‘परस्पर विश्वास व सम्मान’ India-Australia संबंधों की सबसे मजबूत और बड़ी नींव: Modi

Modi
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

मोदी के यहां आने के अवसर पर एक उपनगर का नाम बदलकर ‘लिटिल इंडिया’ किया गया, जो दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाता है। अपने ऑस्ट्रलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने यहां के कूडोस बैंक एरिना में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए ब्रिस्बेन में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोले जाने की भी घोषणा की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की सबसे मजबूत और सबसे बड़ी नींव ‘परस्पर विश्वास व परस्पर सम्मान’ है तथा इसका श्रेय ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले हर एक प्रवासी भारतीय और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को जाता है। मोदी के यहां आने के अवसर पर एक उपनगर का नाम बदलकर ‘लिटिल इंडिया’ किया गया, जो दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाता है। अपने ऑस्ट्रलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने यहां के कूडोस बैंक एरिना में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए ब्रिस्बेन में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोले जाने की भी घोषणा की।

इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न हिस्सों से आए, करीब 21,000 लोग मौजूद थे। इस दौरान उत्साहित लोगों ने मोदी-मोदी के नारे भी लगाए। इस अवसर पर अल्बनीज ने कहा कि मोदी जहां भी जाते हैं उनका ‘रॉकस्टार’ की तरह स्वागत होता है और जिस प्रकार यह आज हुआ है वैसा महान गायक ब्रूस स्प्रिंगस्टीन का भी नहीं किया गया। मोदी ने भारत को ‘वैश्विक भलाई की ताकत’ और विश्व अर्थव्यवस्था का ‘चमकता सितारा’ करार देते हुए कहा, ‘‘जहां भी आपदा आती है, भारत मदद के लिए तैयार खड़ा रहता है। हाल में जब तुर्किये में भूकंप ने तबाही मचाई थी तो भारत ने ऑपरेशन दोस्त के जरिए मदद का हाथ बढ़ाया था।’’

उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक साझेदारी लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि पिछले साल आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय व्यापार अगले पांच साल में दोगुने से अधिक हो जाएगा।’’ मोदी ने कहा, ‘‘अब हम एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते पर काम कर रहे हैं। हम लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण कर रहे हैं। इससे दोनों पक्षों के कारोबार को गति मिलेगी और दुनिया को नया भरोसा मिलेगा।’’

‘नमस्ते ऑस्ट्रेलिया’ के संबोधन से अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि एक समय था जब भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की व्याख्या ‘ट्रिपल सी’ यानी कॉमनवेल्थ (राष्ट्रमंडल), क्रिकेट और करी से होती थी और उसके बाद कहा गया कि दोनों देशों के संबंध ‘थ्री डी’ पर आधारित हैं यानी डेमोक्रेसी (लोकतंत्र), डायस्पोरा (प्रवासी) और दोस्ती। मोदी ने कहा कि कुछ लोगों ने यह भी कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध ‘थ्री ई’ यानी एनर्जी (ऊर्जा), इकोनॉमी (अर्थव्यस्था) और एजुकेशन (शिक्षा) पर आधारित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कभी ‘सी’ कभी ‘डी’ और कभी ‘ई’। भारत और ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक संबंधों का विस्तार इससे कहीं ज्यादा बड़ा है। सच्चाई यह है कि दोनों देशों के संबंधों की वास्तविक गहराई सी डी और ई से परे है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस रिश्ते की सबसे मजबूत और सबसे बड़ी नींव वास्तव में परस्पर विश्वास और परस्पर सम्मान है और यह सिर्फ भारत-ऑस्ट्रेलिया के कूटनीतिक रिश्तों से विकसित नहीं हुआ है। इसकी असली वजह है ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला हर एक भारतीय...इसकी असली वजह हैं ऑस्ट्रेलिया के ढाई करोड़ से ज्यादा नागरिक।’’ मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच भौगोलिक दूरी जरूर है, लेकिन हिंद महासागर इन्हें आपस में जोड़ता है, जीवनशैली भले अलग-अलग हों पर अब योग भी इन्हें जोड़ता है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट से तो दोनों देश ना जाने कब से जुड़े हुए हैं, लेकिन अब टेनिस और फिल्में भी इन्हें जोड़ रही हैं। मोदी ने कहा कि जब ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाज शेन वार्न का निधन हुआ तो लाखों भारतीय भी दुखी थे।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच उड़ानों की संख्या में वृद्धि हुई है और भविष्य में उड़ानों की संख्या में और वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक-दूसरे की डिग्री को मान्यता देने की दिशा में दोनों देश आगे बढ़े हैं और दोनों जगहों के छात्रों को बहुत लाभ होगा। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच ‘माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट’ पर भी सहमति बनी है और इससे भारतीयों के लिए ऑस्ट्रेलिया आना और यहां काम करना आसान होगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का चमकता सितारा बताए जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि विश्व बैंक के अनुसार अगर कोई देश वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है तो वह भारत है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी रिकॉर्ड निर्यात किया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास क्षमता की कोई कमी नहीं है और संसाधनों की भी कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आज, जिस देश में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे कम उम्र की प्रतिभा का कारखाना है...वह भारत है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘चाहे सौर गठबंधन का नेतृत्व करना हो, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे का निर्माण करना हो या ‘बिग कैट एलायंस’ (बाघ, शेर के संरक्षण के लिए गठबंधन) का नेतृत्व करना हो, भारत ने हमेशा दुनिया भर के विभिन्न देशों को जोड़ने वाली ताकत के रूप में काम किया है।’’

