दाऊद इब्राहिम की कराची में मौजूदगी पर पाकिस्तान ने फिर पलटा अपना बयान, कहा- 'यहां नहीं है'

Dawood Ibrahim

अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद वित्तपोषण पर निगरानी रखने वाली संस्था ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल’ (एफएटीएफ) द्वारा ‘काली सूची’ से डाले जाने से बचने की कोशिश के तहत पाकिस्तान ने शुक्रवार को 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम समेत उनके आकाओं पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगा दिये थे।

इस्लामाबाद।भारत में अतिवांछित आतंकवादी दाऊद इब्राहिम को नयी प्रतिबंध सूची में शामिल करने के कुछ दिन बाद पाकिस्तान ने रविवार को यह दावा करते हुए अपने यहां उसकी मौजूदगी की बात से पल्ला झाड़ने का प्रयत्न किया कि 88 आतंकवादी संगठनों एवं उनके नेताओं के बारे में उसकी अधिसूचना संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिये गए ब्योरे पर आधारित है। अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद वित्तपोषण पर निगरानी रखने वाली संस्था ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल’ (एफएटीएफ) द्वारा ‘काली सूची’ से डाले जाने से बचने की कोशिश के तहत पाकिस्तान ने शुक्रवार को 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम समेत उनके आकाओं पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगा दिये थे। पाकिस्तान सरकार ने इन संगठनों और आकाओं की सभी चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने और उनके बैंक खातों को सील करने का आदेश दिया। दाऊद कई गैरकानूनी कारोबार में शामिल है और 1993 मुंबई बम धमाके के बाद वह भारत के लिए सबसे बड़ा वांछित आतंकवादी है। वर्ष 2003 में अमेरिका ने दाऊद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। भारत पाकिस्तान से लागातर दाऊद को सौंपने की मांग करता रहा है ताकि उसपर उसके अपराधों का मुकदमा चलाया जा सके। उसके कराची में रहने की खबर है।

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मीडिया में ऐसी खबरें आने कि सरकार ने 18 अगस्त को दो नयी अधिसूचनाएं जारी कर मान लिया कि दाऊद इब्राहिम उसके देश में रह रहा है, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने आधी रात को इन खबरों के संदर्भ में एक बयान जारी किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि जारी किये गये वैधानिक नियामक आदेश (एसआरओ) संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित व्यक्तियों/ निकायों की सूची में दी गयी सूचना को परिलक्षित करते हैं। उसने कहा कि पाकिस्तान द्वारा नयी पाबंदियां लगाने संबंधी मीडिया की खबर तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है। बयान में दावा किया गया है कि एसआरओ की सूचना के आधार पर मीडिया के एक वर्ग द्वारा किया गया यह दावा कि पाकिस्तान ने सूचीबद्ध व्यक्तियों की अपनी सरजमीं पर मौजूदगी मान ली है, बेबुनियाद और गुमराह करने वाला है। उसने कहा, ‘‘ फिर दोहराया जाता है कि एसआरओ की सूचना दो पाबंदी व्यवस्थाओं के तहत निर्धारित व्यक्तियों/निकायों को सूची में शामिल करने के संबंध में दी गयी सूचनाओं का दोहराव भर है और यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है, प्रतिबंध सूची में ऐसे लोगों के अब भी नाम हैं जिनकी मौत की पुष्टि हो चुकी है। ’’

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उसने कहा कि विदेश मंत्रालय ने 18 अगस्त को जारी किये गये दो एसआरओ संयुक्त राष्ट्र तालिबान और आईएसआईएल (दाइश) और एक्यू प्रतिबंध सूची की वर्तमान स्थिति को दर्शाते हैं। बयान के अनुसार इन सूचियों में उन व्यक्तियों और निकायों के नाम हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत स्थापित दो प्रतिबंध व्यवस्थाओं के तहत निर्धारित किया गया है तथा समेकित एसआरओ समय-समय पर जारी करना नियमित विषय है। पाकिस्तान ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं को पूरा करने के लिए अतीत में भी ऐसे एसआरओ जारी किये। उसके अनुसार 2019 में भी ऐसे एसआरओ जारी किये गये थे। पेरिस स्थित एफएटीएफ ने जून, 2018 में पाकिस्तान को ‘संदिग्ध सूची’ में डाला था और उसे 2019 के अंत तक कार्ययोजना लागू करने को कहा था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसकी समय सीमा बढ़ा दी गई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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