विदेश मंत्री जयशंकर डिजिटल तरीके से G7 बैठक में शामिल हुए, महामारी से निपटने को लेकर की चर्चा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर डिजिटल तरीके से जी7 की बैठक में शामिल हुए।विदेश मंत्री जयशंकर ने जी7 की बैठक में डिजिटल तरीके से हिस्सा लिया। उन्होंने बैठक में प्रत्यक्ष रूप से मौजूद न रहने का निर्णय किया क्योंकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल दो सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।
लंदन। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि विकराल रूप धारण कर रही कोविड-19 महामारी से निपटने का वैश्विक जवाब टीकाकरण और अलग-अलग जगहों पर उसके उत्पादन में निहित है तथा इस लक्ष्य की प्राप्ति में भारत अपनी भूमिका निभाएगा। लंदन में जी7 के विदेश और विकास मंत्रियों की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा के बारे में जानकारी देते हुए जयशंकर ने और ज्यादा पारदर्शिता बरतने की बात कही। विदेश मंत्री जयशंकर ने जी7 की बैठक में डिजिटल तरीके से हिस्सा लिया। उन्होंने बैठक में प्रत्यक्ष रूप से मौजूद न रहने का निर्णय किया क्योंकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल दो सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोविड संबंधी प्रवृत्तियों के कारण भू-राजनीतिक बदलावों में तेजी आयी है।
Great talking to FM @MarisePayne. Appreciate the support from Australia on the current situation. Discussed the Indo-Pacific and agreed to further strengthen our many convergences. pic.twitter.com/bdFoIMtwdL
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 5, 2021
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नीतियों का चुनाव पारदर्शिता, निर्भरता और लचीलेपन के आधार पर होगा।’’ उन्होंने आश्वासन दिया, ‘‘कोविड चुनौती का एकमात्र समाधान टीकाकरण है। समस्या का वैश्विक समाधान अलग-अलग जगहों पर उत्पादन, निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला और उदार रूप से संसाधनों को साझा करने पर निर्भर करेगा। भारत इसमें अपनी भूमिका निभाएगा।’’ बैठक में फर्जी खबरों पर रोक लगाने और ब्रिटेन की मेजबानी में ग्लासगो में होने वाले कोप26 संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन तक वैश्विक जलवायु साझेदारी को मजबूत बनाने पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ‘‘मुक्त समाज और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए बेहद सावधानी से उसका पोषण करना होता है। फर्जी खबरों और डिजिटल माध्यमों पर तोड़-मरोड़ पर पेश किए गए तथ्यों से सावधान रहें।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत ने 2014 से हरित विकास को अपना लिया है। बदलाव की कहानियों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता, उज्ज्वला, एलईडी (बल्ब) वितरण, वन क्षेत्र में वृद्धि और जल जीवन शामिल हैं।’’
मंत्री ने वीडियो लिंक के माध्यम से अन्य विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा में हिस्सा लिया जो टीके के भंडार तक उचित पहुंच सुनिश्चित करने और ‘कोवैक्स’ के तौर पर जानी जाने वाली वैश्विक टीका वितरण योजना के लिए सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित थी। इसके साथ ही बुधवार को जी7 वार्ता के एजेंडे में मीडिया स्वतंत्रता, मनमाने ढंग से हिरासत में रखना और लड़कियों की शिक्षा शामिल था। अपने होटल के कक्ष से बैठक में शामिल होने की तस्वीर के साथ जयशंकर ने ट्वीट किया, “जी7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में साइबर भागीदारी। इतने दूर, फिर भी करीब।” जी7 के सत्र के बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जयशंकर से बात की और मंत्री ने उन्हें 2030 कार्ययोजना को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया। जयशंकर ने ट्वीट किया, “जी7 सत्रों के बीच प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का संपर्क करना बहुत अच्छा लगा।” उन्होंने कहा, “उन्हें आश्वस्त किया कि विदेश सचिव डोमिनिक राब और मैं 2030 कार्ययोजना को आगे बढ़ाएंगे। हमारे संबंधों को लेकर मोदी-जॉनसन नजरिये को अमलीजामा पहनाने के लिये प्रतिबद्ध हैं।”
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन ने डिजिटल माध्यम से आयोजित शिखर सम्मेलन के दौरान मंगलवार को ‘रोडमैप 2030’ को पेश किया था जो दोनों देशों के संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी की दिशा में ले जाने वाला है। जयशंकर के साथ ब्रिटेन गये प्रतिनिधिमंडल के दो सदस्य कोविड-19 से संक्रमित पाये गये हैं। इस वजह से एहतियात के तौर पर विदेश मंत्री ने जी7 की बैठक समेत अपने शेष आधिकारिक कार्यक्रमों में डिजिटल तरीके से शामिल होने का फैसला किया। विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने कहा कि भारतीय मंत्री के व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो पाने का उसे खेद है लेकिन सम्मेलन में “ऐसे मामलों के लिये ही सख्त कोविड नियम और दैनिक जांच” लागू है। जी-7 समूह के देशों के विदेश मंत्रियों एवं विकास मंत्रियों की बैठक में बतौर अतिथि हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के आमंत्रण पर जयशंकर सोमवार को लंदन पहुंचे थे। ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी7) में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ है।
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