आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका की मदद के लिए आगे आया भारत

Sri Lanka

जयशंकर ने श्रीलंका में तमिल समुदाय के लोगों से भी बातचीत की। उन्होंने तमिल प्रतिनिधिमंडल से कहा कि भारत समानता न्याय शांति और प्रतिष्ठा के अधिकारों के लिए तमिल समुदाय के साथ खड़ा है। भारत श्रीलंका में तमिल समुदाय की सहायता करेगा ताकि वह अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

श्रीलंका इस समय आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका के इस संकट के पीछे कई वजह हैं, जिनमें कोरोना की वजह से उसके पर्यटन उद्योग का ठप हो जाना और चीन से लिया हुआ भारी कर्ज प्रमुख हैं। इसके साथ साथ और कई और कारण हैं जिनकी वजह से श्रीलंका को आज यह दिन देखना पड़ रहा है। श्रीलंका में हालात ऐसे बन गए हैं कि वहां खाने पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में भारत एक बार फिर श्रीलंका की मदद के लिए आगे आया है।

श्रीलंका पहुंचे एस जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मालदीव की यात्रा के बाद अब श्रीलंका पहुंचे हुए हैं । उन्होंने वहां श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे से मुलाकात की। उन्होंने श्रीलंका को यह आश्वासन दिया कि भारत पूरी तरह से श्रीलंका की मदद के लिए खड़ा है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका को इस आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए भारत में 500 मिलियन डॉलर के लाइन ऑफ क्रेडिट की सहायता दी है। जिससे श्रीलंका में जरूरी सामानों की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी।

जयशंकर ने श्रीलंका के नेताओं को यह भी आश्वासन दिया कि भारत अपने पड़ोसी(Sri Lanka) को दवा, खाने की वस्तुएं, कपड़े और पेट्रोल डीजल की सप्लाई भी बढ़ाएगा। जिससे श्रीलंका में आर्थिक संकट का सामना कर रहे लोगों को जरूरी चीजों की कमी ना हो।

 श्रीलंका नेताओं से मिलने के बाद डॉक्टर जयशंकर कोलंबो में IOC की ओर से चलाए जा रहे एक पेट्रोल पंप पर पहुंचे। उन्होंने अपने साथ श्रीलंका दौरे में शामिल IOC के एम डी मनोज गुप्ता से पेट्रोल डीजल की सप्लाई के बारे में जाना। एमडी की ओर से कहा गया कि IOC की ओर से पेट्रोलियम की सप्लाई बढ़ा दी गई है। इसके बाद जयशंकर कोलंबो में एचसीएल कंपनी के आईटी सेंटर भी गए और वहां के कर्मचारियों से बातचीत की।

जयशंकर ने श्रीलंका में तमिल समुदाय के लोगों से भी बातचीत की। उन्होंने तमिल प्रतिनिधिमंडल से कहा कि भारत समानता न्याय शांति और प्रतिष्ठा के अधिकारों के लिए तमिल समुदाय के साथ खड़ा है। भारत श्रीलंका में तमिल समुदाय की सहायता करेगा ताकि वह अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

बताते चलें कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था इस वक्त गहरी खाई में है और जो क्षेत्र श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी माना जाता था वह पूरी तरह से टूट चुका है। श्रीलंका की पूरी अर्थव्यवस्था उसके पर्यटन क्षेत्र पर टिकी हुई है। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से श्रीलंका का यह सेक्टर पूरी तरह से तबाह हो गया है।

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