समझौता ट्रेन विस्फोट के आरोपियों के बरी होने पर पाकिस्तानियों ने जताया विरोध
पिछले सप्ताह एक भारतीय अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जांचकर्ता आरोपियों को दोषी साबित नहीं कर पाये। 2007 में नयी दिल्ली से अटारी जा रही समझौता एक्सप्रेस की दो कोच में विस्फोट के बाद आग लग गयी थी।
लाहौर। समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 12 साल पहले हुए विस्फोट मामले में भारतीय अदालत द्वारा चार आरोपियों को बरी किये जाने के फैसले का इस विस्फोट में मारे गये पाकिस्तानी नागरिकों के परिजन विरोध कर रहे हैं। इस विस्फोट में 68 यात्री मारे गये थे। सोमवार को पूर्वी लाहौर शहर में एक रैली में ये परिजन ‘‘हमें इंसाफ चाहिए’’ के नारे लगा रहे थे और प्रधानमंत्री इमरान खान से इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ले जाने की मांग कर रहे थे।
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पिछले सप्ताह एक भारतीय अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जांचकर्ता आरोपियों को दोषी साबित नहीं कर पाये। 2007 में नयी दिल्ली से अटारी जा रही समझौता एक्सप्रेस की दो कोच में विस्फोट के बाद आग लग गयी थी। मरने वाले लोगों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। अटारी पाकिस्तान सीमा से पहले पड़ने वाला अंतिम स्टेशन है।
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Pakistan strongly condemns the Indian version of sham justice which translates to exonerating all perpetrators of the heinous #SamjhotaTerrorAttacks after more than 11 years, callously heedless to the families of the 44 Pakistani victims.
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) March 21, 2019
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