UN में भारत ने कहा, गलत जानकारी का इस्तेमाल देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए किया जा रहा है

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‘एस्टोनियाई स्थायी मिशन’ द्वारा बेलारूस में मीडिया स्वतंत्रता पर आयोजित अररिया-फॉर्मूला की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप-स्थायी प्रतिनिधि के. नागराज नायडू ने कहा कि सूचना क्रांति ने मीडिया प्रणाली को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ उसे कमजोर भी किया है।

संयुक्त राष्ट्र। भारत ने प्रौद्योगिकी कम्पनियों से पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अपने मंचों पर गलत सूचनाओं की जांच करने का आह्वान करते हुए उन्हें आगाह किया कि गलत जानकारियों के जरिए आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की प्रवृत्ति बढ़ रही है। ‘एस्टोनियाई स्थायी मिशन’ द्वारा बेलारूस में मीडिया स्वतंत्रता पर आयोजित अररिया-फॉर्मूला की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप-स्थायी प्रतिनिधि के. नागराज नायडू ने कहा कि सूचना क्रांति ने मीडिया प्रणाली को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ उसे कमजोर भी किया है।

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नायडू ने कहा, ‘‘ आज, गलत जानकारियों की वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रौद्योगिकी कम्पनियों द्वारा निर्मित डेटा सेट, एल्गोरिद्म और सूचना के बुनियादी ढांचे के बीच जटिल बातचीत पर टिकी हुई है। ये एल्गोरिद्म न केवल यह बताते हैं कि अलग-अलग आबादी के लिए क्या जानकारी उपलब्ध है, बल्कि यह भी बताते हैं, किसे और किस आवृत्ति के साथ उपलब्ध हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में, प्रौद्योगिकी कम्पनियों का यह दायित्व है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके मंचों पर पारदर्शिता हो और उनके मंच से लोगों को गलत जानकारी ना मिले।’’ नायडू ने आगाह किया कि राजनीतिक एजेंडे पूरे करने के लिए गलत जानकारियों के जरिए आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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