UAE के साथ मिलकर भारत ने पलटा खेल, डॉलर Gone, Rupee On, अबू धाबी की तरफ मुड़ी Made in India दवा

UAE
AI Image
अभिनय आकाश । Sep 6 2025 4:59PM

भारत और यूएई ने फॉर्मा सेक्टर में बड़े स्तर पर ट्रेड बढ़ाने को लेकर बातचीत की है। इसके साथ ही एक लोकल सेटेलमेंट करेंसी सिस्टम यानी रुपए और दिरहम में लेनदेन शुरू करने की। मतलब साफ है कि भारत यूएई व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर की जरूरत कम होगी।

जितनी मजबूत दौलत होगी। उतनी ही मजबूत सेहत होगी। यही बात आज भारत और यूएई की साझेदारी पर सटीक बैठ रही है। एक तरफ जहां अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाया। दूसरी तरफ भारत और यूनाइटेड अरब अमीरात यानी यूएई ने एक नई पहल शुरू कर दी, जो न सिर्फ हेल्थ सेक्टर को मजबूत करेगी। बल्कि डॉलर की बादशाहत को भी सीधी चुनौती देगी। भारत से अब यूएई को दवाईयां जाएंगी। लेकिन डील डॉलर में नहीं बल्कि भारतीय रुपए और यूएई दिरहम में होगी। ये दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने वाला कदम है। इसका सीधा असर वैश्विक व्यापार पर भी पड़ने वाला है। भारत और यूएई ने फॉर्मा सेक्टर में बड़े स्तर पर ट्रेड बढ़ाने को लेकर बातचीत की है। इसके साथ ही एक लोकल सेटेलमेंट करेंसी सिस्टम यानी रुपए और दिरहम में लेनदेन शुरू करने की। मतलब साफ है कि भारत यूएई व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर की जरूरत कम होगी। 

इसे भी पढ़ें: रुपया पांच पैसे टूटकर 88.15 प्रति डॉलर के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर

ये पहल दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को नई ऊंचाई देंगे और लेन देन की लागत घटाएगी। भारत दुनिया का फॉर्मेसी ऑफ द वर्ल्ड कहलाता है। जेनरिक दवाईयां और वैक्सीन सप्लाई इन सबमें भारत की पकड़ बहुत मजबूत है। दूसरी ओर यूएई मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के लिए गेटवे है। मतलब कि भारत से अगर दवाईयां यूएई जाती हैं तो वहां से खाड़ी और अफ्रीकी देशों में आसानी से पहुंच सकेंगी। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, यह बैठक उभरती भू-राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर फार्मा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी और दोनों पक्षों ने फार्मास्यूटिकल्स और स्वास्थ्य सेवा उत्पादों के व्यापार को और सुविधाजनक बनाने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। बैठक के बाद एक्स पर एक पोस्ट में गोयल ने लिखा कि चर्चा भारतीय फार्मा उद्योग के लिए नए अवसरों की खोज, नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और मानकों की पारस्परिक मान्यता पर केंद्रित थी, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करना था। 

इसे भी पढ़ें: रुपया 10 पैसे टूटकर 88.12 प्रति डॉलर पर बंद

संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार मंत्री, डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता करते हुए, हितधारकों ने निर्यात को सुव्यवस्थित करने के लिए भारतीय सुविधाओं के नियामक निरीक्षण में तेजी लाने पर चर्चा की। इसके अलावा, उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने पारंपरिक चिकित्सा में उभरते अवसरों पर भी विचार साझा किए, जिसमें भारत-यूएई साझेदारी के तहत आयुर्वेदिक उत्पादों पर विशेष जोर दिया गया।

All the updates here:

अन्य न्यूज़