकार होना चाहिए और उन्होंने ब्रिक्स में अधिक देशों को शामिल करने का समर्थन किया। हांगकांग से प्रकाशित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में प्रकाशित खबर के मुताबिक चिनफिंग ने कहा, ‘‘ब्रिक्स सहयोग में भाग लेने को लेकर विकासशील देशों के बढ़ते उत्साह को देखकर मुझे खुशी हो रही है। इनमें से कई देशों ने इसमें शामिल होने के लिए आवेदन किया है... हमें अधिक देशों को ब्रिक्स परिवार में लाने के लिए ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को शांतिपूर्ण विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए और संगठन में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना चाहिए।

चिनफिंग ने यह भी कहा कि सदस्यों देशों को ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक, राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य तंत्रों पर उच्च प्रतिनिधियों की बैठक का इस्तेमाल करना चाहिए, एक दूसरे के मूल हितों से संबंधित मुद्दों पर आपस में सहयोग करना चाहिए और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर समन्वय बढ़ाना चाहिए। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चिनफिंग के हवाले से कहा, ‘‘हमें अहम मुद्दों पर अच्छा माहौल बनाने, राजनीतिक समाधान पर जोर देने और तनातनी को कम करने की जरूरत है।’’ चीन के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ब्रिक्स देशों को व्यावहारिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, विशेष रूप से डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित विकास और आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में, और आर्थिक, व्यापार और वित्तीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देना चाहिए।’’ ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देश इसमें शामिल हैं जिनका दुनिया में आबादी के लिहाज से 41 प्रतिशत, सकल घरेलू उत्पाद में 24 प्रतिशत और व्यापार में 16 प्रतिशत योगदान है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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