देशों को कर रियायतें जारी रखने का कोई तुक नहीं: अमेरिका

Countries do not have any logic to continue tax concessions: US
[email protected] । Mar 5 2018 6:36PM

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने आज राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस्पात एवं आयात पर शुल्क लगाने के प्रस्ताव का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इससे दशकों से चली आ रही नीति को सुधारने में मदद मिलेगी।

वाशिंगटन। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने आज राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस्पात एवं आयात पर शुल्क लगाने के प्रस्ताव का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इससे दशकों से चली आ रही नीति को सुधारने में मदद मिलेगी। दूसरे विश्व युद्ध के समाप्त होने के बाद से ही चीन और जर्मनी जैसे देशों को सभी तरह की रियायतें दी जा रही हैं। ट्रंप ने गुरुवार को आयातित इस्पात पर 25 प्रतिशत तथा एल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। रॉस ने इस आशंकाओं को खारिज किया कि इसके बाद यूरोपीय देश अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाएंगे।

रॉस ने एबीसी न्यूज से कहा, ‘‘इस बारे में सोचें। हमने दूसरे विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद से एकतरफा तरीके से सभी तरह की रियायतें दी हैं। शुरूआत में यह नीति यूरोप और एशिया के पुननिर्माण की दृष्टि की जरूरी थी।’’ रॉस ने कहा कि हमारे व्यापार वार्ताकारों ने दशकों पहले इसकी समयसीमा तय न करके गलती की थी। जर्मनी और चीन को 1945 में दी गई रियायतों को अब जारी रखने की कोई वजह नहीं है।

रॉस ने कहा कि ऐसे में काफी इतिहास ऐसा होता है, जिसे हटाने की जरूरत होती है। ट्रंप के इस आदेश पर अगले सप्ताह हस्ताक्षर करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अमेरिका जिन वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगा रहा होगा वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विशाल आकार के आगे कुछ नहीं है। उन्होंने इस्पात पर शुल्क बढ़ने से घरेलू कार उद्योग के प्रभावित होने की बात को भी महत्व नहीं दिया। यूरोप में जबावी व्यापारिक कार्रवाई की संभावना के बारे में रॉस ने कहा कि वे (यूरोपीय) बात तो कर रहे हैं पर वे जिन वस्तुओं पर शुल्क लगाने की बात कर रहे हैं वे भी बहुत छोटी रकम की है।

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