काबुल में शांतिपूर्ण रही जुम्मे की नमाज, नहीं दिखे तालिबान के सदस्य

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अफगान सरकार ने पहले लगातार बमबारी को देखते हुए मस्जिदों के पास गार्ड तैनात किए थे। पूर्वी काबुल के इमाम बशीर वारदाक ने कहा कि दशकों से चले आ रहे खून-खराबे को रोकने के लिए अफगानिस्तान के लोगों को एकजुट होना चाहिए।

काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में जुम्मे की नमाज शांतिपूर्ण रही और कोई भी तालिबानी बंदूकधारी मस्जिदों के प्रवेश द्वार पर नहीं दिखा। तालिबान के सदस्य ऐसी ड्रेस कोड पाबंदियां लागू कराते हुए भी नहीं दिखे, जैसी वे पहले करते रहे हैं। कुछ मस्जिदों में सामान्य की तुलना में ज्यादा संख्या में नमाजी पहुंचे। तालिबान ने बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान के इमामों को दिशानिर्देश दिया था कि वे साप्ताहिक उपदेश और नमाज के दौरान एकता की अपील करें, लोगों से देश छोड़कर नहीं भागने के लिए कहें और उनके बारे में ‘‘नकारात्मक दुष्प्रचार’’ का विरोध करें। धार्मिक मामलों एवं मस्जिदों की निगरानी करने वाले एक आयोग ने दिशानिर्देश में कहा, ‘‘देश के लाभ के बारे में सभी को बताया जाना चाहिए।’’ काबुल निवासी जावेद सफी मस्जिदों को सुरक्षित देखकर खुश थे।

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अफगान सरकार ने पहले लगातार बमबारी को देखते हुए मस्जिदों के पास गार्ड तैनात किए थे। पूर्वी काबुल के इमाम बशीर वारदाक ने कहा कि दशकों से चले आ रहे खून-खराबे को रोकने के लिए अफगानिस्तान के लोगों को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अल्लाह ने हमें शांति एवं भाईचारे का आदेश दिया है इसलिए हमें एकजुट हो जाना चाहिए।’’ उत्तरी बगदाद के इमाम अब्दुल बोगदी ने कहा, ‘‘विस्थापित लोगों की सहायता के लिए लोगों को धन इकट्ठा करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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