मॉस्को टू बीजिंग बगावत बिगेंस, जिनपिंग को सता रहा विद्रोह का डर

 Jinping in fear
prabhasakshi
अभिनय आकाश । Jun 29 2023 4:35PM

आजकल शी जिनपिंग डरे-डरे से हैं और उनकी रातों की नींद उड़ी हुई है। जब से शी ने पुतिन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह की खबर सुनी है तभी से जिनपिंग को बीजिंग में विद्रोह का डर सता रहा है।

मॉस्को में हुए वैगनर विद्रोह के बाद सबसे ज्यादा अगर कोई डरा हुआ है तो वो रूस के पड़ोस में रहने वाला चीन है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी विद्रोह और तख्तापलट का डर सताने लगा है। बीजिंग में हालात तेजी से बदल रहे हैं और शी की कुर्सी हिल रही है। जिस तरह प्रिगोझिन ने पुतिन के खिलाफ सशस्त्र बगावत कर दी थी, उसी तरह शी जिनपिंग के खिलाफ भी बगावत का काउंटडाउन शुरू हो गया है। 

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 खिलाफ जाने वाले रातों-रात गायब करवा दिया

आजकल शी जिनपिंग डरे-डरे से हैं और उनकी रातों की नींद उड़ी हुई है। जब से शी ने पुतिन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह की खबर सुनी है तभी से जिनपिंग को बीजिंग में विद्रोह का डर सता रहा है। दरअसल, चीन में अब तक माना जाता था कि जिनपिंग का कोई विरोध करने वाला नहीं है। चीन में शी के खिलाफ जाने वाले रातों-रात गायब करवा दिए जाते थे। चीन के कई अरबपति गायब हो गए। जिनपिंग के कई राजनीतिक विरोधी कहां गए किसी को कुछ पता नहीं चला। लेकिन अब चीन के कई फौजी कमांडरों के भी गायब होने की खबर है। रूस के बाद चीन वो मुल्क है जहां बगावत का बिगुल बज रहा है। 

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जिनपिंग की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से नीचे गिर रहा

रूस में पुतिन की मजबूत सत्ता में हुई बगावत ने शी को बड़ा सदमा दे दिया है। चीन मामलों पर अमेरिका के एक एडवाइजर ने दावा किया है कि बीजिंग ने शी के खिलाफ बढ़ रही बेचैनी के बाद कभी भी बगावत हो सकती है। चीन में शी जिनपिंग की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से नीचे गिर रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी के कई बड़े नेता शी जिनपिंग से नाखुश हैं। जिनपिंग की पॉलिसी चीन को खोखला कर रही है। अरबपति कंगाल हो रहे हैं। शी के दुश्मन ताकतवर हो रहे हैं। ऐसे में शी हर उस चुनौती से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। जिनपिंग बगावत से पहले ही उसे कुचलने की तैयारी कर रही हैं। 

एक साल में 32 बार प्रदर्शन

 शी जिनपिंग के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वालों में सबसे आगे हू जिंताओ हैं। 22 अक्टूबर 2022 की वो तस्वीर तो सभी को याद होगी जब पूर्व राष्ट्रपति को जबरन खिंचवा कर मिटिंग से बाहर करवा दिया गया था। वो 2002 से 2012 तक चीन के सर्वोच्च नेता थे। कोरोना के वक्त जिनपिंग ने जुल्म और टार्चर की सारी हदें पार कर दी थी। लोगों को घरों में बंद कर उनके दरवाजे को वेलिंग तक करवा दिया था। अब चीन की जनता सड़कों पर आने लगी है। जहां किसी को प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है उस चीन में राष्ट्रपति जिनपिंग के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। पिछले एक साल में 32 ऐसे मौके आए हैं जब लोगों ने सड़क पर उतरकर जिनपिंग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया हो। 

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