एक दिन में 1028 लोगों की मौत के बाद एक्शन में आए पुतिन, लोगों से एक हफ्ते की छुट्टी लेने को कहा
कोरोना की वजह से सभी से एक हफ्ते की छुट्टी लेने को कहा गया है। राष्ट्रपति पुतिन ने लोगों से एक हफ्ते तक काम पर बिल्कुल न आने की अपील की। रूस में पिछले 24 घंटों में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
एक तरफ जहां भारत में आज कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे कारगर हथियार यानी वैक्सीनेशन का आंकड़ा सौ करोड़ के पार कर गया है। भारत तेज रफ्तार के साथ वैक्सीनेशन के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वहीं एक देश ऐसा भी हैं जहां वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार ने कोरोना के मामलों में तेज गति से वृद्धि करवा दी है और आलम ये हो गया है कि पिछले 24 घंटे में एक हजार से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। रूस में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद एक बड़ा फैसला लिया गया है। कोरोना की वजह से सभी से एक हफ्ते की छुट्टी लेने को कहा गया है। राष्ट्रपति पुतिन ने लोगों से एक हफ्ते तक काम पर बिल्कुल न आने की अपील की। रूस में पिछले 24 घंटों में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पुतिन ने 30 अक्टूबर से देश भर में एक हफ्ते की पेड लीव घोषित करने के सरकार की योजना को अपनी मंजूरी दे दी है। उप प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा ने 30 अक्टूबर से शुरू कर एक सप्ताह का अवकाश घोषित करने का सुझाव दिया है क्योंकि 30 अक्टूबर के बाद सात दिन में से चार दिन सरकारी अवकाश है। जिसे पुतिन ने अपनी मंजूरी दे दी। पुतिन की ओर से कहा गया है कि इसका मुख्य मकसद लोगों के जीवन और सेहत की सुरक्षा है।
24 घंटे में 1028 लोगों की मौत
रूस में कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले 24 घंटे में 1,028 मरीजों की मौत हो गई जो कोविड-19 से प्रतिदिन होने वाली मौतों की सर्वाधिक संख्या है। देश में अब तक कोविड-19 से कुल 2,26,353 मरीजों की मौत हो चुकी है जो कि अब तक यूरोप में सबसे ज्यादा है। प्रतिदिन सामने आने वाले संक्रमण के मामलों में भी वृद्धि होना जारी है।
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वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार
रूस में कोरोना के बेलगाम होने के पीछे टीकाकरण की धीमी रफ्तार, एहतियात बरतने के प्रति जनता का ढुलमुल रवैया और पाबंदी लगाने के प्रति सरकार की आनाकानी इसकी प्रमुख वजहें हैं। रूस की लगभग 32 प्रतिशत जनता या साढ़े चार करोड़ लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। रूसी राष्ट्रपति की ओर से भी टीकाकरण की धीमी रफ्तार को बढ़ रहे केसों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। रूस में स्पुतनिक वी वैक्सीन की उपलब्धता के बावजूद सिर्फ 35% लोग फुली वैक्सीनेटेड हो पाए हैं।
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