कोरोना के नए वेरिएंट Neocov ने डराया, वैज्ञानिकों का दावा- हर 3 मरीज में से 1 की होगी मौत, क्या ये लाएगा चौथी लहर?

Neocov
अभिनय आकाश । Jan 28 2022 6:47PM

चीन के वुहान के वैज्ञानिकों ने इसको लेकर बड़ा दावा किया है। इस वेरिएंट का पता दक्षिण अफ्रीका से चला है। ओमिक्रॉन भी सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में ही पाया गया था। नियोकोव की संक्रमण और मृत्यु दर दोनों ही बहुत ज्यादा है। कहा तो ये भी जा रहा है कि कोरोना के इस नए वेरिएंट से हर तीन में से एक मरीज की जान जा सकती है।

इस वक्त देश कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से तीसरी लहर का सामना कर रहा है। पिछले एक दिन में 2 लाख 51 हजार नए कोरोना के केस रिकॉर्ड किए गए और मरने वालों की संख्या 627 रही है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से तीसरी लहर हम लगातार देख रहे हैं। लेकिन अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये तीसरी लहर खत्म होने को आई है। लेकिन अब ओमिक्रॉन के बाद कोरोना के नए वेरिएंट नियोकोव ने दुनिया की दहशत और बढ़ा दी है। कोविड के नए वेरिएंट नियोकोव को काफी घातक बताया जा रहा है। चीन के वुहान के वैज्ञानिकों ने इसको लेकर बड़ा दावा किया है। इस वेरिएंट का पता दक्षिण अफ्रीका से चला है। ओमिक्रॉन भी सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में ही पाया गया था। नियोकोव की संक्रमण और मृत्यु दर दोनों ही बहुत ज्यादा है। कहा तो ये भी जा रहा है कि कोरोना के इस नए वेरिएंट से हर तीन में से एक मरीज की जान जा सकती है। हालांकि भारत के लिए अच्छी खबर ये है कि अब तक नियोकोव वेरिएंट नहीं पाया गया है। 

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 टीका लेने के बाद भी हो सकते हैं संक्रमित 

वैज्ञानिकों ने बताया है कि कोविड से पहले संक्रमित हो चुके या कोविड का टीका लेने के बाद भी लोग नियोकोव और PDF-2180-CoV से लोग संक्रमित हो सकते हैं। वुहान यूनिवर्सिटी और चाइना अकादमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ताओं के मुताबिक इस नए कोरोना वायरस में इंसानों की कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए केवल एक म्‍यूटेशन की जरूरत है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निओकोव वायरस नया नहीं है। यह मर्स कोव वायरस MERS-CoV virus से जुड़ा है। 2012 में यह मध्य पूर्व के देशों में मिल चुका है। यह सार्स कोव 2 से मिलता-जुलता है, जिससे इंसानों में कोरोना वायरस फैला था। 

क्या आएगी चौथी लहर? 

कोरोना के तीसरी लहर खत्म होने का सबसे बड़ा कारण लोगों में नैचुरल इम्युनिटी का बनना है। भारत के अलावा किसी और देश में इतने बड़े पैमाने पर इंफेक्शन नहीं हुआ था। वायरस के प्रति हमें दो तरह से रोग प्रतिरोधक क्षमता मिलती है। पहली वैक्सीन के जरिये और दूसरी नैचुरल इम्युनिटी के जरिये। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दूसरी लहर में जिस तरह से करोड़ो लोग कोरोना की चपेट में आए थे। उसके बाद लोगों की जान तो गई लेकिन जिनकी जान नहीं उनके शरीर में  संक्रमण से उबरने के बाद नैचुरल इम्युनिटी बन गई। कहा जा रहा है कि देश में इसी वजह से हमें दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर का वैसा सामना नहीं करना पड़ा। 

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