Singapore में मंदिर के आभूषण के गबन पर भारतीय पुजारी को जेल

Indian priest jailed
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उसने 30 मार्च, 2020 को इस्तीफा दे दिया। चैनल न्यूज एशिया की खबर के अनुसार, सेनापति ने गबन करके आपराधिक विश्वासघात के दो आरोपों और आपराधिक आय को देश से बाहर भेजने के दो आरोपों को कबूल किया। सजा सुनाते समय अन्य छह आरोपों पर विचार किया गया।

सिंगापुर के सबसे पुराने हिंदू मंदिर के 39 वर्षीय भारतीय मुख्य पुजारी को मंदिर के 20 लाख सिंगापुर डॉलर (15 लाख डॉलर) से अधिक मूल्य के आभूषण गिरवी रखने के मामले में मंगलवार को छह साल कैद की सजा सुनाई गई। मीडिया की एक खबर से यह जानकारी मिली। कंडासामी सेनापति को दिसंबर 2013 से चाइनाटाउन जिले के श्री मरिअम्मन मंदिर में एक पुजारी के रूप में हिंदू धर्मादाय बोर्ड द्वारा नियुक्त किया गया था। उसने 30 मार्च, 2020 को इस्तीफा दे दिया। चैनल न्यूज एशिया की खबर के अनुसार, सेनापति ने गबन करके आपराधिक विश्वासघात के दो आरोपों और आपराधिक आय को देश से बाहर भेजने के दो आरोपों को कबूल किया। सजा सुनाते समय अन्य छह आरोपों पर विचार किया गया।

भारतीय नागरिक सेनापति के अपराध का खुलासा 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान हुआ। सेनापति ने 2016 में आभूषणों को गिरवी पर रखना शुरू किया। बाद में मंदिर के अन्य आभूषणों को गिरवी रखकर उससे प्राप्त धन का इस्तेमाल करके उन्हें छुड़ाया। खबरों में कहा गया है कि अकेले 2016 में ही सेनापति ने 172 मौकों पर मंदिर से सोने के 66 आभूषण गिरवी पर रखे थे। उसने 2016 और 2020 के बीच कई बार इसी तरह की हरकतें की। सेनापति को 2016 से 2020 के बीच गिरवी रखने की दुकानों से 2,328,760 सिंगापुरी डॉलर मिले, जिसमें से उसने कुछ अपने बैंक खाते में जमा किए और लगभग 141,000 सिंगापुरी डॉलर भारत भेजे। जून 2020 में ऑडिट के दौरान सेनापति ने मंदिर की वित्त टीम से कहा कि उसके पास खजाने की चाबी नहीं है और शायद वह भारत की यात्रा के दौरान घर पर चाबी भूल आया। हालांकि, सदस्यों द्वारा ऑडिट पर जोर दिए जाने के बाद सेनापति ने अपना अपराध कबूलते हुए माना कि उसने आभूषण गिरवी रखे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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