मोदी ने सिडनी के उपनगर ‘लिटिल इंडिया’ की आधारशिला रखने में उनका समर्थन करने के लिए अल्बनीज को धन्यवाद दिया। हैरिस पार्क पश्चिमी सिडनी में एक केंद्र है, जहां भारतीय समुदाय दिवाली और ऑस्ट्रेलिया दिवस जैसे त्योहार और कार्यक्रम मनाता है। मोदी ने कहा, ‘‘धन्यवाद मेरे दोस्त एंथनी। मैं न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर, पेरामेटा शहर के मेयर और उप मेयर और पार्षदों को इस विशेष सम्मान के लिए धन्यवाद देता हूं।’’ उन्होंने प्रवासी समुदाय के सदस्यों से भारतीय चाट और मिठाई का स्वाद चखने के लिए प्रधानमंत्री अल्बनीज को हैरिस पार्क ले जाने के लिए भी कहा। मोदी ने कहा, “मैंने सुना है कि हैरिस पार्क में चटकाज की ‘चाट’ और जयपुर स्वीट्स की ‘जलेबी’ बहुत स्वादिष्ट हैं। मैं चाहता हूं कि आप सभी मेरे दोस्त ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज को उस जगह ले जाएं।”

प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रेलिया में बड़े पैमाने पर अमृत काल मनाने के लिए भारतीय समुदाय की भी सराहना की। उन्होंने सिख गुरुओं की शिक्षाओं का अनुसरण करने का भी आह्वान किया और कोविड संकट के दौरान ऑस्ट्रेलिया में गुरुद्वारों की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उनकी सराहना की। इससे पहले, अल्बनीज ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह ‘‘जहां भी जाते हैं, रॉकस्टार की तरह उनका स्वागत होता है।’’

वर्ष 2017 में कुडोस बैंक एरिना में स्प्रिंगस्टीन की प्रस्तुति का हवाला देते हुए अल्बनीज ने कार्यक्रम में कहा, ‘‘आखिरी बार मैंने इस मंच पर ब्रूस स्प्रिंगस्टीन को देखा था और उनका भी ऐसा स्वागत नहीं हुआ था जैसा प्रधानमंत्री मोदी का हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी बॉस हैं।’’ स्प्रिंगस्टीन (73) को उनके प्रशंसक ‘बॉस’ कहते हैं। अल्बनीज ने अपने ‘‘प्रिय मित्र’’ मोदी को ‘‘ऑस्ट्रेलिया में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की भावना लाने’’ के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने ‘‘हमारे लोकतंत्र को मजबूत और अधिक समावेशी बनाने में मदद की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़