फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम जगत में बढ़ा आक्रोश, विभिन्न देशों में हजारों लोग सड़कों पर उतरे

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में प्रदर्शन हिंसक हो गया जब करीब 2000 लोगों ने फ्रांस के दूतावास की ओर जाने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां चलायी।
पाकिस्तान के लाहौर में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और कई सड़कों को अवरूद्ध कर दिया। मुल्तान में प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों का पुतला जलाया। यरूशलम में सैकड़ों फलस्तीनी ने अल अक्सा मस्जिद के बाहर मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान नारे लगाए, ‘‘पैगंबर मोहम्मद के लिए हम कुर्बानी देंगे।’’ पुराने शहर में इजराइल पुलिस के साथ कुछ युवाओं की भिड़ंत हो गयी। पुलिस ने कहा कि उन्होंने भीड़ को तितर बितर कर दिया और तीन लोगों को हिरासत में लिया। लेबनान की राजधानी बेरूत में भी लोगों ने प्रदर्शन किए। बांगलादेश की राजधानी ढाका में प्रदर्शन में करीब 50,000 लोग शामिल हुए और मैक्रों का पुतला फूंका।Tens of thousands of Muslims protest over Macron remarks after killings in France https://t.co/wCsP8IVxS4 pic.twitter.com/a4A0ayFdJr
— Reuters India (@ReutersIndia) October 30, 2020
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लोगों ने ‘नस्लवाद रोकने’ ‘इस्लाम के खिलाफ नफरत रोकने’ के नारे लगाए और फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की। अफगानिस्तान में भी इस्लामी पार्टी हज्ब-ए-इस्लामी के सदस्यों ने फ्रांस का झंडा जलाया। बांग्लादेश, पाकिस्तान से लेकर कुवैत में पिछले सप्ताह से फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील जोर पकड़ रही है। सोशल मीडिया पर भी फ्रांस के खिलाफ मुहिम चलायी जा रही है। तुर्की ने भी कड़े शब्दों में फ्रांस की आलोचना की है।
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