Indira Gandhi की गलती से पाकिस्तान ने बनाया परमाणु बम! Ex-CIA ऑफिसर ने किया चौंकाने वाला खुलासा

bomb
AI Image
अभिनय आकाश । Nov 8 2025 12:55PM

कई रिपोर्टों और गोपनीय दस्तावेज़ों के अनुसार, भारत और इज़राइल ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए कहुटा स्थित यूरेनियम संवर्धन संयंत्र पर हमला करने की योजना बनाई थी।

पूर्व केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) अधिकारी रिचर्ड बार्लो ने एक चौंकाने वाला दावा किया है और खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान स्थित कहूटा परमाणु संयंत्र पर बमबारी करने के लिए भारत और इज़राइल के संयुक्त अभियान को मंज़ूरी नहीं दी थी। इस कदम को शर्मनाक बताते हुए बार्लो ने कहा कि कहूटा परमाणु संयंत्र को नष्ट करने से कई समस्याओं का समाधान हो सकता था। बार्लो ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि मैं 1982 से 1985 तक सरकार से बाहर था। और मुझे लगता है कि यह घटना मेरे सरकार से बाहर रहने के दौरान ही घटित हुई होगी। मैंने इसके बारे में कभी सुना था। लेकिन मैंने इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि ऐसा कभी हुआ ही नहीं। उन्होंने कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि इंदिरा गाँधी ने इसे मंज़ूरी नहीं दी। इससे बहुत सारी समस्याएँ हल हो जातीं।

इसे भी पढ़ें: Operation Sindoor से सबक लेकर Pakistan अब भारत के CDS की तर्ज पर बनायेगा CDF, कौन बनेगा Asim Munir का Boss ?

भारत और इज़राइल की कहुटा परमाणु संयंत्र को नष्ट करने की कथित योजना

कई रिपोर्टों और गोपनीय दस्तावेज़ों के अनुसार, भारत और इज़राइल ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए कहुटा स्थित यूरेनियम संवर्धन संयंत्र पर हमला करने की योजना बनाई थी। हालाँकि, बार्लो ने सुझाव दिया कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ऐसे किसी भी हमले के खिलाफ थे। खासकर इज़राइल की ओर से, क्योंकि वाशिंगटन अफ़ग़ानिस्तान में सोवियत समाजवादी गणराज्य (USSR) के खिलाफ युद्ध के प्रयासों में लगा हुआ था। बार्लो ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर मेनाकेम बेगिन ने ऐसा कुछ किया होता, तो रीगन उनके पैर काट देते। क्योंकि इससे अफ़ग़ान समस्या में बाधा उत्पन्न होती। मुनीर खान ने जो कहा वह यह था कि वे मूल रूप से मुजाहिदीन को दी जा रही गुप्त सहायता का इस्तेमाल ब्लैकमेल के तौर पर कर रहे थे। मुझे लगता है कि मुनीर सोलार्ज़ से यही कह रहे थे।

इसे भी पढ़ें: अवैध परमाणु गतिविधियां पुरानी आदत, पाकिस्तान पर भारत का तीखा प्रहार

एएनआई को दिए अपने साक्षात्कार में बार्लो ने दावा किया कि पाकिस्तान के परमाणु रहस्यों को 'उजागर' करने में उनकी 'ज़िंदगी बर्बाद' हो गई। गौरतलब है कि 1980 के दशक में जब पाकिस्तान अपना परमाणु कार्यक्रम चला रहा था, तब बार्लो सीआईए के प्रति-प्रसार अधिकारी थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास पाकिस्तान के परमाणु प्रतिष्ठानों के बारे में 'शानदार' खुफिया जानकारी थी। उन्होंने खुलासा किया कि अमेरिकी कांग्रेस, अरबों डॉलर की अमेरिकी सहायता के बीच पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति ज़िया-उल-हक के धोखे से नाराज़ थी और उसने सोलार्ज़ संशोधन लागू किया था, जिसमें अवैध परमाणु निर्यात के लिए सहायता में कटौती अनिवार्य कर दी गई थी।

All the updates here:

अन्य न्यूज़